वाटिकन अपोस्टोलिक लाइब्रेरी में संदेश देते हुए संत पापा फ्राँसिस वाटिकन अपोस्टोलिक लाइब्रेरी में संदेश देते हुए संत पापा फ्राँसिस 

ख्रीस्तियों को उदार गवाह बनने हेतु संत पापा का प्रोत्साहन

बुधवारीय आम दर्शन समारोह के दौरान, संत पापा फ्राँसिस विश्वासियों को प्रभु के स्वर्गारोहण पर्व की तैयारी के लिए मसीह के उदार गवाह बनने हेतु प्रोत्साहित किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 20 मई 2020 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने बुधवारीय आम दर्शन समारोह में अपनी धर्मशिक्षा समाप्त करने के बाद अंग्रेजी भाषी श्रोताओं का अभिवादन कर कहा, "जैसा कि हम प्रभु के स्वर्गारोहण का महोत्सव मनाने की तैयारी कर रहे हैं, मैं आपको और आपके परिवारों को जी उठे प्रभु येसु मसीह की शांति और आनंद का आह्वान करता हूँ।"

उदार गवाह

संत पापा ने ख्रीस्तियों को पुनर्जीवित मसीह के उदार गवाह बनने हेतु प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि जी उठे मसीह सदा हमारे साथ हैं और हमें बल प्रदान करते हैं। येसु ने हमें "सभी राष्ट्रों में जाने और उन्हें वही सब सिखाने की आज्ञा दी जिसे उन्होंने अपने चेलों को सिखाया था। (मत्ती 26:19-20)

स्पानिश-भाषी श्रोताओं को संबोधित करते हुए, संत पापा फ्राँसिस ने प्रार्थना की कि पुनर्जीवित प्रभु अपनी पवित्र आत्मा की शक्ति द्वारा हमें "आनन्द का वाहक बनाये और हमारे भीतर आशा और दृढ़ता को मजबूत करे। निश्चय ही प्रेम मृत्यु से अधिक मजबूत होता है और हमेशा जीत उसी की होती है।"

संत जॉन पॉल II की शताब्दी

संत पापा फ्राँसिस ने पोलिश-भाषी श्रोताओं को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं दीं, वे संत पापा जॉन पॉल द्वितीय के जन्म की 100 वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पोलिश संत "महान आस्था के पुरोहित थे, जो अपनी प्रार्थना में ईश्वर को कलीसिया और मानवता को सौंपना पसंद करते थे।"

 संत जॉन पॉल द्वितीय का आदर्श वाक्य "तोतुस तूओस" (सबकुध आपको समर्पित) था, संत जॉन पॉल द्वितीय की तरह हम सभी अपने जीवन को प्रभु को समर्पित कर सकें। हम कठिनाई के समय में माता मरियम की ओर मुड़ें और उनकी मध्यस्ता द्वारा प्रार्थना करें।

सृष्टि में ईश्वर

संत पापा फ्राँसिस ने जर्मन-भाषी श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा, ʺजैसा कि कलीसिया 16 से 24 मई तक लौदातो सी सप्ताह मना रही है, हम सृष्टि की अद्भुत रचना में ईश्वर की महानता को पहचानें। "प्रकृति में खुशी और ईश्वर की प्रशंसा हमें पूर्णता और आंतरिक शांति पाने में मदद करे।"

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

20 May 2020, 15:21