संत पापा जॉन पौल द्वितीय की प्रतीमा के सामने एकत्रित विश्वासी संत पापा जॉन पौल द्वितीय की प्रतीमा के सामने एकत्रित विश्वासी 

संत पापा जॉन पौल द्वितीय को विश्वभर से श्रद्धांजलि

संत जॉन पौल द्वितीय के जन्म की 100वीं जयन्ती को, विश्व के विभिन्न हिस्सों में 18 मई को मनाया गया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 19 मई 2020 (रेई): एक सौ साल पहले एक बालक का जन्म हुआ जो आगे चलकर संत पापा जॉन पौल द्वितीय बने। उनकी 100वीं जन्म दिवस पर विश्वभर में उनकी याद की जा रही है।

पोलैंड के प्रमुख रब्बी

उन लोगों में से एक हैं पौलैंड के प्रमुख रब्बी मिखाएल स्कुड्रीट। रविवार को उन्होंने कहा कि "किसी दूसरे संत पापा ने दुखद घावों को चंगा करने के लिए उनसे अधिक काम नहीं किया है और समीवाद विरोधी विपत्ति को प्रभावशाली ढंग से कम करने का प्रयास किया है।"

रब्बी ने गौर किया कि संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने यहूदी समुदाय के साथ सम्पर्क कर साहसिक कदम उठाया। अपने औस्वीज़ यात्रा के दौरान यहूदियों की पीड़ा को समझा, इस्राएल को यहूदी जीवन एवं विश्वास का केंद्र माना तथा समस्त इतिहास में ख्रीस्तियों द्वारा यहूदियों पर अत्यचार के लिए माफी मांगी।

परमधर्मपीठ के लिए अमरीका के राजदूत की श्रद्धांजलि

परमधर्मपीठ के लिए अमरीका के राजदूत कल्लिस्ता जिंगरिक ने भी एक वक्तव्य जारी किया। संत पापा जॉन पौल के विरासत का जिक्र करने के बाद उन्होंने पोप का अमरीका के साथ संबंध पर प्रकाश डाला।

इतिहास में सबसे अधिक यात्रा करने वाले संत पापा ने 129 देशों की यात्रा की थी। राजदूत ने लिखा, "वे पहले संत पापा थे जिन्होंने 1979 में वाईट हाऊस का दौरा किया था तथा अमरीका की सात बार यात्रा की थी।" उन्होंने गौर किया कि जून 2004 में राष्ट्रपति जॉर्ज डब्यू बुश ने उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान- स्वतंत्रता का राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया था। वे अपने वक्तव्य को यह कहते हुए विराम देते हैं, "जब हम संत जॉन पौल द्वितीय के जीवन एवं विरासत को मना रहे हैं हम उनके उदाहरणों से प्रेरित एवं बलिष्ठ होते रहें।"   

यादगारी समारोह

मास्को में विदेशी साहित्य के लिए पुस्तकालय के माध्यम से एक वस्चुवल (आभासी) स्मारक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कई बुद्धिजीवियों जिनमें ऑर्थोडॉक्स परम्परा के लोग भी शामिल थे, इस बात पर जोर दिया कि संत पापा जॉन पौल की शिक्षा अभी भी समकालीन है। पुस्तकालय के परिकोष्ठ में स्वर्गीय पोप की प्रतिमा स्थापित है। इस प्रतिमा का उद्घाटन 14 अक्टूबर 2011 को किया गया था जब जुलियन कैलेंडर के अनुसार कुँवारी मरियम के सुरक्षित आंचल का पर्व मनाया जाता है। कलाकार ग्रिगोरिया एमैनुएल के विचार पर यह यूक्रेन और रूसी कलाकारों दोनों का काम है।

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19 May 2020, 15:44