4 सितम्बर 2014 को वाटिकन में संत पापा और फुटबाल चैंपियन डिएगो अरमांडो माराडोना की मुलाकात 4 सितम्बर 2014 को वाटिकन में संत पापा और फुटबाल चैंपियन डिएगो अरमांडो माराडोना की मुलाकात 

संत पापा ने डिएगो माराडोना के निधन पर प्रार्थना की

संत पापा फ्राँसिस ने बुधवार को 60 साल की उम्र में अर्जेंटीना फुटबाल चैंपियन डिएगो अरमांडो माराडोना के निधन के बाद उन्हें अपनी प्रार्थना में याद किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, गुरुवार 26 नवम्बर 2020 (वाटिकन न्यूज) : डिएगो माराडोना का बुधवार को अर्जेंटीना के टाइग्रे में अपने घर पर का 60 साल की उम्र में कार्डिएक अरेस्ट के कारण निधन हो गया।

सिर्फ साठ साल की असामयिक उम्र में, वे फुटबॉल की दुनिया में एक नायाब शून्य छोड़ गये हैं। दुनिया ने एक महान खेलाड़ी को खो दिया है। उसकी खेल प्रतिभा को हम हम फिर कभी नहीं देखेंगे।

संत पापा की प्रार्थना

डिएगो ने संत पापा फ्राँसिस से कई अवसरों पर मुलाकात की। सबसे खास बात 4 सितंबर 2014 को वाटिकन में संत पापा के निवास कासा सांता मार्था में, एक चैरिटी मैच से पहले डिएगो ने संत पापा को "फ्रांसिस्को" के साथ प्रसिद्ध 10 नंबर की जर्सी उपहार में दिया।

एक साल बाद फिर से संत पापा के स्कोलास ओकुरेंतेस दुनिया भर में युवा लोगों के आंदोलन में वे संत पापा फ्राँसिस से मिले।

संत पापा फ्राँसिस ने डिएगो के लिए हालिया स्वास्थ्य समस्याओं और मस्तिष्क के थक्के को हटाने के लिए सर्जरी के दौरान उनके लिए प्रार्थना कर रहे थे और अब उसकी मृत्यु के घंटे में भी प्रार्थना जारी रखा। वाटिकन प्रेस कार्यालय के निदेशक, मत्तेयो ब्रूनी ने बुधवार शाम को कहा कि संत पापा "हाल के वर्षों में माराडोना के साथ हुई मुलाकात को सस्नेह याद करते हैं और उन्होंने हाल ही में उनकी खराब सेहत को जानने के बाद उन्हें प्रार्थना में याद करते हैं।

विनम्र शुरुआत

माराडोना ने अर्जेंटीना को साल 1986 में मेक्सिको में आयोजित वर्ल्ड कप में जीत दिलाई और चार बार टूर्नामेंट के फ़ाइनल तक पहुँचाया। 1986 के वर्ल्ड कप के क्वार्टर फ़ाइनल में माराडोना ने कुछ ऐसा किया, जिसकी चर्चा हमेशा होती रहेगी।

मेक्सिको में क्वार्टर फ़ाइनल का यह मैच अर्जेंटीना और इंग्लैंड के बीच था। दोनों देशों के बीच यह मैच पहले से ही ज़्यादा तनावपूर्ण था क्योंकि इंग्लैंड और अर्जेंटीना के बीच सिर्फ़ चार साल पहले फ़ॉकलैंड्स युद्ध हुआ था।

22 जून 1986 को साँसें थमा देने वाले इस रोमांचक मैच के 51 मिनट बीत गए थे और दोनों टीमों में से कोई एक भी गोल नहीं कर पाया था। इसी समय माराडोना विपक्षी टीम के गोलकीपर पीटर शिल्टन की तरफ़ उछले और उन्होंने अपने हाथ से फ़ुटबॉल को नेट में डाल दिया। हाथ का इस्तेमाल होने की वजह से यह गोल विवादों में आ गया।

फ़ुटबॉल के नियमों के अनुसार हाथ का इस्तेमाल होने के कारण यह गोल फ़ाउल था और इसके लिए माराडोना को 'येलो कार्ड' दिखाया जाना चाहिए था। लेकिन उस समय वीडियो असिस्टेंस टेक्नॉलजी नहीं थी और रेफ़री इस गोल को ठीक से देख नहीं पाए। इसलिए इसे गोल माना गया और इसी के साथ अर्जेंटीना 1-0 से मैच में आगे हो गया।

कठिन लड़ाइयाँ

गरीबी में जन्मे, डिएगो ने अपने बूटस्ट्रैप्स से खुद को ऊपर उठाया, विरोधियों को मंत्रमुग्ध किया और दुनिया भर के खेल प्रशंसकों का सम्मान अर्जित किया। मात्र 21 वर्षीय माराडोना अर्जेंटीना के स्टार खिलाड़ी के रूप में उभर कर आए। माराडोना ने अर्जेंटीना के लिए 91 मैच खेले जिसमें उन्होंने 34 गोल दागे। इतना ही नहीं, उन्होंने चार विश्व कप में अर्जेंटीना का प्रतिनिधित्व किया। लेकिन अन्य प्रतिभाओं की तरह, उनका शिल्प और प्रतिभा एक विशिष्ट क्षेत्र तक ही सीमित था। उन्होंने अपने जीवन के अन्य पहलुओं में कड़ी मेहनत से संघर्ष किया, ड्रग्स और अल्कोहल से संबंधित समस्याओं से घिरे। उन्होंने कभी भी बहाना या छिपाने का प्रयास नहीं किया। माराडोना ने साल 1997 में अपने 37वें जन्मदिन पर प्रोफ़ेशनल फ़ुटबॉल से रिटायरमेंट ले लिया था।

कुछ लड़ाइयों को नहीं जीता जा सकता है। बल्कि, यह साहसपूर्ण तरीके से लड़े जाते हैं जो करतब को इतना यादगार और विनम्र बनाते हैं।

व्यापक श्रद्धांजलि

डिएगो माराडोना के निधन के बाद अर्जेंटीना में तीन दिन का राष्ट्रीय शोक है। माराडोन के पार्थिव शरीर को राष्ट्रपति के दफ़्तर कासा रोसारा लाया गया है। यहां तीन दिनों तक लोग श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे।

गैरी लाइनकर, जो अपने आप में एक स्टार थे और उस इंग्लैंड टीम के सदस्य थे, ने माराडोना की मृत्यु के बाद उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा, "डिएगो मेरी पीढ़ी के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी और यकीनन सबसे महानतम खिलाड़ी थे।"

माराडोना की टीम के साथी रहे ओहवाल्दो अर्बिलेस ने कहा कि जितनी शोहरत और प्रशंसा माराडोना को मिली उतनी आज के फ़ुटबॉल के सुपरस्टार लियोनेल मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो को भी नहीं मिली।

शीर्ष स्थान के लिए डिएगो के प्रतिद्वंद्वी पेले ने श्रद्धांजलि में कहा, "मैंने एक क़रीबी दोस्त खो दिया और दुनिया ने एक महान खिलाड़ी खोया है। मुझे उम्मीद है कि एक दिन हम दोनों आसमान में एक साथ फ़ुटबॉल खेलेंगे।"

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26 November 2020, 14:27