वयोवृद्ध पुरोहित केंद्र संत गाईतानो, इटली वयोवृद्ध पुरोहित केंद्र संत गाईतानो, इटली 

वयोवृद्ध एवं बीमार पुरोहितों के साक्ष्य के लिए संत पापा का आभार

संत पापा ने इटली के लोम्बारदिया प्रांत में वयोवृद्ध एवं बीमार पुरोहितों को लिए आयोजित प्रार्थना एवं भाईचारा दिवस में भाग लेने वालों को संदेश भेजा।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 17 सितम्बर 2020 (रेई)- संत पापा फ्राँसिस ने लोम्बारदिया प्रांत के वयोवृद्ध एवं बीमार पुरोहितों के लिए प्रार्थना एवं भाईचारा दिवस के प्रतिभागियों को एक संदेश दिया।

संत पापा ने अपने संदेश में लोम्बारदिया के धर्माध्यक्षीय सम्मेलन को धन्यवाद दिया जो 6 सालों से वयोवृद्ध एवं बीमार पुरोहितों के लिए प्रार्थना एवं भ्रातृत्व दिवस मनाते आ रहे हैं। उन्होंने कहा, "शारीरिक रूप से कमजोर पुरोहितों के लिए अपने चरवाहों का यह ध्यान अति सुन्दर है। वास्तव में, आप एक ऐसे पुरोहित हैं जो प्रार्थना, सुनने और त्याग तपस्या करने के द्वारा आप अपनी कलीसिया में एक महत्वपूर्ण प्रेरिताई कर रहे हैं।" संत पापा ने यूनितालसी और उन सभी लोगों को धन्यवाद दिया जो सभा की सफलता के लिए कार्य कर रहे हैं।  

आभार

संत पापा ने सभी वयोवृद्ध एवं बीमार पुरोहितों को सम्बोधित कर कहा, "प्यारे भाइयो, जो इस समय वृद्धावस्था या बीमारी के कारण कठिन समय से गुजर रहे हैं मैं आप लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूँ। ईश्वर एवं कलीसिया के प्रति निष्ठावान प्रेम के लिए धन्यवाद। जीवन के सुसमाचार की मौन घोषणा के लिए धन्यवाद। धन्यवाद क्योंकि आप कलीसिया के भविष्य के निर्माण हेतु प्रेरणा के लिए एक जीवित यादगारी हैं।"

संत पापा ने महामारी के समय की याद करते हुए कहा, "पिछले कुछ महीनों में हमने सीमाओं को महसूस किया। सीमित जगह पर दिन गुजारने पड़े, एक ही तरह की दिनचर्या रही। हमने अपने प्रिय मित्रों को खोया, संक्रमित होने के भय ने हमें संकट की स्थिति का आभास दिलाया।"

सीख

संत पापा ने उम्मीद जगाते हुए सीख लेने हेतु प्रेरित करते हुए कहा कि यह समय हमें समझने में मदद दे कि बड़ी जगह पर कब्जा करने से बढ़कर, हम समय को बर्बाद नहीं करने की आवश्यकता को समझें, दूसरों से मुलाकात करने की सुन्दरता का आनन्द लें, आत्मनिर्भरता के वायरस से चंगाई प्राप्त करें।   

"सबसे कठिन समय जिसमें गहरी चुप्पी और एक उजाड़ खालीपन से होकर गुजरना पड़ा, कई लोगों ने अनायास ही अपनी नजर स्वर्ग की ओर उठायी। ईश्वर की कृपा से यह शुद्धिकरण के अनुभव का अवसर बना। हमारे पुरोहितीय जीवन के लिए भी यह "सुनार की आग एवं धोबी के खार के सदृश्य हो सकता है।" (मला. 3: 2) जो हमें ईश्वर की ओर देखने के लिए प्रेरित करता तथा शुद्ध एवं पवित्र करता है। हम पीड़ा से नहीं डरते क्योंकि हमारे साथ प्रभु क्रूस उठाते हैं।

संत पापा ने उन्हें धन्य कुँवारी मरियम को समर्पित किया तथा उन सभी पुरोहितों के लिए प्रार्थना की जो इस वायरस के शिकार हो गये और साथ ही साथ, कई लोग पुनर्वास केद्रों में चंगाई पाने के लिए रखे गये हैं।  

अंत में, उन्होंने उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया तथा उनसे अपने लिए प्रार्थना की याचना की।

 

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

17 September 2020, 14:54