प्रो पेत्री सेदे संघ के संग संत पापा फ्रांसिस प्रो पेत्री सेदे संघ के संग संत पापा फ्रांसिस 

प्रो पेत्री सेदे संघ के उदार कार्यों हेतु कृतज्ञता, संत पापा

प्रो पेत्री संघ की स्थापना 19वीं सदी में हुई थी जो उदासीनता और व्यक्तिगतवाद से भिन्न अपने को उदारता के कार्यों में संयुक्त करती है। ख्रीस्तीय जीवन का साक्ष्य देने हेतु संत पापा ने संघ के सदस्यों की सरहाना करते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार, 24 फरवरी 2020 (रेई) संत पापा फ्रांसिस ने गरीबों के लिए उदारता के कार्य में संलग्न प्रो पेत्री संघ के सदस्यों से मुलाकात की और उनके कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया।

उन्होंने कहा, “मानव, चाहे उसकी उत्पत्ति या उसकी सामाजिक स्थिति कैसी भी क्यों न हो हमें सदा उसकी मानवीय अखंडता और उसकी गरिमा का ख्याल और उसकी रक्षा करने की जरुरत है”। उक्त बातें संत पापा ने उदारवादी संघ की सालगिराह के अवसर पर वाटिकन में उनके संग मुलाकात करते हुए कही जो संत पेत्रुस की कब्र, तीर्थयात्रा हेतु आये वाटिकन आये थे। “विश्वास का कार्य” एक अवसर होता है जहाँ हम आर्थिक औऱ सामाजिक रुप में वाटिकन के संग करूणा के कार्यो में अपने को सहभागी करते और सम्पूर्ण मानवीय विकास में योगदान करते हैं।

गरीबों की सेवा अति आवश्यक विकल्प

संत पापा ने कलीसियाई चरवाहे के रुप में अपने परमाधर्मध्क्षीय काल के दो प्रिय तथ्यों “गरीबों हेतु सेवाकार्य के विकल्प” और “पारिस्थितिकी रूपांतरण” का जिक्र किया क्योंकि और अधिक पाने की भूख, कैरियर और शक्तिशाली होने के कारणों से दरिद्र अपने में त्रस्त हैं, वहीं संघ पारिस्थितिकी के संबंध में अपने को विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यों में संलग्न कर रहा है।

आज हम विभिन्न तरह की चुनौतियों से घिर हैं जिसका संदर्भ हमारा परिवार औऱ सामान्य निवास स्थल है। हमारी चिंताओं का केन्द्र-विन्दु वे लोग हैं जो अपने को युद्धों में घिरे पाते, प्रवासन, गरीबी और अपने को प्रर्यावरण के विनाश से प्रभावित पाते हैं। हमारे लिए यह अत्यंत जरूरी है कि हम गरीबों के दमन की रोकथाम करें। हमारे लिए यह नितांत आवश्यक है कि हम युद्धों की रोकथाम हेतु प्रयास करें जो लोगों के लिए आप्रवासन का कारण बनाते हैं।

पारिस्थितिकी में रुपांतरण की जरुरत

मानव और सामाजिक आयाम संत पापा की धर्मशिक्षा के मूलभूत अंग हैं जो हमें आमघर की देखभाल हेतु “पारिस्थितिकी का अभिन्न” अंग बनाते हैं। अतः उन्होंने “पारिस्थितिकी रुपांतरण” पर जोर देते हुए कहा कि आप के उदारता भरे कार्य जो ख्रीस्तीय जीवन के साक्ष्य हैं हम में से प्रत्येक जन को व्यक्तिगतवाद, स्वार्थ और उदासीनता के विरूद्ध संघर्ष करने हेतु निमंत्रण देता है क्योंकि यह मानव और प्रर्यावरण दोनों के मध्य व्याप्त शांति को भंग करती है। “आप अपने विश्वास और भरोसे में सुदृढ़ बने रहें, जो दूसरे के हृदय में आशा की ज्योति जलायेगी। आप संत पेत्रुस की भांति साहस में ईश्वर के महान प्रेम को प्रसारित करें जिसे येसु ख्रीस्त ने हम सभों के लिए प्रकट किया है।

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24 February 2020, 16:54