वाटिकन सिटी की अदालत तथा न्याय एवं कानून व्यवस्था की रक्षा से जुड़े सदस्यों से मुलाकात करते संत पापा वाटिकन सिटी की अदालत तथा न्याय एवं कानून व्यवस्था की रक्षा से जुड़े सदस्यों से मुलाकात करते संत पापा 

वाटिकन में सुधार कलीसिया के मिशन का हिस्सा

संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन की अदालत के न्यायिक वर्ष के उद्घाटन के अवसर पर शनिवार को वाटिकन सिटी की अदालत तथा न्याय एवं कानून व्यवस्था की रक्षा से जुड़े सदस्यों को सम्बोधित किया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 15 फरवरी 2020 (रेई)˸ संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 15 फरवरी को वाटिकन सिटी की अदालत तथा न्याय एवं कानून व्यवस्था की रक्षा से जुड़े सदस्यों को सम्बोधित किया।  

न्याय की शुरूआत व्यक्तिगत मन-परिवर्तन से

संत पापा फ्राँसिस ने अपने सम्बोधन में दो मुख्य विन्दुओं पर चिंतन प्रस्तुत किया। पहले बिन्दु पर उन्होंने सुसमाचार का हवाला देते हुए कहा कि येसु द्वारा कही गयी न्याय की बातें मात्र नियम नहीं हैं जिनका मकसद सिर्फ नियम पालन हो बल्कि हृदय की तत्परता है जो जिम्मेदार लोगों का मार्गदर्शन करता है। उन्होंने जोर दिया कि न्याय हर व्यक्ति के अंदर में खुद के मन-परिवर्तन से उत्पन्न होनी चाहिए।

संत पापा ने कहा कि न्याय के साथ अन्य सदगुणों को भी साथ चलना चाहिए विशेषकर, विवेक, संयम और धैर्य। उन्होंने कहा कि न्यायधीशों को ऐसा उत्तर खोजना चाहिए जो न्याय के साथ-साथ करुणा से जुड़ा हो जो भ्रांति का नहीं बल्कि पूर्णता का न्याय हो। संत पापा ने उन्हें नियम भंग करनेवालों की गलती एवं दुर्बलता के कारणों को समझने की उनकी प्रतिबद्धता को जारी रखने का प्रोत्साहन दिया।   

कलीसिया के मिशन का अभिन्न अंग, सुधार

संत पापा ने अपने सम्बोधन में दूसरी बिन्दु पर प्रकाश डाला, वह बिन्दु है कि "वे कानून जो आपसी संबंधों एवं नैतिक मूल्यों को नियंत्रित करते हैं उन नियमों को पृष्टभूमि प्रदान करते हैं।"  

उन्होंने उन सुधारों पर ध्यान दिया, जिन्होंने वाटिकन विधि-निर्माण में महत्वपूर्ण बदलाव लाये, जो आधुनिकीकरण की आवश्यकता से प्रेरित हैं। उन्होंने कहा, "किन्तु वाटिकन सिटी की ओर से परमधर्मपीठ ने जो अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता अपनायी है उनका भी कद्र किया जाना आवश्यक है।" यह समर्पण खासकर, व्यक्ति एवं सामाजिक दलों की रक्षा करने से संबंधित है। अतः इन सुधारों के मुख्य उद्देश्यों को कलीसिया के मिशन में स्वीकृत किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि निश्चय ही यह इसके मिशन कार्य का अभिन्न एवं महत्वपूर्ण भाग है।       

प्रवर्तन की प्रभावशीलता और दक्षता

संत पापा ने याद किया कि हाल के दिनों में हुए सुधार ने "संदिग्ध वित्तीय स्थिति" को प्रकाश में लाया जिसपर अभी भी जाँच जारी है, किन्तु उन्होंने कहा कि अनियमितताओं की पहली रिपोर्ट वाटिकन से ही आयी जिसमें अंतर्राष्ट्रीय मानकों द्वारा आवश्यक कानून प्रवर्तन कार्रवाइयों की प्रभावशीलता और दक्षता दिखाया गयी, खासकर, संत पापा ने वाटिकन के सुरक्षा बल की सराहना की जिन्होंने न्याय को प्रोत्साहन देनेवाले कार्यालय के समर्थन में अपनी खोजी गतिविधियों के लिए खुद को विशिष्ट बनाये रखा।

सुधार के कार्यों की सराहना करते हुए संत पापा ने इस बात को भी स्वीकारा कि सुधार का सारा प्रयास लोगों पर ही निर्भर था। उन्होंने कहा, "इसलिए हमें न केवल बौद्धिक, बल्कि नैतिक एवं कर्तव्य रूप से भी ऑपरेटरों के प्रति खास मनोभाव रखने की जरूरत है। इस अर्थ में, न्याय को बढ़ावा देने के लिए सही लोगों के योगदान की आवश्यकता है।”

दिव्य न्याय की प्रतीक्षा

संत पापा ने अपने सम्बोधन के अंत में उपस्थित सदस्यों को येसु के शब्दों की याद दिलायी जिसको उन्होंने सुसमाचार में कहा है, "तुम जिस नाप से नापते हो उसी से तुम्हारे लिए भी नापा जाएगा। सुसमाचार हमें स्मरण दिलाता है कि सांसारिक न्याय के हमारे प्रयास का अंतिम क्षितिज है ईश्वरीय न्याय को प्राप्त करना, उस प्रभु को, जिसका हम सभी इंतजार करते हैं। उन्होंने कहा कि ये शब्द हमें भयभीत नहीं करते बल्कि हमारी जिम्मेदारियों को गंभीरता एवं दीनता से पूरा करने हेतु प्रोत्साहन देते हैं।

 

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15 February 2020, 17:06