फिलीस्तीन का एक ख्रीस्तीय फिलीस्तीन का एक ख्रीस्तीय 

शिष्य वह है जो प्रभु में बना रहता है, संत पापा

बुधवार को संत पापा फ्राँसिस ने तीन ट्वीट प्रेषित किया जिसमें उन्होंने मीडिया कर्मियों के कामों की सराहना करते हुए उनके लिए प्रार्थना करने हेतु प्रेरित किया। संत पापा ने सभी ख्रीस्तियों को येसु के सच्चे शिष्य बनने और हृदय की शुद्धता का सही अर्थ समझाया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 1 अप्रैल 2020 (रेई) : आज के समय में मीडिया संचार मनुष्य की अनिवार्य आवश्यकता बनती जा रही है। संचार माध्यम से लोग हजारों मील दूर रहकर भी दूसरों के करीब रहने का एहसास कराते हैं। संत पापा ने ट्वीट कर मीडिया कर्मियों के लिए प्रार्थना की।

1 ट्वीट

अपने ट्वीट संदेश में संत पापा ने लिखा, आइए, हम मीडिया में काम करने वाले सभी लोगों के लिए प्रार्थना करें, जो संचार द्वारा, अलगाव के इस समय को व्यतीत करने में हमारी मदद कर रहे हैं, वे बच्चों की शिक्षा हेतु कार्य कर रहे हैं। हम उन सभों के लिए प्रार्थना करें जो इस  विकट समय में हमारी सहायता कर रहे हैं।

2 ट्वीट

संत पापा ने बुधवार के सुसमाचार पाठ को केंद्रित करते हुए दूसरा ट्वीट प्रेषित किया

संत पापा ने लिखा, "यदि तुम मेरी शिक्षा पर दृढ़ रहोगे, तो सचमुच मेरे शिष्य सिद्ध होगे।" (योहन 8:31) शिष्य वह है जो स्वतंत्र है क्योंकि वह प्रभु में बना रहता है। प्रभु में बने रहने का अर्थ है स्वयं को पवित्र आत्मा द्वारा निर्देशित होने देना।"

3 ट्वीट

संत पापा ने बुधवारीय आमदर्शन समारोह के दौरान "धन्य वचनों" पर अपनी धर्मशिक्षा को केंद्रित करते हुए तीसरा ट्वीट प्रेषित किया।

संत पापा ने लिखा, "शुद्ध" हृदय होने का क्या मतलब है? यह एक ऐसी प्रक्रिया का परिणाम है जो मुक्ति और त्याग का संकेत देता है। हृदय की शुद्धता यूँ ही नहीं आती, अपने अंदर की बुराई का त्याग करना सीखते हुए, इसे आंतरिक सरलीकरण के साथ जीया जाता है।"  

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01 April 2020, 14:10