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100 चरनियों का प्रदर्शन, हमारे विश्वास के लिए महान शिक्षा

संत पापा ने वाटिकन में स्थापित 100 चरनियों के दर्शन हेतु विश्वासियों को आमंत्रित किया तथा महामारी के कारण समुद्रों में फंसे नाविकों के लिए प्रार्थना की।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार, 21 दिसम्बर 2020 (रेई)- देवदूत प्रार्थना के उपरांत संत पापा ने संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में उपस्थिति विश्वासियों एवं संचार माध्यमों से जुड़े सभी भाई बहनों का अभिवादन किया।

उन्होंने नाविकों की याद करते हुए कहा, "कोरोनावायरस महामारी ने नाविकों की परेशानी को अधिक बढ़ा दिया है। उनमें से कई, विश्वभर में करीब 4,00,000 लोग जहाजों में फंसे हुए हैं। कॉन्ट्रैक्ट समाप्त हो जाने पर भी वे घर नहीं लौट पा रहे हैं।" संत पापा ने उनके लिए सागर की रानी माता मरियम से प्रार्थना की तथा सरकारों से अपील की कि वे उनकी मदद करें जिससे कि वे अपने प्रियजनों के पास लौट सकें।

100 चरनी के दर्शन हेतु निमंत्रण

वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में स्तम्भों के बीच स्थापित 100 चरनी का दर्शन करने हेतु निमंत्रण देते हुए संत पापा ने कहा, "इस साल 100 चरनी के आयोजकों ने इसे स्तम्भों के बीच प्रदर्शनी हेतु स्थापित करने का अच्छा विचार किया है। इसमें कई चरनियाँ हैं जो ईश्वर की प्रजा के लिए विश्वास की धर्मशिक्षा देती हैं। मैं आप सभी को आमंत्रित करता हूँ कि स्तम्भ के नीचे चरनियोँ का दर्शन करें, ताकि आप समझ सकें कि लोग किस तरह येसु के जन्म को प्रकट करने की कोशिश करते हैं। स्तम्भ के नीचे स्थापित चरनियाँ हमारे विश्वास की महान शिक्षा देती हैं।"

उसके बाद संत पापा ने रोम तथा विश्व के विभिन्न हिस्सों के तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों, परिवारों, पल्ली दलों, संगठनों और विश्वासियों का अभिवादन किया। सभी को ख्रीस्त जयन्ती की शुभकामनाएँ देते हुए कहा, "आनेवाला क्रिसमस हम प्रत्येक के लिए आंतरिक नवीनीकरण, प्रार्थना, मन-परिवर्तन, विश्वास एवं भाईचारा में आगे बढ़ने का अवसर हो। हम अपने आसपास नजर डालें, सबसे बढ़कर गरीबों पर ध्यान दें, जो पीड़ित हैं, वे हमारे भाई हैं। वे चरनी पर पड़े येसु हैं। दुःख सहने वाले येसु हैं। हम इसपर चिंतन करें। यह ख्रीस्त जयन्ती इन भाई बहनों में येसु के प्रति सामीप्य हो। जरूरतमंद भाई एक चरनी के समान है जिसके पास हमें एकात्मता के साथ जाना है। यह एक जीवित चरनी है जिसमें हम जरूरतमंद व्यक्ति में सच्चे मुक्तिदाता से मुलाकात कर सकते हैं। अतः हम उस पवित्र रात की ओर बढ़ें जो मुक्ति के रहस्य की पूर्णता का इंतजार कर रही है।"

अंत में, संत पापा ने प्रार्थना का अग्रह करते हुए सभी को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।        

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21 December 2020, 14:36