08.07.2013 में संत पापा लम्पेदूसा में समूद्र में मरने नाले प्रवासियों के लिए पुष्प अर्पित करते हुए 08.07.2013 में संत पापा लम्पेदूसा में समूद्र में मरने नाले प्रवासियों के लिए पुष्प अर्पित करते हुए 

संत पापा द्वारा लम्पेदूसा की 7वीं वर्षगांठ पर मिस्सा समारोह

संत पापा फ्राँसिस बुधवार को रोम के बाहर अपनी पहली प्रेरितिक यात्रा की सातवीं वर्षगांठ मनाने के लिए पवित्र मिस्सा समारोह का अनुष्ठान करेंगे। संत पापा ने लम्पेदूसा की यात्रा प्रवासियों से मुलाकात करने और अपना सामीप्य प्रकट करने के लिए की थी।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार 7 जुलाई 2020 (वाटिकन न्यूज) : वाटिकन प्रेस कार्यालय के निदेशक मत्तेयो ब्रूनी ने सोमवार को घोषणा की कि संत पापा फ्राँसिस रोम के बाहर लम्पेदूसा ट्वीप की अपनी पहली प्रेरितिक यात्रा की यादगारी में 8 जुलाई को अपने निवास भवन संत मार्था के प्रार्थनालय में रोम को समय अनुसार पूर्वाह्न 11 बजे पवित्र मिस्सा का अनुष्ठान करेंगे।

ब्रूनी ने कहा, "स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए, समग्र मानव विकास को बढावा देने के लिए बने विभाग के प्रवासियों और शरणार्थियों के अनुभाग के कुछ कर्मचारी ही पवित्र मिस्सा समारोह में भाग ले पायेंगे।"

ऐतिहासिक यात्रा

8 जुलाई 2013 को, संत पापा फ्राँसिस ने रोम के बाहर इतालवी द्वीप लम्पेदूसा की पहली आधिकारिक यात्रा की थी। उस समय, सिसिली के तट से दूर अफ्रीकी महाद्वीप से खतरनाक भूमध्यसागर की खतरनाक यात्रा करने वाले प्रवासियों का एक विशाल समूह देखने को मिलता था जो छोटी नावों द्वारा इटली होते हुए यूरोप के देशों में प्रवेश करने का प्रयास करते थे।  

तथाकथित अरब स्प्रिंग, जो 2010 के अंत में शुरू हुआ था,  कई उत्तरी अफ्रीकी देशों में अशांति पैदा कर दी थी, जिससे कई अपना देश छोड़ अपने प्राण बचाने हेतु भागने के लिए मजबूर हो गए थे।

लम्पेदूसा के तट पर दसियों हज़ार प्रवासी आए, जो ट्यूनीशिया के तट से 113 किमी दूर है।

प्रवासियों के साथ एकजुटता

अपनी ऐतिहासिक यात्रा के दौरान, संत पापा फ्राँसिस ने उन सभी लोगों के लिए प्रार्थना की, जो यूरोप में बेहतर जीवन की तलाश में अपने देश से बाहर आये परंतु रास्ते में समूद्र में डूब गए।

संत पापा ने समुद्र में फूलों की एक माला अर्पितकर मृतकों के लिए शोक मनाया और खुले स्थान पर पवित्र मिस्सा का अनुष्ठान किया।  

उस समय वाटिकन प्रेस कार्यालय के निदेशक फादर फेडेरिको लोम्बार्डी, एसजे थे। उन्होंने  इन शब्दों में संत पापा की यात्रा का वर्णन किया: "महत्वपूर्ण बात यह है कि इस दिन के वास्तविक महत्व को हमें समझना होगा, संत पापा के लिए – यह यात्रा सब से पहले उन लोगों के प्रति एकजुटता को प्रदर्शित करना और लोगों को ध्यान इस समय की गंभीर समस्या प्रवासन की ओर आकर्षित करना है। युद्ध, हिंसा, स्वतंत्रता की कमी, भूख और कई अन्य समस्याएँ मजबूर प्रवासन के कारण हैं ये समस्याएँ प्रवासियों के जीवन को उनकी मूल भूमि में बेहद कठिन और असंभव भी बनाती हैं।”

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07 July 2020, 13:32