खोज

संत जेरोम कलीसिया के धर्माचार्य संत जेरोम कलीसिया के धर्माचार्य 

संत जेरोम के नक्शेकदम पर चलें, संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने बुधवारीय आमदर्शन समारोह में उपस्थित विश्वासियों का अभिवादन किया और उन्हें संत जेरोम की मृत्यु के 16वीं शताब्दी पर अपने प्रेरितिक पत्र "साक्रे स्क्रीतूरे अफेक्तुस" (पवित्र शास्त्र के लिए भक्ति) पर हस्ताक्षर करने की जानकारी दी।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 30 सितम्बर 2020 : संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन के संत दामासो प्रांगण में बुधवारीय आमदर्शन समारोह में उपस्थित विश्वासियों का अभिवादन किया। संत पापा ने याद किया कि आज उन्होंने संत जेरोम की मृत्यु के 16वीं शताब्दी पर अपने प्रेरितिक पत्र "साक्रे स्क्रीतूरे अफेक्तुस" (पवित्र शास्त्र के लिए भक्ति) पर हस्ताक्षर किया। उन्होंने कहा "कलीसिया के इस महान धर्माचार्या का उदाहरण, जिन्होंने बाइबिल को अपने जीवन के केंद्र में रखा, हम सभी में पवित्र शास्त्र के लिए एक नए प्रेम और ईश्वर के वचन के साथ व्यक्तिगत संवाद में जीने की इच्छा पैदा करे।

काथलिक कलीसिया संत जेरोम का पर्व मनाती है। उनका जन्म कोएशिया के दलमातिया में 347 ई. में हुआ था और उनकी मृत्यु 30 सितम्बर 420 को बेथलेहेम में हुई। यह साल उनकी मृत्यु का 1600वाँ सालगिरह है। उन्होंने बाईबिल का लैटिन में अनुवाद किया था जो ‘बुलगाते’ से जाना जाता है उनका कहना था, "बाईबिल को नहीं जानना ख्रीस्त को नहीं जानना है।"

संत पापा फ्राँसिस ने अपने प्रेरितिक पत्र "साक्रे स्क्रीतूरे अफेक्तुस" (पवित्र शास्त्र के लिए भक्ति) में लिखा, "संत जेरोम के शास्त्रों के बारे में गहन ज्ञान, उनकी शिक्षा को जानने के लिए उनका उत्साह, ग्रंथों के व्याख्याकार के रूप में उनका कौशल, उनका उत्साह और कभी-कभी ख्रीस्तीय सत्य की प्रबल रक्षा, उनके तप और कठोर उन्मूलन अनुशासन, एक उदार और संवेदनशील आध्यात्मिका, ये सभी उनकी मृत्यु के सोलहवीं शताब्दी के बाद भी इक्कीसवीं सदी के ख्रीस्तियों के लिए, हमारे लिए प्रासंगिक है।"

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

30 September 2020, 15:01