रोमन कूरिया के कार्डिनल रोमन कूरिया के कार्डिनल 

पृथ्वी के सभी कोनों से आने वाले 13 नए कार्डिनल

संत पापा फ्राँसिस ने रविवार को 13 नए कार्डिनलों की घोषणा की। वे अफ्रीका, एशिया (ब्रुनेई और फिलीपींस), उत्तर और दक्षिण अमेरिका और इटली से आते हैं। सभी नये कार्डिनलों की लघु जीवनी प्रस्तुत किये जा रहे हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 26 अक्टूबर 2020 (वाटिकन न्यूज) : रविवार 25 अक्टूबर को संत पापा फ्राँसिस ने संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में वहाँ उपस्थित विश्वासियों के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। इसके उपरांत उन्होंने कलीसिया के कामें में अपनी मदद करने हेतु 13 नए कार्डिनलों की घोषणा की। सभी नये कार्डिनलों की लघु आत्मकथा इस प्रकार है।

धर्माध्यक्ष मारियो ग्रेच- धर्माध्यक्षों की धर्मसभा के महासचिव

धर्माध्यक्ष मारियो ग्रेच का जन्म 20 फरवरी 1957 को गोज़ो धर्मप्रांत में क्वाला (माल्टा) में हुआ था। उन्होंने गोज़ो में प्राथमिक स्कूल और हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की, इसके बाद गोज़ो के सेमिनरी में दार्शनिक और धर्मशास्त्रीय अध्ययन किया। 26 मई 1984 को पुरोहिताभिषेक के बाद, वे उच्च शिक्षा के लिए रोम आये और लाटेरन यूनिवर्सिटी से कैनन लॉ में मास्टर और अंजेलिकुम यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। माल्टा लौटने के बाद, उन्होंने गोजो के महागिरजाघर में, तान-पिनू के राष्ट्रीय तीर्थालय में प्रेरितिक सेवा प्रदान की। वे केरेसम पल्ली के पल्लीपुरोहित थे। इसके बाद उन्होंने माल्टा के मेट्रोपोलिटन ट्रिब्यूनल के सदस्य, सेमिनरी में कैनन लॉ के प्रोफेसर,  धर्मप्रांत में न्यायिक विकार के रुप में अपनी सेवा दी। संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें ने 26 नवंबर 2011 को उन्हें गोजो का धर्माध्यक्ष नियुक्त किया। 2 अक्टूबर 2019 को संत पापा फ्राँसिस ने उन्हें धर्माध्यक्षों की धर्मसभा के उपमहासचिव नियुक्त किया। इस वर्ष 15 सितंबर को वे धर्माध्यक्षों की धर्मसभा के महासचिव बने।

संत पापा के साथ महाधर्माधअयक्ष मारियो ग्रेच
संत पापा के साथ महाधर्माधअयक्ष मारियो ग्रेच

धर्माध्यक्ष मारचेल्लो सेमेरारो – परमधर्मपीठीय संत प्रकरण परिषद के प्रीफेक्ट

धर्माध्यक्ष सेमेरारो का जन्म 22 दिसंबर 1947 को लेच्चे (इटली) में हुआ था। उन्होंने रोम के लातेरन विश्वविद्यालय में दर्शन और धर्मशास्त्र का अध्ययन किया और पवित्र धर्मशास्त्र में डॉक्ट्रेट की उपाधि प्राप्त की। उन्हें 1998 में ओरिया का धर्माध्यक्ष, 2004 में अल्बानो का धर्माध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उन्हें 2013 में कार्डिनलों की परिषद का सचिव नियुक्त किया गया था। पिछले 15 अक्टूबर को, संत पापा फ्राँसिस ने उन्हें परमधर्मपीठीय संत प्रकरण परिषद के प्रीफेक्ट के रूप में नियुक्त किया था।

धर्माध्यक्ष मारचेल्लो सेमेरारो
धर्माध्यक्ष मारचेल्लो सेमेरारो

महाधर्माध्यक्ष अंतोनी कांबांडा - चिगाली (रवांडा) के महाधर्माध्यक्ष

महाधर्माध्यक्ष कांबंडा का जन्म 1958 में चिगाली महाधर्मप्रांत में हुआ था और 1990 में संत पापा जॉन पॉल द्वितीय ने रवांडा के अपने प्रेरितिक दौरे पर उनका पुरोहिताभिषेक किया। उनके परिवार के सभी सदस्य 1994 में युद्ध के दौरान मारे गए थे, सिवाय एक भाई के जो इटली में रहते हैं। अपने अभिषेक के बाद से उन्होंने कई शैक्षणिक, प्रेरितिक और प्रशासनिक क्षेत्रों में काम किया है, जिनमें शामिल हैं: चिगाली धर्मप्रांत के कारितास निदेशक,  न्याय और शांति पर धर्मप्रांतीय आयोग के निदेशक, बुटेर के न्याकिबंडा सेमिनरी में  नैतिक सिद्धांत के प्रोफेसर और कुटाली के रुटोंगो मेजर सेमिनरी के आध्यात्मिक निदेशक। 2006 की शुरुआत में उन्होंने बुटेर के न्याकिबंडा में संत चार्ल्स मेजर सेमिनरी के रेक्टर के रूप में अपनी सेवा दी। उन्हें 7 मई 2013 को चिबंगो धर्मप्रांत का धर्माध्यक्ष नियुक्त किया गया था और बाद में 19 नवंबर 2018 को चिगाली का महाधर्माध्यक्ष नियुक्त किया गया।

महाधर्माध्यक्ष अंतोनी कांबांडा - चिगाली (रवांडा) के महाधर्माध्यक्ष
महाधर्माध्यक्ष अंतोनी कांबांडा - चिगाली (रवांडा) के महाधर्माध्यक्ष

 महाधर्माध्यक्ष विल्सन डैनियल ग्रेगरी, वाशिंगटन डीसी के महाधर्माध्यक्ष

महाधर्माध्यक्ष विल्सन का जन्म 7 दिसंबर 1947 को शिकागो के इलिनोइस में हुआ था। 9 मई 1973 को शिकागो महाधर्मप्रांत के लिए उनका पुरोहिताभिषेक किया गया था। उन्होंने नील महाविद्यालय में दर्शनशास्त्र का अध्ययन किया और इलिनोइस के मुंडेलिन संत मेरी सेमिनरी में धर्मशास्त्र का अध्ययन किया और 1980 में रोम के संत अनसेल्मो  पोंटिफिकल एथेनियम से पूजन धर्म-विधि में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। पुरोहिताभिषेक के बाद, उन्होंने निम्नलिखित पदों पर अपनी सेवाएँ दी: ग्लेनव्यू में नित्य सहायता माता पल्ली के सहायक पल्ली पुरोहित, मुंडेलिन में लेक सेमिनरी के पूजन धर्म-विधि के प्रोफेसर, कार्डिनल कोडी और कार्डिनल बर्नार्डिन (1980-1983) का धर्मविधि समारोहों के व्यवस्थापक और महाधर्मप्रांतीय धर्मविधि कार्यालय के सदस्य। उन्हें 18 अक्टूबर 1983 को ओलिवा का धर्माध्यक्ष और शिकागो का सहायक धर्माध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उन्हें 29 दिसंबर 1993 को बेलेविले, इलिनोइस में स्थानांतरित कर दिया गया । 9 दिसंबर, 2004 को वे जॉर्जिया, अटलांटा  महानगर के महाधर्माध्यक्ष नियुक्त किये गये। 4 अप्रैल को 2019 को संत  पापा फ्राँसिस ने उन्हें वाशिंगटन, डीसी का महाधर्माध्यक्ष नियुक्त किया।

वाशिंगटन डीसी (यूएसए) के महाधर्माध्यक्ष विल्सन डैनियल ग्रेगरी
वाशिंगटन डीसी (यूएसए) के महाधर्माध्यक्ष विल्सन डैनियल ग्रेगरी

महाधर्माध्यक्ष जोस फूएर्टे अडविनकुला - कैपिज़, फिलीपींस के महाधर्माध्यक्ष

महाधर्माध्यक्ष अडविनकुला का जन्म 30 मार्च 1952 को डुमलाग में हुआ था। उन्होंने रोक्सस सिटी के संत पियुस दसवें सेमिनरी में दर्शन शास्त्र और मनिला के संत थोमस विश्वविद्यालय में धर्मशास्त्र का अध्ययन किया। 14 अप्रैल 1976 को कैपिज महाधर्मप्रांत के लिए उनका पुरोहिताभिषेक किया गया। वे संत पियुस दसवें सेमिनरी में आध्यात्मिक निदेशक और प्रोफेसर बन गए। इसके बाद उन्होंने मनिला के डी ला साले विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान और संत थोमस विश्वविद्यालय और रोम के अंजेलिकुम  विश्वविद्यालय में कैनन लॉ का अध्ययन किया। 1995 में वे कैपिज़ में संत पियुस दसवें सेमिनरी के रेक्टर बने, साथ ही साथ  अनुबंध के रक्षक, न्याय के प्रवर्तक और कैपिज़ के न्यायिक विकर भी बने। 1999 में वे दाओ में संत थोमस विलानोवा के पल्लीपुरोहित बने। 15 जुलाई 2001 को उन्हें संत कार्लोस धर्मप्रांत का धर्माध्यक्ष नियुक्त किया गया और 9 नवंबर 2011 को कैपिज़ महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष नियुक्त किये गये। वे विश्वास के सिद्धांत के आयोग और जनजातीय आबादी के लिए बनी आयोग के सदस्य रहे हैं।

संत्यागो, चिली के महाधर्माध्यक्ष सेलेस्टीनो एओस ब्राको, ओ.एफ.एम. कैप  

महाधर्माध्यक्ष सेलेस्टीनो एओस ब्राको, ओ.एफ.एम. कैप का जन्म 6 अप्रैल 1945 को स्पेन के पैम्प्लोना के आर्टाइज़ में हुआ। उन्होंने ज़रागोज़ा में दार्शनिक अध्ययन और पैम्प्लोना में धर्मशास्त्रीय अध्ययन किया। उन्होंने स्पेन के बार्सिलोना विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में लाइसेंस प्राप्त किया। 15 अगस्त 1964 को संगुसे में फ्रांसिस्कन कैपुचिन के रूप में अपने अस्थायी व्रत लिया और 16 सितंबर 1967 को पैम्प्लोना में आजीवन व्रत धारण किया।  30 मार्च 1968 को पैम्प्लोना में उनका पुरोहिताभिषेक हुआ। एक पुरोहित के रूप में उन्होंने बाद में निम्नलिखित भूमिकाएँ निभाईं: स्पेन में, लेकारोज़-नवर्रा में प्रोफेसर, टुडेला में विकार, पैम्प्लोना में प्रोफेसर और ज़रागोज़ा में विकार। 1983 में उन्हें चिली भेजा गया, जहां उन्होंने लोंगवी पल्ली में सहायक पल्ली पुरोहित के रूप में काम किया, लॉस एंजेलिस में अपने समुदाय के सुपीरियर बने, वेना डेल मार में सैन मिगुएल पल्ली के पल्लीपुरोहित, रेसेरो के समुदाय के सुपीरियर, वालपारिसियो धर्मप्रांत में धर्मसंघों के एपिस्कोपल विकार बने। वे चिली में कपुचिन धर्मसंघ के प्रांतीय बर्सर भी थे, वालपारासियो के कलिसियाई न्यायालय के न्याय के प्रवर्तक, कॉनसेपोन धर्मप्रांतीय न्यायालय के न्यायाधीश और चिली के चिली कानून एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष थे। उन्हें 25 जुलाई 2014 को कोपियापो के धर्माध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। 23 मार्च 2019 को उन्हें चिली के संत्यागो महाधर्मप्रांत का प्रेरितिक प्रशासक नामित किया गया था, जिसके बाद उन्हें 27 दिसंबर 2019 को संत्यागो महाधर्मप्रांत महाधर्माध्यक्ष नियुक्त किया गया।

धर्माध्यक्ष कॉर्नेलियस सिम - ब्रुनेई के प्रेरितिक विकार

धर्माध्यक्ष सिम का जन्म 16 सितंबर 1951 को सेरिया (ब्रुनेई) में हुआ था। उन्होंने स्कॉटलैंड के डंडी विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की, इसके बाद अमेरिका के ओहियो के स्टुबिनविले में फ्रांसिस्कन विश्वविद्यालय में धर्मशास्त्र में मास्टर किया। 26 नवंबर 1989 को उनका पुरोहिताभिषेक हुआ। विभिन्न पल्लियों में अपनी प्रेरितिक सेवा देने के बाद, उन्हें 1995 में ब्रुनेई के विकार जनरल और बाद में 21 नवंबर 1997 को प्रेरितिक प्रीफेक्ट नियुक्त किया गये। 20 अक्टूबर 2004 को, संत पापा जॉन पॉल द्वितीय ने इस क्षेत्र को अपोस्टोलिक विकारिएट बनाया और धर्माध्यक्ष कॉर्नेलियस को पहला अपोस्टोलिक विकार नियुक्त किया।

 महाधर्माध्यक्ष ऑगस्टो पाओलो लोजुडिस - सिएना-कोले वेल के महाधर्माध्यक्ष

महाधर्माध्यक्ष ऑगस्टो का जन्म रोम में 1964 में हुआ था और 1989 में उनका पुरोहिताभिषेक हुआ। वे धर्मशास्त्र में  लाइसेंसधारी हैं और मौलिक धर्मशास्त्र में विशेषज्ञता हासिल की है। उन्होंने कई प्ररितिक भूमिकाओं में काम किया है, जिसमें सहायक पल्लीपुरोहित, पल्लीपुरोहित, पोंटिफिकल रोमन मेजर सेमिनरी के आध्यात्मिक सलाहकार, इतालवी धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के प्रवासी आयोग के सचिव हैं। उन्हें 2015 में अल्बा मैरिटिमा का धर्माध्यक्ष नियुक्त किया गया था। वे 6 मई 2019 को सिएना के महाधर्माध्यक्ष बने।

महाधर्माध्यक्ष ऑगस्टो पाओलो लोजुडिस - सिएना-कोले वेल के महाधर्माध्यक्ष
महाधर्माध्यक्ष ऑगस्टो पाओलो लोजुडिस - सिएना-कोले वेल के महाधर्माध्यक्ष

फादर माउरो गामबेत्ती ओ.एफ.एम. असीसी में साक्रो कॉन्वेंट के सुपीरियर

फादर गामबेत्ती का जन्म 1965 में इटली के कास्तेल सान पिएत्रो तेरमे, बोलोग्ना में हुआ। उन्होंने बोलोग्ना विश्वविद्यालय में मेकानिकल इंजीनियरिंग में पढ़ाई की। उन्होंने 1992 में कॉन्वेंटुअल फ्रांसिस्कन धर्मसंघ में प्रवेश किया और 2000 में उनका पुरोहिताभिषेक हुआ। उन्होंने लोंगियानो, एमिलिया-रोमाग्ना में विभिन्न प्रकार की सेवा दी। वे 2009 में एमिलिया-रोमाग्ना के कॉन्वेंटुअल फ्रांसिस्कन्स के प्रांतीय अध्यक्ष बने और बाद में 2013 में असीसी में संत फ्रांसिस के साक्रो कॉन्वेंट के सुपीरियर बने। उन्हें सितंबर 2017 में कॉन्वेंटियल फ्रायर माइनस के प्रांतीय अध्यक्षों के संध का अध्यक्ष चुना गया।

धर्माध्यक्ष फिलिप एरीज़ेंडी - सैन क्रिस्टोबाल डी लास कैसस के सेवा निवृत धर्माध्यक्ष

धर्माध्यक्ष एस्क्विवेल का जन्म 1 मई 1940 को चिल्टेपेक (मैक्सिको) में हुआ था। उन्होंने टोलुका सेमिनरी में दर्शनशास्त्र और धर्मशास्त्रीय अध्ययन किया और स्पेन में सलामांका के पोंटिफ़िकल विश्वविद्यालय में डोग्माटिक थियोलॉजी में लाइसेंस प्राप्त किया। 25 अगस्त 1963 को उनका पुरोहिताभिषेक हुआ। 7 फरवरी 1991 को उन्हें तपचुला का धर्माधअयक्ष नियुक्त किया गया। तपचुला के धर्माध्यक्ष के रूप में, उन्होंने सीइएलएएम के महासचिव के रूप में भी कार्य किया। संत पापा पोप जॉन पॉल द्वितीय ने उन्हें 31 मार्च 2000 को सैन क्रिस्टोबल डी लास कैसस का धर्माध्यक्ष नियुक्त किया, जहां वे 3 नवंबर 2017 को इस्तीफा देने तक बने रहे।

महाधर्माध्यक्ष सिल्वानो एम. तोमासी, पूर्व प्रेरितिक राजदूत

महाधर्माध्यक्ष तोमासी का जन्म 12 अक्टूबर 1940 को कासोनी डी मुसोलीन (इटली) में हुआ था। उन्होंने इटली और संयुक्त राज्य अमेरिका दोनों में अध्ययन किया। 31 मई 1965 को स्कलाब्रैबिनियन पुरोहित के रुप में उनका अभिषेक किया गया। उन्होंने न्यूयॉर्क में फोरधाम विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने स्केलाब्रिनियन के प्रांतीय अध्यक्ष के रूप में भी काम किया। 1983 से 1987 तक उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिकी धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के प्रवासियों और शरणार्थियों के प्रेरितिक देखभाल हेतु बने कार्यालय में निदेशक के रूप में कार्य किया। 1989 से 1996 तक वे प्रवासियों और शरणार्थियों के प्रेरितिक देखभाल के लिए बने परमधर्मपीठीय सम्मेलन के सचिव थे। वह 1996 में इथियोपिया, इरिट्रिया के प्रेरितिक राजदूत और अफ्रीकी संघ में पर्यवेक्षक बने। 1999 में जुबुति के प्रेरितिक राजदूत और 2003 में जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र के लिए वाटिकन के स्थायी पर्यवेक्षक बने। उन्होंने 13 फरवरी 2016 तक कार्यालय का संचालन किया। 9 अप्रैल 2016 को, संत पापा फ्राँसिस ने उन्हें न्याय एवम शांति हेतु बना परमधर्मपीठीय सम्मेलन का सदस्य नियुक्त किया जो अब समग्र मानप विकास को बढ़ावा देने का विभाग है।

फादर रानिएरो कांतालामेस्सा ओ.एफ.एम. कैप.

फादर रानिएरो  कांतालामेस्साएक फ्रांसिसकन कैपुचिन हैं। इनका जन्म 22 जुलाई 1934 को इटली के अस्कोली पिकेनो में हुआ और 1958 में पुरोहिताभिषेक किया गया। दिव्यता डॉक्टर (फ्राइबर्ग 1962) और शास्त्रीय साहित्य में डॉक्टर (मिलान 1966)। प्राचीन ईसाई धर्म के इतिहास के पूर्व साधारण प्रोफेसर और काथलिक विश्वविद्यालय, मिलान में धार्मिक विज्ञान विभाग के निदेशक। इंटरनेशनल थियोलॉजिकल कमीशन के सदस्य (1975-1981) और 12 वर्षों के लिए पेंटेकोस्टल कलीसियाओं के साथ बातचीत के लिए काथलिक प्रतिनिधिमंडल के सदस्य, 1979 में उन्होंने सुसमाचार के पूर्णकालिक प्रचारक बनने के लिए अपने अध्यापन को त्याग दिया। 1980 में उन्हें संत पापा जॉन पॉल द्वितीय द्वारा रोमन कूरिया में उपदेशक के रुप में नियुक्त किया था और 2005 में संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें और 2013 में संत पापा फ्राँसिस द्वारा उनके कार्यों की पुष्टि की। वे आगमन और चालिसा काल में एक साप्ताहिक उपदेश देते हैं जिसमें संत पापा, कार्डिनल, रोमन कूरिया के सभी सदस्य उपस्थित होते हैं।

फादर रानिएरो कांतालामेस्सा ओ.एफ.एम. कैप. – संत पापा और रोमन कूरिया के उपदेशक
फादर रानिएरो कांतालामेस्सा ओ.एफ.एम. कैप. – संत पापा और रोमन कूरिया के उपदेशक

 

मोन्सिन्योर एनरिको फेरोची दिव्य प्रेम की माता मरियम तीर्थालय के प्रधान पुरोहित

मोन्सिन्योर फेरोची का जन्म 27 अगस्त 1940 को पिज़ोली (इटली) में हुआ था। उन्होंने 11 साल की उम्र में रोम में माइनर सेमिनरी में प्रवेश किया और 1965 में उनका पुरोहिताभिषेक किया गया। वे 1968 में माइनर सेमिनरी के वाइस-रेक्टर बन गए। उन्होंने इसके बाद रोम धर्मप्रांत में विभिन्न मंत्रालयों का संचालन किया। वे 1995 में मोन्सिन्योर बने। उन्होंने प्रवासी और शरणार्थियों की प्रेरितिक देखभाल हेतु पोंटिफिकल काउंसिल के सलाहकार के रूप में भी काम किया। 2017 में रोम के कार्डिनल विकर ने याचक संघ के अध्यक्ष और संत जॉन लेटरन बेसिलिका के कैनन नियुक्त किया। 2019 में उन्हें  कास्टेस दी लीवा में दिव्य प्रेम की माता मरियम तीर्थालय के प्रधान पुरोहित नियुक्त किया गया।

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26 October 2020, 16:18