ग्रीस द्वीप में आप्रवासी ग्रीस द्वीप में आप्रवासी 

हम अपनी सीमाओं को आपसी समृद्धि का स्थान बना सकें, संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार को यूरोपीय परियोजना "सीमा से स्नैपशोट" के प्रतिभागियों से मुलाकात की तथा उनके कार्यों के लिए उन्हें धन्यवाद दिया, जिनका उद्देश्य है सार्वजनिक भलाई को बढ़ावा देना एवं बाधाओं को हटाना।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 10 सितम्बर 20 (वीएन)- संत पापा फ्राँसिस ने यूरोपीय परियोजना सीमाओं से स्नैपशोट के प्रतिभागियों से मुलाकात की। उन्होंने उनकी परियोजना को "आगे सोचनेवाला कहा"। उन्होंने कहा कि इसके द्वारा वे "आप्रवासन की गहरी समझ" को बढ़ावा दे रहे हैं और यूरोपीय समाज को आधुनिक युग के आप्रवासन की चुनौतियों का जवाब अधिक मानवीय एवं समन्वित ढंग से देने की अनुमति दे रहे हैं। 

परियोजना

सीमाओं से स्नैपशॉट, आज एक ऐसी परियोजना है जिसका उद्देश्य यूरोपीय नागरिकों को आप्रवासन की वास्तविकताओं के बारे में बताना है। यह सीमाओं से आवाज और प्रभावी समाधान लाकर, जहां पलायन के संबंध में ताजा मुद्दे के एक ठोस वास्तविकता को प्रस्तुत करता है, वहां यह पिछले तीन वर्षों से जागरूकता बढ़ा रहा है, ज्ञान साझा कर रहा है, भागीदारी को प्रोत्साहित कर रहा है और नागरिकों को दिखा रहा है कि उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है।

संत पापा ने कहा, "स्थानीय अधिकारियों के नेटवर्क और नागरिक समाज संगठन जिसका जन्म इस संगठन से हुआ है इसका उद्देश्य है कि वह इस लक्ष्य पर प्रतिक्रिया देनेवाली आप्रवासन नीतियों के विकास में सकारात्मक योगदान दें।"

आज की हकीकत

संत पापा ने यह भी कहा कि वर्तमान आप्रवासी परिदृश्य जटिल है और अक्सर इसका नाटकीय निहितार्थ है। आप्रवासन प्रवाह को निर्धारित करनेवाली वैश्विक अंतरनिर्भरता का अध्ययन किया जाना और उसे बेहतर तरीके से समझा जाना चाहिए। मानव त्रासदी से कोई भी तटस्थ नहीं रह सकता जो विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में हो रहा है।

दीवार कुछ हल नहीं करती

बारी में भूमध्यसागर के धर्माध्यक्षों से फरवरी में अपनी मुलाकात की याद करते हुए संत पापा ने गौर किया कि भूमध्यसागर में अधिकांश दुःख, बेहतर जीवन की तलाश में भागनेवाले लोगों का है। ये लोग बहुधा उपेक्षा एवं उदासीनता के शिकार बनते हैं। उन्होंने कहा, "हम कभी स्वीकार नहीं कर सकते कि लोग उम्मीद की तलाश में बिना किसी मदद के समुद्र में मर जाते हैं। यद्यपि स्वागत एवं एकीकरण आसान प्रक्रियाएँ नहीं हैं और दीवार खड़ा करते हुए, इसका सामना करने की हम सोच ही नहीं सकते। उन समस्याओं का सामना करने के लिए हमें ठोस एकात्मता और साझा जिम्मेदारी की जरूरत है कि वह राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रत्यक्ष हो जाए। इसके लिए हमें अकेले नहीं एक साथ कार्य करना चाहिए।"

परिप्रेक्ष्य

संत पापा फ्राँसिस ने पलायन पर हमारे दृष्टिकोण को बदलने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह लोगों, उनके चेहरों एवं कहानियों को केंद्र में रखना है। "अतः आपकी परियोजना महत्वपूर्ण है। मुलाकात की संस्कृति से प्रेरित होकर आप नये दृष्टिकोणों का प्रस्ताव रखते हैं जो एक नई मानवता की ओर यात्रा है, जीवन के एक दर्शन, आध्यात्मिकता और व्यवहार के रूप में।"

अंततः संत पापा ने गौर किया कि सीमाओं को हमेशा विभाजन का घेरा माना जाता है जबकि वे खिड़कियाँ बन सकती हैं, आपसी पहचान का स्थान, आपसी समृद्धि, विविधता में एकता और एक ऐसा स्थान जहाँ आदर्शों की परख होती है जो कठिनाइयों से ऊपर उठाते हैं जो स्थानीय समुदायों के लिए नयापन लाते हैं।

 

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11 September 2020, 15:17