हिरोशिमा में संत पापा फ्राँसिस हिरोशिमा में संत पापा फ्राँसिस 

शांति के लिए और पाखंड के खिलाफ एक मजिस्टेरियम

संत पापा फ्राँसिस ने वैश्विक और तत्काल संघर्ष विराम के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव हेतु अपना समर्थन व्यक्त किया, जो युद्ध में लोगों को राहत पहुंचाएगा और उन्हें कोविद -19 महामारी से लड़ने में सक्षम बनाएगा।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 06 जुलाई 2020 (वाटिकन न्यूज) : हाल के दिनों में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने विश्व में कम से कम 90 दिनों के लिए सभी स्थितियों में संघर्ष की तत्काल समाप्ति" के लिए एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है, ताकि प्रभावित आबादी के लिए मानवीय सहायता की गारंटी दी जा सके और कोविद -19 के प्रसार एवं विनाशकारी परिणामों का मुकाबला किया जा सके।

संत पापा फ्रांसिस ने रविवार को देवदूत प्रार्थना का पाठ करने के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के इस पहल के प्रति अपना समर्थन प्रकट किया और उनकी उम्मीद है कि वैश्विक युद्धविराम को "प्रभावी रूप से और तुरंत" लागू किया जाएगा। संत पापा की पहल एक लम्बे मार्ग पर एक नए कदम का प्रतिनिधित्व करती है - एक कदम जो महामारी से उत्पन्न संकट से और भी जरूरी है, जिसका सबसे विनाशकारी परिणाम, युद्धों के साथ एक सममूल्य पर गरीबों को झेलना पड़ता है।

युद्ध विराम की अपील

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव द्वारा पांच दिन पहले की गई अपील का समर्थन करते हुए रविवार 29 मार्च को संत पापा फ्राँसिस ने भी यह अनुरोध कर दिया था। एंतोनियो गुटेरेस ने कोविद -19 आपातकाल को याद करते हुए, जिसकी कोई सीमा नहीं है,“दुनिया के सभी कोनों में वैश्विक और तत्काल संघर्ष विराम” का आह्वान किया था। संत पापा फ्राँसिस ने "इस अपील का स्वागत करने वालों के साथ" अपनी सहभागिता दिखाई और सभी को शत्रुता के सभी रूपों को रोकते हुए, मानवीय सहायता के लिए गलियारों के निर्माण को प्रोत्साहित करने, कूटनीति के लिए खुलापन और कमजोर लोगों की मदद हेतु आमंत्रित किया था।”

संत पापा ने उम्मीद जताई थी कि महामारी के खिलाफ संयुक्त प्रतिबद्धता, "हर किसी को एकल मानव परिवार के सदस्यों के रूप में भाई और बहन के बंधन को मजबूत करने की महान आवश्यकता को पहचानने में मदद करे।" उन्होंने कहा कि विशेष रूप से, राष्ट्रों और शामिल दलों के नेताओं के बीच प्रतिद्वंद्विता को दूर करने की प्रतिबद्धता को नए सिरे से प्रेरित कर सकता है।" संघर्षों को युद्ध के माध्यम से हल नहीं किया जा सकता है! विरोध और मतभेदों को बातचीत और शांति के लिए रचनात्मक खोज के माध्यम से दूर किया जाना चाहिए।"

संत पापा ने संत पेत्रुस महागिरजाघर में पास्का जागरण मिस्सा के दौरान अपने प्रवचन में कहा था," आइये, हमें मौत के क्रंदन को चुप करायें। और युद्ध नहीं! हम हथियारों के उत्पादन और व्यापार को रोक सकते हैं, क्योंकि हमें रोटी चाहिए, बंदूकें नहीं।”

संत पापा फ्रँसिस द्वारा प्रस्तावित प्रार्थना

संत पापा फ्राँसिस ने मई महीने में रोजरी प्रार्थना के बाद इसी मतलब को लेकर सभी विश्वासियों से प्रार्थना करने का सुझाव दिया था। वर्तमान दुःखद स्थिति में, जब पूरी दुनिया दुःख और चिंता का शिकार है, ईश्वर की माँ, हमारी माँ हम सभी आपके पास आते हैं और आपकी सुरक्षा की याचना करते हैं।

कुवांरी मरिया, इस कोरोना वायरस महामारी के बीच अपनी दयालु आँखें हमारी ओर फेरें। उन लोगों को आराम दें जो व्याकुल हैं और अपने प्रियजनों के लिए शोक मनाते हैं जो मर चुके हैं। उन्हें अकेले में दफनाया जाता है जिससे उन्हें गहरा दुख होता है। उन लोगों के करीब रहें जो अपने बीमार प्रियजनों के लिए चिंतित हैं और जो बीमारी के प्रसार को रोकने के कारण उनके करीब नहीं रह सकते। जो भविष्य की अनिश्चितता, अर्थव्यवस्था और रोजगार के परिणामों से परेशान हैं, उन्हें आशा दें।

धन्य कुवांरी माँ मरियम, अनुसंधान में लगे वैज्ञानिक पुरुषों और महिलाओं के ज्ञान को रोशन कर दे ताकि वे इस वायरस को दूर करने के लिए प्रभावी समाधान पा सकें। राष्ट्रीय नेताओं का मार्ग दर्शन करें जिससे  कि विवेक और उदारता के साथ वे लोगों की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायता दे सकें और दूरदर्शिता एवं एकजुटता से प्रेरित होकर सामाजिक और आर्थिक समाधान तैयार कर सकें।

हे पवित्र माँ मरियम, हमारी अंतरात्मा को झकझोड़िये, ताकि हथियारों को विकसित करने और जमा करने में भारी धनराशि खर्च करने के बजाय प्रभावी शोध को बढ़ावा देने हेतु धन खर्च किया जाए ताकि भविष्य में होने वाली इस तरह की त्रासदियों को रोका जा सके।  हमें यह महसूस करने में मदद करें कि हम सभी एक महान परिवार के सदस्य हैं। हमें उस बंधन को पहचानने में मदद करें, ताकि भाईचारे और एकजुटता की भावना से हम गरीबी और आपातकाल स्थितियों को दूर करने में मदद कर सकें। हमें विश्वास में दृढ़ कीजिए, हम सेवा में लगे रहें और प्रार्थना में धीर बने रहें।

पाखंड के खिलाफ निंदा

पिछले वर्षों में कई बार और विभिन्न अवसरों पर, संत पापा फ्राँसिस ने उन देशों के नेताओं के "पाखंड" और "पाप" की निंदा की थी, जो इन युद्धों को रोकने करने के लिए "शांति की बात करते हैं और साथ में हथियार भी बेचते हैं।" संत पापा ने महामारी के प्रकोप से पहले थाईलैंड और जापान की अंतर्राष्ट्रीय यात्रा की वापसी पर भी दोहराया था, “नागासाकी और हिरोशिमा में मैंने प्रार्थना की, मैं युद्ध से बचे हुए कुछ लोगों और पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिला और मैंने परमाणु हथियारों की निंदा की। मैंने परमाणु हथियार बनाने एवं बेचने वाले देशों द्वारा शांति के बारे में बात करने के पाखंड के खिलाफ नए सिरे से निंदा की।

ऑक्सफैम की रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में वैश्विक सैन्य खर्च दो ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया और वर्तमान में युद्धरत देशों में दो अरब से ज्यादा लोग फंसे हैं, जो हिंसा, उत्पीड़न, अकाल और अब, महामारी की मार झेल रहे हैं।

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06 July 2020, 13:43