बेलारुस में प्रदर्शन बेलारुस में प्रदर्शन 

बातचीत, हिंसा की अस्वीकृति, न्याय के लिए सम्मान, संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने बेलारूस में "बातचीत, हिंसा की अस्वीकृति, न्याय और अधिकारों के लिए सम्मान" का आह्वान किया है क्योंकि पिछले सप्ताह के विवादित राष्ट्रपति चुनाव के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच, बेलारूस में हजारों प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर फिर से मांग की कि राष्ट्रवादी अधिनायकवादी नेता राष्ट्रपति के वोट के बाद इस्तीफा दे दें। जवाब में, राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने घोषणा की कि रूसी नेता व्लादिमीर पुतिन ने बेलारूस को अनुरोध करने पर आदेश को बहाल करने के लिए सुरक्षा सहायता प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की।

माग्रेट सुनीता मिंज- वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 17 अगस्त 2020 ( वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने रविवार को संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण देवदूत प्रार्थना के बाद अपने अभिवादन में कहा कि वे बेलारुस में चुनाव के बाद की विरोध प्रदर्शन की स्थिति से अवगत हैं। उन्होंने बेलारूस में "बातचीत, हिंसा की अस्वीकृति, न्याय और अधिकारों के लिए सम्मान" का आह्वान किया।

विरोध प्रदर्शन

पिछले सप्ताह के विवादित राष्ट्रपति चुनाव के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन जारी है।  हजारों प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर फिर से मांग की कि राष्ट्रवादी अधिनायकवादी नेता राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको इस्तीफा दे दें। बेलारूस की राजधानी मिन्स्क में हजारों की संख्या में लोग रैली में भाग लेने आये है। वे ठीक उसी स्मारक स्थल पर इकट्ठा होते हैं, जहां 34 वर्षीय प्रदर्शनकारी अलेक्जेंडर तारिकोवस्की की पिछले सोमवार को पुलिस के साथ झड़प में मौत हो गई थी।

बेलारूसी पुलिस का दावा है कि उसकी मौत का कारण उसके हाथ में रखा विस्फोटक उपकरण था, जिसे वह पुलिस के उपर फेंकने वाला था परंतु हाथ में ही विस्फोट हो गया। लेकिन उनके साथी, एलेना जर्मन ने संवाददाताओं से कहा कि जब उन्होंने शुक्रवार को एक मुर्दाघर में उनका शव देखा, तो उनके हाथों को कोई नुकसान नहीं हुआ। उसने दावा किया कि उसकी छाती में एक छिद्र है उसका मानना है कि वह एक गोली का घाव है।

रुस से सहायता की मांग

उधर बेलारुस के राष्ट्रपति ने सुरक्षा के लिए रुस के राष्ट्रपति पुतिन से सहायता मांगी है। राष्ट्रपति पुतिन ने बेलारुस के अनुरोध पर आदेश को बहाल करने के लिए सुरक्षा सहायता प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की है। रूस बेलारूस को अपने प्रभाव क्षेत्र में ही रखना चाहता है। रूस का अंतिम मक़सद तो यही है कि पड़ोसी बेलारूस से उसके संबंध और गहरे हों। रूस अपने आप को फिर से संघीय राष्ट्र के तौर पर स्थापित करना चाहता है जिसके केंद्र में राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन हों। रूस राजनीतिक प्रभाव से भी ऐसा हासिल कर सकता है।

बेलारूस के लोग अपने ही लोगों पर सुरक्षाबलों की बर्बरता के ख़िलाफ़ है। लोगों में ग़ुस्सा इतना ज़्यादा है कि पारंपरिक तौर पर उनके समर्थक रहे यूनियन वर्कर भी अब उनका साथ छोड़ने लगे हैं।

स्थानीय मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक राष्ट्रपति के समर्थन में हुई रैली में क़रीब 31 हज़ार लोगों ने हिस्सा लिया जबकि सरकार का अनुमान है कि इसमें 65 हज़ार के क़रीब लोग शामिल थे।

समर्थकों को संबोधित करते हुए लुकाशेंको ने कहा कि उन्हें रैलियां पसंद नहीं है और अपना बचाव करने के लिए उन्हें रैलियों की ज़रूरत भी नहीं है। उन्होंने कहा कि ये उनकी ग़लती नहीं है कि उन्हें लोगों की मदद मांगनी पड़ रही है।

दोबारा राष्ट्रपति चुनाव कराने की मांग को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो एक देश के तौर पर बेलारूस की मौत हो जाएगी।

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17 August 2020, 14:50