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संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस 

ईश्वर भेजे गये लोगों से फल की आशा करते हैं, संत पापा

4 अक्टूबर को संत पापा फ्राँसिस से भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया, उन्होंने सुसमाचार पाठ में निहित हिंसक असामियों के दृष्टांत पर चिंतन किया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार, 5 अक्टूबर 2020 (रेई)- वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 4 अक्टूबर को संत पापा फ्राँसिस से भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया, देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।

आज के सुसमाचार पाठ में (मती.21,33-43) येसु अपने दुःखभोग और मृत्यु का पूर्वाभास करते हुए हिंसक असामियों का दृष्टांत सुनाते हैं ताकि महायाजकों और जनता के नेताओं को चेतावनी दे सकें जो गलत रास्ते पर चल रहे थे। निश्चय ही, वे लोग उनके प्रति बुरी भावना रखते थे और उन्हें खत्म करने का रास्ता खोज रहे थे।

दाखबारी का दृष्टांत

दृष्टांत में एक मालिक के बारे बतलाया गया है जो अपनी दाखबारी की बहुत देखभाल करने के बाद (33) उसे पट्टे पर देकर परदेश चला गया। फसल का समय आने पर उसने फसल का हिस्सा वसूलने के लिए असामियों के पास अपने नौकरों को भेजा किन्तु असामियों ने उनके नौकरों को पकड़कर उनमें से किसी को मारा-पीटा, किसी की हत्या कर दी और किसी को पत्थर से मार डाला। इसके बाद उसने पहले से अधिक नौकरों को भेजा और असामियों ने उनके साथ भी वैसा ही किया। (34-36) अंत में उसने यह सोचकर अपने पुत्र को भेजा कि वे मेरे बेटे का आदर करेंगे। किन्तु पुत्र को देखकर असामियों ने एक-दूसरे से कहा, यह तो उत्तराधिकारी है चलो, हम इसे मार डालें और इसकी विरासत पर कब्जा कर लें। उन्होंने उसे पकड़ लिया और दाखबारी के बाहर निकाल कर मार डाला।( 37-39)

दृष्टांत का अर्थ

संत पापा ने कहा, "दाखबारी का दृश्य स्पष्ट है, यह उन लोगों का प्रतीक है जिन्हें प्रभु ने चुना है और बड़ी सावधानी से उनकी देखभाल की है, सेवक जो मालिक के द्वारा भेजे गये थे वे नबी हैं वे ईश्वर द्वारा भेजे गये हैं, जबकि बेटा येसु का प्रतीक है। जिस तरह नबियों का बहिष्कार किया गया उसी तरह येसु का भी बहिष्कार किया गया और उन्हें मार डाला गया।" 

कहानी के अंत में येसु जनता के नेताओं से सवाल करते हैं : जब दाखबारी का स्वामी लौटेगा, तो वह उन असामियों का क्या करेगा? (40) तब दृष्टांत के तर्क के अनुसार वे अपने ही दण्ड को सामने रखते हुए कहते हैं, स्वामी "उन दुष्टों का सर्वनाश करेगा और अपनी दाखबारी का पट्टा दूसरे असामियों को देगा जो समय पर फसल का हिस्सा देते रहेंगे।"(41)

आज भी येसु अपनी दाखबारी से फल की प्रतीक्षा करते हैं

इस कड़े दृष्टांत के द्वारा येसु अपने वार्ताकारों को उनकी जिम्मेदारियों के साथ सामना करते हैं और इससे वे बिलकुल स्पष्ट रूप में प्रस्तुत करते हैं। संत पापा ने कहा किन्तु हम न सोचें कि यह चेतावनी सिर्फ उन लोगों पर लागू होती है जिन्होंने येसु के समय में इंकार किया था। यह सभी समय के लिए है और हमारे समय के लिए भी। आज भी येसु अपनी दाखबारी से फल की प्रतीक्षा करते हैं उन लोगों से, जिन्हें उसमें काम करने के लिए भेजा गया है, हम सभी से।   

हर युग में, जिन्हें अधिकार है, कोई भी अधिकार, कलीसिया में, ईश प्रजा के बीच, वे ईश्वर की अपेक्षा, अपने फायदे के लिए कार्य करने के प्रलोभन में पड़ सकते हैं। येसु कहते हैं कि "सच्चा अधिकार सेवा में प्रकट होता है, सेवा करने में, न कि शोषण करने में, क्योंकि दाखबारी प्रभु का है हमारा नहीं। अधिकार एक सेवा है, और इसका प्रयोग सभी की अच्छाई के लिए एवं सुसमाचार प्रचार के लिए किया जाना चाहिए। यह देखना बुरा है कि कलीसिया में कुछ लोग जिन्हें अधिकार मिला है वे अपने फायदे की खोज करते हैं।"  

प्रभु की दाखबारी में अच्छे सेवक कैसे बन सकते हैं

पाठ पर चिंतन करते हुए संत पापा ने कहा, "संत पौलुस आज की धर्मविधि के दूसरे पाठ में बतलाते हैं कि हम किस तरह प्रभु की दाखबारी में अच्छे सेवक बन सकते हैं वे कहते हैं कि सच्चा, आदरणीय, न्यायसंगत, निर्दोष, प्रीतिकार, मनोहर, उत्तम और प्रशंसनीय आदि सदगुण हमारे दैनिक जीवन के प्रयासों में शामिल हों। (फिलि.4:8)

यह एक अधिकारी का मनोभाव है और हम सभी का भी क्योंकि हरेक व्यक्ति अपने तरीके से छोटे रूप में अधिकारी है। इस तरह हम एक ऐसी कलीसिया का निर्माण करेंगे जो पवित्रता का अधिक फल उत्पन्न करेगी। इस तरह हम महिमा प्रकट करेंगे पिता की जो हमें असीम कोमलता से प्यार करते हैं, पुत्र की जो हमें मुक्ति प्रदान करते हैं, आत्मा की जो हमारे हृदयों को खोलते एवं हमें पूर्ण अच्छाई की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।  

अक्टूबर माह में रोजरी माला विन्ती

तब संत पापा ने अक्टूबर माह में रोजरी माला विन्ती करने का प्रोत्साहन देते हुए कहा, "हम इस समय अति पवित्र मरियम की ओर नजर लगायें, प्रार्थना के लिए पोम्पेई के तीर्थस्थल पर एकत्रित विश्वासियों के साथ आध्यात्मिक रूप से जुड़कर, इस अक्टूबर माह में पवित्र रोजरी माला की विन्ती को फिर से करें।"

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को पना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

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05 October 2020, 15:09