पुण्य बृहस्पतिवार के मिस्सा में संत पापा पुण्य बृहस्पतिवार के मिस्सा में संत पापा  

सेवारत मृत्यु प्राप्त पुरोहितों को नमन, संत पापा

संत पापा फ्रांसिस ने पुण्य सप्ताह,पवित्र बृहस्पतिवार को मिस्सा बलिदान के दौरान पुरोहिताई की प्रेरिताई हेतु ईश्वर का धन्यवाद करते हुए बीमारों की सेवा में मृत्यु को प्राप्त करने वाले पुरोहितों की याद की।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 10 अप्रैल 2020 (रेई) संत पापा फ्रांसिस ने पुण्य बृहस्पतिवार को संत पेत्रुस के महागिरजाघर में येसु ख्रीस्त के अंतिम भोज का ख्रीस्तयाग अर्पित किया। उन्होंने येसु ख्रीस्त द्वारा अपने चेलों के पैर धोने की घटना की याद दिलाते हुए विश्वासियों को निमंत्रण दिया कि वे येसु को प्रेम करने और अपने पैर धोने दें।

संत पापा ने उन असंख्य पुरोहितों की प्रेरिताई हेतु ईश्वर का धन्यवाद किया जिन्होंने अपने जीवन को बलिदान स्वरुप अर्पित कर दिया विशेषकर उनकी जो हाल ही के दिनों में अस्पतालों और चिकित्सालयों में कारोना वायरस से पीड़ित मरीजों की सेवा करते हुए मर गये।

पास्का त्रिदिवसीय का प्रथम दिन जो “चेना दोमिनी” कहलाता है संत पापा ने अपने अलिखित प्रवचन में तीन शब्दों यूखारीस्त, सेवा और अभ्यंजन पर अपने चिंतन व्यक्त किये।

ईश्वर को सेवा करने दें

संत पापा ने विश्वासियों को इस बात की याद दिलाते हुए कहा कि केवल ईश्वर को प्रेम करने की अनुमति देने के द्वारा ही हम बचाये जा सकते हैं। येसु स्वयं कहते हैं, “यदि तुम मेरा मांस नहीं खाओगे और मेरा रक्त नहीं पियोगे तो तुम ईश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं करोगे।”  

उन्होंने कहा, “हमारे लिए यह समझने में कठिनाई होती है कि हमें ईश्वर को सेवा करने हेतु अवसर देने की जरुरत है। संत योहन के सुसमाचार पर चिंतन करते हुए उन्होंने य़ेसु और पेत्रुस के बीच हुई वार्ता का जिक्र किया, “आप मेरे पैर कभी नहीं धो सकते”, पेत्रुस येसु से कहता है। इसके उत्तर में येसु कहते हैं, “यदि मैं तुम्हारा पैर न धोऊं तो तुम्हारा मेरे साथ कोई संबंध नहीं रह जायेगा।” “हमें येसु से प्रार्थना करने की जरुरत है कि वे हमें बढ़ने में मदद करें, क्षमा करने हेतु मदद करें।”  

पुरोहितों के लिए धन्यवाद

इसके बाद संत पापा फ्रांसिस ने पुरोहितों के लिए ईश्वर का धन्यवाद अदा किया। “मैं पुरोहितों की याद करता हूँ, उन सभों की, जो नव-अभिषिक्त हैं जो धर्माध्यक्ष से संत पापा बन गये हैं। आप का अभ्यंजन यूख्रारीस्तीय बलिदान के अनुष्ठान हेतु हुआ है, आप सेवा हेतु पवित्र किये गये हैं।”  उन्होंने कहा कि आज की सुबह हम “पवित्र तेलों की आशीष” (क्रिज्मा मिस्सा) नहीं कर पायें, हम आशा करते हैं कि इसे हम पेन्तेकोस्त त्योहार से पहले कर पायेंगे।

अंतिम भोज की धर्मविधि के बारे में उन्होंने कहा, “मैं इस मिस्सा में पुरोहिताई और उन सभी पुरोहितों की चर्चा किये बिना नहीं रह सकता जो अपने को ईश्वर की सेवा हेतु अर्पित करते हैं।”  उन्होंने याद की कि कोरोना वायरस महामारी के इन दिनों में इटली के अस्पतालों में चिकित्सकों और नर्सों के अलावे बहुत से पुरोहितगण मरे हैं।

वे हमारे लिए “हमारे चौखटों में, पड़ोसी संतगण”  हैं जिन्होंने ईश्वर और विश्वासियों की सेवा करते हुए अपने जीवन को निछावर कर दिया। संत पापा ने उन पुरोहितों की याद की जो छोटी पल्लियों और कैदखानों में कैदियों के पास सुसमाचार को ले जाते हैं। उन्होंने विश्व के सुदूर सीमांतों में, प्रेरिताई कार्यो में संलग्न पुरोहितों की भी याद की जो विश्व और अपनी जर-जमींर की आंखों से दूर दफनाएं गये हैं।

“हम उनके नामों से अपरिचित हैं” संत पापा ने कहा। वे अच्छे पुरोहित हैं और उन्हें मैं अपने हृदय में रखता हूँ। उन्होंने उन पुरोहितों की भी याद की जिन्हें अपमान का शिकार होना पड़ा है,  जिसके कारण वे गलियों में चल नहीं सकते हैं।

“आज आप सभी मेरे साथ इस बलिवेदी में हैं। आप पेत्रुस के समान कठोर-विचार वाले न बनें- येसु को अपने पैर धोने दें और दूसरों को क्षमा करना सीखें। जैसे आप ने क्षमा किया है वैसे आप को क्षमा मिलेगी, आप क्षमा करने से कभी न डरें।”

अपने प्रवचन के अंत में संत पापा ने पुरोहिताई की कृपा हेतु ईश्वर का धन्यवाद किया। “मैं आप सभी पुरोहितों के लिए ईश्वर का धन्यवाद अदा करता हूँ, येसु आप को प्रेम करते  हैं। मैं आप से केवल यही निवेदन करता हूँ कि आप अपने पैरों को धोने दें।”  

विदित हो कि इस वर्ष सामान्य प्रचलन के विपरीत पुण्य बृहस्पतिवार का मिस्सा अनुष्ठान संत पेत्रुस के सिंहासन बलिवेदी में विश्वासियों की अनुपस्थिति में, संत पेत्रुस महागिरजाघर में सम्पन्न हुआ। कोरोना वायरय के कारण स्वास्थ्य निर्देशनों का पालन करते हुए धर्म विधि में पैर धोवन की धर्म विधि नहीं की गई।

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10 April 2020, 10:50