कार्डिनल ऑस्वल्ड ग्रेसियस कार्डिनल ऑस्वल्ड ग्रेसियस 

पोप जॉन पौल II एक साहसी व्यक्ति थे जिन्होंने विश्व को बदल दिया

इस महामारी के समय हम संत जॉन पौल द्वितीय से प्रार्थना करें कि वे हमारी मध्यस्थता करें। संत पापा जोन पौल द्वितीय हमारी पीड़ा और दुःखों के जानते हैं, हम प्रार्थना करें कि वे हमारे विश्वास को सुदृढ़ कर दें, ईश्वर पर भरोसा को बढ़ा दें कि वे हमारी चिंता करते हैं।

उषामुम्बई, मंगलवार, 19 मई 2020 (एशियान्यूज): मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ऑस्वल्ड ग्रेसियस ने संत पापा जॉन पौल द्वितीय के जन्म की शतवर्षीय जयन्ती के उपलक्ष्य में ख्रीस्तयाग अर्पित किया। उन्होंने कहा कि संत पापा जॉन पौल द्वितीय मदर तेरेसा के समान, विश्वास में सुदृढ़, निर्भीक एवं करुणा से पूर्ण थे। कार्डिनल जो दो संतों के करीब थे कहा कि वे दोनो संत, शांति के तीर्थयात्री थे, ईश्वर के प्रेम में संयुक्त थे तथा गरीबों और हाशिये पर जीवनयापन करने वालों के प्रति स्नेह से भरे हुए थे। उन्होंने हमेशा अजन्मे बच्चों और मानव प्रतिष्ठा का समर्थन किया।

संत पापा जॉन पौल द्वितीय के परमाध्यक्षीय काल में कार्डिनल ऑस्वल्ड ग्रेसियस पढ़ाई करने हेतु रोम में थे वे अपना अनुभव बतलाते हुए कहते हैं कि मैं संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में था और मैं उनके एक उपदेश को कभी नहीं भूल सकता जो मेरे जीवन को आज भी प्रेरित करता है। संत पापा के रूप में 16 अक्टूबर को उनका पहला वाक्य था, "नोन अबीयाते पाउरा, अप्रीते, अन्सी स्पालंकाते ले पोरते अ ख्रीस्तो" "डरो मत, ख्रीस्त के लिए अपना द्वार खोलो, उसे चौड़ा कर दो।"

ईश्वर पर पूर्ण भरोसा और विश्वास, माता मरियम के प्रति गहरी भक्ति एवं अपने विश्वास के कारण निर्भीक एवं साहसी व्यक्ति ने विश्व को बदल दिया। वे एक ऐसे पोप थे जो दुनिया एवं कलीसिया का संचालन करने में निडर थे और सुसमचार प्रचार में अत्यन्त उत्साही थे। इस महामारी के समय में, एकाकीपन और दुःख में जब पूरी दुनिया की आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक स्थिति अव्यवस्थित है, ऐसे समय में वे हमें एक महान संदेश देते हैं कि हम विश्वास में सुदृढ़ बने रहें।

सन् 1986 में अपने 10 दिवसीय प्रेरितिक यात्रा में संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने मदर तेरेसा के साथ निर्मल हृदय का दौरा किया था और अपने दौरे के अंत में उन्होंने कहा था, "निर्मल हृदय आशा का स्थान है, एक घर ऐसा घर जो साहस और विश्वास पर निर्मित है जहाँ प्रेम का वास है।"

कार्डिनल ने प्रार्थना का आह्वान करते हुए कहा कि इस महामारी के समय में हम संत पापा जॉन पौल द्वितीय से प्रार्थना करें। वे हमारे दुःख और पीड़ा को जानते हैं हम उनसे प्रार्थना करें कि वे हमें विश्वास में सुदृढ़ करें, उस भरोसा में मजबूत करें कि ईश्वर हमारी चिंता करते हैं।  मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

 

 

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19 May 2020, 16:09