माता मरियम हमारा आलिंगन करती है, तीर्थयात्रियों से संत पापा
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, मंगलवार, 29 सितम्बर 2020 (रेई)- संत पापा ने संदेश में लिखा, "मरियम हमारा आलिंगन करती एवं एक साथ लाती है।" इस प्रार्थना के साथ संत पापा फ्राँसिस अर्जेंटीना में लुजान की माता मरियम तीर्थस्थल पर 40वीं तीर्थयात्रा के प्रतिभागियों के प्रति अपना आध्यात्मिक सामीप्य व्यक्त किया।
कठिनाइयों के बीच
कोविड-19 महामारी के कारण 23 -26 सितम्बर के बीच होनेवाली तीर्थयात्रा वर्चुवल रूप से मनायी गई। संत पापा ने कहा, "कभी-कभी रास्ता कठिन बन जाता है और न केवल कभी-कभी, इस महामारी एवं स्वस्थ के लिए बहुत अधिक डर तथा अनेक आवश्यकताओं के समय में, यह और अधिक कठिन हो गया है। अतः "हमें माता के आलिंगन की आवश्यकता है" - ये वाक्य तीर्थयात्रा के आदर्शवाक्य के रूप में भी गूँजयमान हुआ, "माँ हमारा आलिंगन कर, हम चलते रहना चाहते हैं।"
सभी की माता
संत पापा ने कुछ साक्ष्यों की भी याद की। उन्होंने कहा, "एक महिला ने मुझे बतलाया कि एक माँ का कर्तव्य होता है अपने बच्चों को एक साथ लाना।" दूसरी महिला उन्होंने पूछा कि उसका सबसे प्रिय बच्चा कौन है तब उसने जवाब दिया, मेरी हथेली में पाँच उंगलियाँ हैं यदि उनमें से एक को भी दर्द हो जाए तो मुझे भी उसी तरह दर्द होता है। वे सभी अलग-अलग हैं किन्तु एक समान है। संत पापा ने कहा कि इसी तरह हमारी माता मरियम हमें देखती हैं। हम सभी अलग हैं किन्तु वे हम सभी की माँ हैं और वे सभी का आलिंगन करती हैं।
अपने संदेश के अंत में संत पापा ने उन्हें अपना आशीर्वाद दिया और कहा कि उन्होंने उनके साथ तीर्थयात्रा में भाग लिया है। उन्होंने तीर्थयात्रियों के लिए प्रार्थना की तथा उनसे अपील की कि वे उनके लिए प्रार्थना करना न भूलें।
लुजान की माता मरियम की तीर्थयात्रा रविवार को न्योक्वेन के धर्माध्यक्ष फेरनंदो क्रोक्सात्तो द्वारा समारोही ख्रीस्तयाग के अनुष्ठान के साथ हुआ जिसको धर्मप्रांत के वेबसाईट पर लाईव प्रसारित किया गया।
लुजान शहर में स्थापित, बोयनोस आईरेस से 68 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित माता मरियम की इस प्रतिमा का इतिहास 1630 साल पुराना है। 8 सितम्बर 1930 को संत पापा पियुस 11वें ने लुजान की माता मरियम को आधिकारिक रूप से अर्जेंटीना, पराग्वे और उरुग्वे की संरक्षिका घोषित किया। संत पापा जॉन पौल द्वितीय पहले संत पापा हुए जिन्होंने 1982 में माता मरियम के इस तीर्थस्थल का दर्शन किया।
महागिरजाघर के प्राँगण में 11 जून को ख्रीस्तयाग के दौरान संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने लुजान की माता मरियम को सोने की गुलाब भेंट की।
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