संत मरियम, संत जोसेफ और येसु संत मरियम, संत जोसेफ और येसु 

संत जोसेफ वर्ष में कलीसिया द्वारा पूर्ण पाप मुक्ति

संत पापा फ्राँसिस ने 8 दिसम्बर 2020 से 8 दिसम्बर 2021 को संत जोसेफ का विशेष वर्ष घोषित करते हुए, इस वर्ष में पूर्ण पाप मुक्ति प्राप्ति की घोषणा की।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 8 दिसम्बर 2020 (रेई)-वाटिकन के प्रायश्चित संबन्धी प्रेरितिक विभाग (अपोस्तोलिक पेनिटेनसियेरी) ने 8 दिसम्बर को एक आज्ञप्ति जारी कर पूर्ण पाप मुक्ति की घोषणा की। संत जोसेफ को विश्वव्यापी कलीसिया के संरक्षक घोषित किये जाने की 150वीं वर्षगाँठ पर तथा माता मरियम के निष्कलंक गर्भागमन महापर्व के अवसर पर इसकी घोषणा की गई है।

संत पापा द्वारा संत जोसेफ के वर्ष की घोषणा

संत जोसेफ के वर्ष के दौरान विश्वासी, प्रार्थना और भले कार्यों से अपने आपको समर्पित करेंगे ताकि वे नाजरेथ के स्वार्गीय परिवार के प्रमुख संत जोसेफ की मध्यस्थता द्वारा, समकालीन दुनिया को घेरनेवाली गंभीर मानवीय एवं सामाजिक समस्याओं से आराम और राहत पा सकेंगे।”

संत जोसेफ की भक्ति

अपोस्तोलिक पेनिटेन्सियेरी के प्रमुख कार्डिनल मौरो पियांचेंत्सा तथा फादर क्रेस्तोफ नाकिएल द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया है कि संत जोसेफ की भक्ति बड़े पैमाने पर पूरी कलीसिया के इतिहास में विकसित हुई है। यह सम्मान उन्हें न केवल ईश्वर की माता अपनी पत्नी के कारण बल्कि उनके कई संरक्षणों के कारण मिला है।     

साथ ही, कलीसिया की धर्मशिक्षा ने संत जोसेफ के इस खजाने से उनकी पुरानी और नयी महानता को प्राप्त करना जारी रखा है। संत मती रचित सुसमाचार में उन्हें उस स्वामी के रूप में प्रस्तुत किया गया है जो अपने भंडार से नयी और पुरानी चीजें लाता है।  

इस प्रकार, संत पापा के आदेश पर प्रेरितिक प्रायश्चित विभाग की आज्ञप्ति द्वारा  पाप मुक्ति की कृपा में "निर्धारित उद्देश्य की पूर्ण प्राप्ति हेतु महान लाभ होगा।"

पूर्ण पाप मुक्ति प्राप्ति की शर्तें

पूर्ण पाप मुक्ति की कृपा विश्वासियों को उस स्थिति में प्राप्त होगी जब वे ख्रीस्तीय होने की सामान्य स्थिति (मेल-मिलाप संस्कार में भाग लेना, पवित्र परमप्रसाद ग्रहण करना एवं संत पापा के मतलब के लिए प्रार्थना करना) में होंगे, वे पाप के हर बंधन से मुक्त होंगे, जब वे संत जोसेफ के इस वर्ष में, प्रेरितिक प्रायश्चित विभाग द्वारा निर्दिष्ट तरीकों एवं अवसरों में भाग लेंगे-

-पूर्ण पाप मुक्ति उन लोगों को प्राप्त होगी जो प्रभु की प्रार्थना (हे हमारे की प्रार्थना) पर 30 मिनट तक चिंतन करेंगे या कम से कम एक दिन की आध्यात्मिक साधना में भाग लेंगे जिसमें संत जोसेफ पर चिंतन किया जाएगा।

आज्ञप्ति में कहा गया है, "संत जोसेफ विश्वास के एक सच्चे व्यक्ति, हमें निमंत्रण देते हैं कि हम पिता के साथ पुत्र तुल्य अपने संबंध को प्राप्त कर सकें, प्रार्थना, विश्वास, सुनने तथा बातचीत में ईश्वर की इच्छा पर गहन आत्मजाँच कर सकें।"

-पूर्ण पाप मुक्ति की प्राप्ति संत जोसेफ के उदाहरणों को अपनाने के द्वारा भी की जा सकती है। वे आध्यात्मिक या शीरीरिक दया के कार्य द्वारा उसे अपना सकते हैं। संत जोसेफ हमें अपने कर्तव्यों को मौन, बुद्धिमत्ता एवं निष्ठा के साथ पूरा करने का प्रोत्साहन देते हैं।     

- सभी ख्रीस्तीय परिवार, पवित्र परिवार के समान एकता, प्रेम और प्रार्थनामय वातावरण प्राप्त कर सकें, इसके लिए परिवारों में और मंगेतरों के बीच रोजरी माला विन्ती करने के द्वारा भी पूर्ण पाप मुक्ति प्राप्त की जा सकती है।

- प्रत्येक व्यक्ति जो अपने दैनिक कार्यों को संत जोसेफ के संरक्षण में समर्पित करता और जो विश्वासी संत जोसेफ की मध्यस्थता की याचना करता है ताकि काम की खोज करनेवाले प्रतिष्ठापूर्ण कार्य प्राप्त कर सकें, वे भी पूर्ण पाप मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं। 1 मई 1955 को संत पापा पीयुस 12वें ने संत जोसेफ के पर्व की स्थापना की थी जिनका मकसद था काम की प्रतिष्ठा को सभी पहचान सकें और यह सामाजिक जीवन एवं नियमों को प्रेरित कर सके जो अधिकार एवं कर्तव्यों के उचित वितरण पर आधारित हो।   

- संत जोसेफ की स्तुति विन्ती करनेवालों या धर्मविधिक परम्परा के अनुसार प्रताड़ित कलीसिया एवं ख्रीस्तियों पर हर प्रकार के अत्याचार से राहत के लिए संत जोसेफ से प्रार्थना करनेवालों को भी पूर्ण पाप दण्डमोचन प्राप्त होगी, क्योंकि पवित्र परिवार का मिस्र देश में पलायन दिखलाता है कि जहाँ खतरा है, जहाँ पीड़ा है, जहाँ वह भागता है, जहाँ वह तिरस्कार एवं परित्यक्त महसूस करता है ईश्वर वहाँ उपस्थित हैं।

एक विश्वव्यापी संत

साथ ही साथ, उन विश्वासियों को भी पूर्ण दण्डमोचन मिलेगा, जो संत जोसेफ के आदर में किसी कानूनी रूप से स्वीकृत प्रार्थना को करेंगे, खासकर, लातीनी परम्परा के अनुसार संत जोसेफ को समर्पित पर्व, जैसे- 19 मार्च, 1 मई, येसु के पवित्र परिवार का पर्व, मरियम एवं जोसेफ का पर्व, संत जोसेफ का रविवार, हर माह के 19 तारीख और हर बुधवार को।

अविला की संत तेरेसा ने संत जोसेफ को जीवन की हर परिस्थिति में रक्षक माना था। संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने संत जोसेफ को सभी समय की कलीसिया के द्वारा नवीकृत सम्मान प्राप्त कहा था।

बीमार लोगों के लिए  

कोविड-19 के कारण स्वास्थ्य संकट के बीच, रोगियों, बुजूर्गों, मरनासन्न में पड़े लोगों और वैध कारणों से घर से बाहर नहीं निकल सकनेवालों के लिए भी पूर्ण पाप मुक्ति प्रदान की जाएगी।  

वे पूर्ण दण्डमोचन प्राप्त कर सकते हैं यदि वे सभी पापों के बंधन से मुक्त हैं एवं जितनी जल्दी संभव हो तीन शर्तों को पूरा करने की चाह रखते हैं तथा संत जोसेफ की भक्ति रखते हुए, जीवन के दुःखों एवं कठिनाईयों को ईश्वर को अर्पित करते हैं।

पुरोहितों की भूमिका

प्रेरितिक प्रायश्चित विभाग ने पुरोहितों को प्रोत्साहन दिया है कि वे तत्पर एवं उदार हृदय वाले बीमार लोगों के लिए पश्चाताप की धर्मविधि एवं पवित्र परमप्रसाद प्रदान करने पर अधिक ध्यान दें।

 

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08 December 2020, 18:36