कोरपुस ख्रीस्ती के दिन समारोही आशीष देते हुए संत पापा कोरपुस ख्रीस्ती के दिन समारोही आशीष देते हुए संत पापा 

हमारी नाजुक याददाश्त को ठीक करता है यूखरिस्त, संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने रविवार को ख्रीस्त के पावन शरीर एवं रक्त का महापर्व पर पवित्र ख्रीस्तयाग समारोह का अनुष्ठान किया और अपने प्रवचन में इस बात पर चिंतन किया कि किस तरह से पवित्र युखरिस्त हमारी स्मृति को ठीक करता है और हमें खुशी का वाहक बनाता है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 15 जून 2020 ( वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने ‘कोरपुस ख्रीस्ती’ याने ‘ख्रीस्त के पावन शरीर एवं रक्त महापर्व’ के दिन संत पेत्रुस महागिरजाघर में करीब 50 विश्वासियों के साथ मिलकर पवित्र मिस्सा बलिदान का अनुष्ठान किया। पवित्र परमप्रसाद की धर्मविधि के बाद कुध समय के लिए पवित्र साक्रामेंट की आराधना और अंतिम समारोही आशीष के साथ पवित्र मिस्सा समारोह सम्पन्न किया गया। 

यादें, हमारी कहानी का हिस्सा

संत पापा फ्राँसिस ने अपने प्रवचन में, ईश्वर के कई उपहारों को याद रखने के महत्व पर विचार किया। "यादों के बिना, हम खुद को उस मिट्टी से अलग कर देते हैं जो हमारा पोषण करती है और हम खुद को पत्तियों की तरह हवा के झोकों से दूर ले जाने देते है।"

संत पापा ने कहा कि याद रखने का कार्य हमें अपने सबसे मजबूत संबंधों के पुनर्निर्माण में मदद करता है और हमें एक बड़ी कहानी का हिस्सा महसूस कराता है। “स्मृति कभी व्यक्तिगत नहीं होती, यह वह रास्ता है जो हमें ईश्वर और दूसरों से जोड़ता है। ”

उन्होंने कहा कि बाइबल, यह बताती है कि कैसे प्रभु के साथ हमारा रिश्ता पीढ़ी-दर-पीढ़ी कहानी बताते हुए चला आ रहा है। ।

प्रेम की यादगारी

संत पापा ने पूछा कि क्या होता है जब यादों के प्रसारण की श्रृंखला टूट जाती है?

इसके जवाब में संत पापा ने कहा, ईश्वर जानते हैं कि हमारी यादें कितनी कमजोर हो सकती हैं। इस वजह से "उसने हमें एक यादगार छोड़ दिया," जो शब्दों या संकेतों से ज्यादा ठोस है।

“उन्होंने हमें भोजन दिया, क्योंकि हमने जो कुछ चखा है उसे भूलना आसान नहीं है। उसने हमारे लिए रोटी छोड़ दिया जिसमें वे वास्तव में मौजूद है, जिंदा और सच्चा, उसके प्यार के सभी स्वाद के साथ।"

संत पापा ने कहा, "पवित्र परमप्रसाद, केवल स्मृति नहीं है, यह एक सच्चाई है। पवित्र मिस्सा में येसु की मृत्यु और पुनरुत्थान में हम सहभागी होते हैं।"

अनाथ स्मृति

संत पापा फ्रांसिस ने तब हमारी कमजोर याददाश्त के तीन पहलुओं पर प्रकाश डाला जिसे युखरिस्त ठीक करता है।

उन्होंने कहा, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रभु के शरीर और रक्त का समारोह हमारी "अनाथ स्मृति" को ठीक करता है। "बहुत से लोगों के पास प्यार की कमी और निराशाओं की कड़वी यादें हैं जिसके कारण उनका दिल प्रेम महसूस करने के बजाय अकेला और अनाथ हो जाता है।" हालाँकि, ईश्वर हमारी स्मृति को अपने प्रेम से भरकर हमें चंगा करते हैं जो हमारे दर्द से बड़ा है।

“यूखरिस्त हमें पिता का वह अनोखा प्यार देता है, जो हमारे अनाथ होने की भावना को ठीक करता है। यह हमारे दिलों को पवित्र आत्मा के प्यार से भर देता है।”

नकारात्मक स्मृति

संत पापा फ्राँसिस ने कहा, यूखरिस्त, हमारी "नकारात्मक स्मृति" को भी ठीक करता है जो पूरी तरह से हमारी समस्याओं और त्रुटियों पर केंद्रित है।

संत पापा ने कहा कि येसु हमें यह बताने आते है कि हम उनकी आँखों में कीमती हैं और उनके साथ बैठकर हम एक ही मेज पर उसके भोज को साझा करने के योग्य हैं और वे ऐसा करते हैं क्योंकि वे न केवल उदार हैं लेकिन वे हम प्रत्येक से प्रेम करते हैं वे हमारे अंदर की सुन्दरता और अच्छाई को देख पाते हैं।

संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि यूखरिस्त हमें उदासी से छुटकारा देता है क्योंकि यूखरिस्त में "हमारी नकारात्मक स्मृति के एंटीबॉडीज हैं।"

इस प्रकार हम "ईश्वर-वाहक में बदल जाते हैं, आनंद के वाहक बनते हैं।"

बंद स्मृति

अन्त में, यूखरिस्त हमारी "बंद स्मृति" को ठीक करता है।

संत पापा ने कहा कि हमारी याददाश्त पर लगे घाव हमें भयभीत करते हैं और हम दूसरों पर शक करते हैं। इस झूठी उम्मीद में कि हम किसी भी स्थिति को नियंत्रित करने में सक्षम होंगे, हम अहंकारवश खुद को दूसरों से दूर कर लेते हैं। यह वास्तव में एक भ्रम है। केवल प्यार ही शक और भय की जड़ को ठीक कर सकता है और हमें आत्म-केंद्रित भावनाओं के कैद से मुक्त कर सकता है।"

सं पापा फ्राँसिस ने कहा येसु "पावन परमप्रसाद की नाजुकता" में हमारे पास आते हैं। वे हमारे आत्म-केंद्रित भावनाओं को तोड़ देते हैं और दिल के लकवाग्रस्त आंतरिक दीवारों में नई स्फूर्ति लाते हैं।

एकजुटता की श्रृंखला

संत पापा फ्राँसिस ने अपने प्रवचन के अंत में कहा कि यूखरिस्त हमें एकजुटता की श्रृंखला में जोड़ता है। "यूखरिस्त में, जिसतरह येसु हमारे करीब आते है: आइए, हम भी अपने पड़ोसियों के करीब रहें!"

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15 June 2020, 07:50