कार्डिनल जेनोन ग्रोकोलेवस्की कार्डिनल जेनोन ग्रोकोलेवस्की 

कार्डिनल जेनोन का निधन, संत पापा की हार्दिक संवेदना

संत पापा फ्राँसिस ने कार्डिनल जेनोन ग्रोकोलेवस्की के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए एक तार संदेश प्रेषित किया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 18 जुलाई 2020 (रेई)- संत पापा फ्राँसिस ने कार्डिनल जेनोन ग्रोकोलेवस्की के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए एक तार संदेश प्रेषित किया।

संत पापा फ्राँसिस ने पोलैंड के कार्डिनल जेनोन ग्रोकोलेवस्की के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। कार्डिनल का निधन शुक्रवार को हुआ, वे 80 साल के थे।

कार्डिनल जेनोन ने काथलिक शिक्षा के लिए गठित परमधर्मपीठीय धर्मसंघ के अध्यक्ष के रूप में संत पापा जॉन पौल द्वितीय एवं संत पापा बेनेडिक्ट 16वें के साथ नजदीकी से काम किया था।

संत पापा फ्राँसिस ने कार्डिनल जेनोन के भाई वलादिस्लाव ग्रोकोलेवस्की को तार संदेश भेजकर, पूरे परिवार एवं कार्डिनल के निधन पर शोक मनाने वाले सभी लोगों को अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की।  

उन्होंने लिखा, "मैं कृतज्ञता के साथ याद करता हूँ कि उन्होंने परमधर्मपीठीय ग्रेगोरियन विश्वविद्यालय एवं लातेरन विश्वविद्यालय में कलीसियाई कानून के एक महत्वपूर्ण प्रोफेसर के रूप में प्रभावशाली कार्य किये हैं।"

संत पापा ने याद किया कि कार्डिनल जेनोन ने खासकर, परमधर्मपीठ की सेवा बड़ी उदारता से की, पहले प्रेरितिक अदालत के सुप्रीम कोर्ट के सचिव एवं अध्यक्ष के रूप में, उसके बाद काथलिक शिक्षा के लिए स्थापित धर्मसंघ के अध्यक्ष के रूप में।   

इन क्षेत्रों में उन्होंने पुरोहितीय उत्साह, सुसमाचार के प्रति निष्ठा एवं कलीसिया के निर्माण हेतु अथक परिश्रम का परिचय दिया।

संत पापा ने प्रार्थना की कि प्रभु येसु उन्हें अनन्त पुरस्कार से पुरस्कृत करे जिसकी प्रतिज्ञा उन्होंने अपने शिष्यों से की है। उन्होंने उनके निधन पर शोक मनाने वाले सभी लोगों को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

कार्डिनल का अंतिम संस्कार संत पेत्रुस महागिरजाघर में 18 जुलाई को सम्पन्न किया जाएगा। कार्डिनल लेओनार्दो सांद्री, कार्डिनल मंडल के सहायक डीन अंतिम संस्कार का ख्रीस्तयाग अर्पित करेंगे जिसके उपरांत संत पापा फ्राँसिस अंतिम विदाई की धर्मविधि का अनुष्ठान करेंगे।

कार्डिनल ग्रोकोलेवस्की की जीवनी

कार्डिनल जेनोन का जन्म 11 अक्टूबर 1939 को पोलैंड के ब्रोडकी में हुआ था। उनका पुरोहिताभिषेक 27 मार्च 1963 को पोज़नान महाधर्मप्रांत के लिए हुआ था। पढ़ाई के लिए रोम रवाना होने के पूर्व उन्होंने तीन वर्षों कर ख्रीस्त मुक्तिदाता पल्ली में अपनी सेवा दी थी।

प्रेरितिक अदालत के सुप्रीम कोर्ट के सचिव एवं अध्यक्ष के रूप में उन्होंने 1972 से 1999 तक कार्य किया। इस दौरान वे सात लोगों के उस आयोग के भी सदस्य रहे जिन्होंने संत पापा जॉन पौल द्वितीय के साथ 1983 में कोड ऑफ कैनन लॉ के मसौदे पर अध्ययन किया। उन्होंने रोम के ग्रेगोरियन एवं लातेरन विश्वविद्यालयों में भी अध्यापक का कार्य किया।

संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने कार्डिनल जेनोन को सन् 1982 में धर्माध्यक्ष नियुक्त किया था। वे सन् 1991 में महाधर्माध्यक्ष बने एवं 2001 में कार्डिनल नियुक्त हुए।

वे संत एडमंड बोजनोवस्की की संत घोषणा एवं धन्य संकजा जनिना स्जैमकोवियक की धन्य घोषणा में पोस्टुलेटर का कार्य भी किया।

सन् 1999 में वे काथलिक शिक्षा के लिए स्थापित धर्मसंघ के अध्यक्ष चुने गये जिसपर उन्होंने संत पापा बेनेडिक्ट 16वें के सेवा निवृत होने तक कार्य किया। कार्डिनल ने 2005 और 2013 के कॉनक्लेव में भाग लिया।

कार्डिनल जेनोन ने मृत्यु दम तक परमधर्मपीठीय ग्रेगोरियन विश्वविद्यालय के महाकुलपति के रूप में कार्य किया।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

18 July 2020, 13:58