संत पापा फ्राँसिस के साथ कार्डिनल रेनातो कॉर्टी संत पापा फ्राँसिस के साथ कार्डिनल रेनातो कॉर्टी  

पोप ने कार्डिनल कोर्टी के सुसमाचार के प्रति समर्पण को याद किया

संत पापा फ्राँसिस ने नोवारा धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष सेवानिवृत कार्डिनल रेनातो कॉर्टी के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की, जिनकी मंगलवार को 84 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 13 मई 2020 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने मंगलवार को एक टेलीग्राम भेजकर इटली स्थित नोवारा धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष कार्डिनल रेनैटो कॉर्टी के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की।

अपने संदेश में संत पापा फ्राँसिस ने कार्डिनल को एक "ऐसे व्यक्ति के रूप में याद किया" जिन्होंने प्रभु येसु और कलीसिया की अनुकरणीय समर्पण और विनम्रता के साथ सेवा की। "

संत पापा ने कार्डिनल कोर्टी के "आध्यात्मिक और प्रेरितिक कार्यों" को "कृतज्ञता के साथ" उल्लेख किया, जिन्होंने अपने जन्म स्थान महाधर्मप्रांत मिलान में अपनी प्रेरितिक सेवा शुरु की और बाद में "नोवारा धर्मप्रांत के एक नम्र और बुद्धिमान चरवाहे" के रूप में अपनी सेवा दी।

संत पापा फ्राँसिस ने कहा, "मैं मिशन और सुसमाचार प्रचार के प्रति उनके गहरे लगाव और प्रेम के बारे में भी सोचता हूं, जिसका उन्होंने बड़ी उदारता के साथ अभ्यास किया। मसीह के सुसमाचार को संप्रेषित करने की उत्कट इच्छा उनके दैनिक जीवन के सभी कार्यों में देखने को मिलती थी।"

जीवन इतिहास

 इटली के गालिबातो से, कार्डिनल कोर्टी ने अपनी पुरोहिताई जीवन की शुरुआत किया। कार्डिनल जोवान्नी बातिस्ता मोंटिनी द्वारा उनका पुरोहिताभिषेक हुआ, जो बाद में संत पापा पॉल छठे बने।

रेनातो कॉर्टी कार्डिनल कार्लो मार्टिनी के शिष्य थे और मिलान में विकार जनरल के रूप में सेवा की। 1981 में कार्डिनल मार्टिनी द्वारा उनका धर्माध्यक्षीय अभिषेक किया गया। उन्होंने संत जॉन हेनरी न्यूमैन के आदर्श वाक्य "कोर ऐड कोर लोक्विटुर" ("दिल से दिल की बात") का चुनाव किया।

1990 में उन्हें नोवारा का धर्माध्यक्ष बनाया गया। उन्होंने 21 वर्षों तक धर्मप्रांत का मार्गदर्शन किया। धर्माध्यक्ष रेनाटो कोर्टी ने 2005 से 2015 तक इतालवी धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सीइआइ) के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया। 2005 में चालीसा के दौरान रोमन कूरिया का सम्मानित उपदेशक चुना गया था।

2015 में, संत पापा फ्रांसिस ने धर्माध्यक्ष कॉर्टी को कोलोसेयुम में क्रूस रास्ता धर्मविधि के लिए मनन चिंतन और प्रार्थना तैयार करने के लिए आमंत्रित किया था। इसके तुरंत बाद, 2016 में, संत पापा फ्राँसिस ने उन्हें कार्डिनल बनाया।

75 साल की उम्र में, कोर्टी ने संत पापा को नोवारा के धर्माध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया और फरवरी 2012 से वे रोहो के तीर्थालय में संत चार्ल्स और अम्ब्रोस के ओब्लेट्स के साथ रहने लगे।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

13 May 2020, 16:46