मिशनरी पुरोहित की रिहाई पर संत पापा ने आभार व्यक्त किया
माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, सोमवार 19 अक्टूबर 2020 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने रविवार को संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में देवदूत प्रार्थना के बाद फादर पियरलुइजी माकाल्ली की रिहाई के लिए ईश्वर के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा: "मैं फादर पियरलुइजी माकाल्ली की लंबे समय से प्रतीक्षित रिहाई के लिए ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ, जिन्हें नाइजर में दो साल पहले अपहरण कर लिया गया था।"
संत पापा ने अन्य बंधकों की रिहाई के लिए भी खुशी जताई और कहा कि "हम मिशनरियों और प्रचारकों और उन सभी लोगों के लिए प्रार्थना करना जारी रखते हैं, जिन्हें दुनिया के विभिन्न हिस्सों में सताया या अपहरण किया जाता है।"
इटालियन मिश्नरी पुरोहित पियरलुइजी माकाल्ली को नाइजर में 17 सितम्बर 2018 को अपहरण किया गया था। जिहादी आतंकवादियों के हाथों दो साल कैद में रहने के बाद फादर माकाल्ली और तीन अन्य बंधकों को 8 अक्टूबर को रिहा कर दिया गया।
विश्व मिशन दिवस
संत पापा ने कहा आज कलीसिया ‘विश्व मिशन दिवस’ मना रही है जिसकी विषय वस्तु “बपतिस्मा लिया और भेजा गया। भाईचारा का बुनकर” इसायह की पुस्तक, से ली है।
1926 में संत पापा पियुस ग्यारहवें ने काथलिकों को प्रार्थना और बलिदान के माध्यम से कलीसिया के मिशनरी कार्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और समर्थन की याद दिलाने के लिए विश्व मिशन दिवस, या मिशन रविवार को स्थापित किया।
लोक धर्मियों और समर्पित लोगों द्वारा किए गए धर्मप्रचार के अनमोल काम पर जोर देते हुए, संत पापा फ्राँसिस ने "बुनकर" शब्द पर टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रत्येक ख्रीस्तीय ‘भाईचारे का बुनकर’ बनने के लिए बुलाया है। "एक विशेष तरीके से, मिशनरी, पुरोहित, लोकधर्मी और धर्मसंघी, जो दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में सुसमाचार को बोते हैं, उन्हें भ्रातृत्व का बुनकर कहा जाता है। हम उनके लिए प्रार्थना करते हैं और उन्हें अपना ठोस समर्थन देते हैं।"
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