वित्तमंत्रियों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस वित्तमंत्रियों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस  

आर्थिक असमानता कम करें, विश्व के वित्तमंत्रियों से संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने विश्व आर्थिक प्रणाली के नेताओं से अपील की है कि वे गरीबों पर ध्यान देते हुए, जो विश्व की उदासीनता के कारण पीछे छूट जाते हैं, बढ़ती आय असमानता को कम करें।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 6 फरवरी 2020 (रेई)˸ फ्राँस, अर्जेंटीना, मेक्सिको, पराग्वे और एल सल्वाडोर के वितमंत्री, एक नोवेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के निदेशक ने बुधवार को वाटिकन कार्यशाला में भाग लिया।   

कार्यशाला की विषयवस्तु थी, "नये तरीके की एकात्मता"। इसका आयोजन सामाजिक विज्ञान के लिए गठित परमधर्मपीठीय अकादमी के तत्वधान में किया गया था।  

इसने वैश्विक वित्तीय प्रणाली में प्रमुख नेताओं के लिए "समावेश, एकीकरण और नवाचार" के माध्यम से बढ़ती असमानता पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान किया।

संत पापा ने कार्याशाला के प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए प्रचलित आर्थिक मॉडल के पीछे कई खतरों को उजागर किया तथा धनी एवं गरीब के बीच खाई को भरने के लिए अनेक उपाय बतलाये।

बढ़ती असामनता

संत पापा ने कहा, "विश्व धनी है फिर भी गरीब लोगों की संख्या हमारे आस-पास बढ़ रही है।" उन्होंने कहा कि मिलियन लोग अत्यन्त गरीबी का सामना कर रहे हैं उनके पास न खाने के लिए भोजन है, न घर, न चिकित्सा सुविधा, न स्कूल, न बिजली और न ही पेय जल। अनुमानता करीब 5 मिलियन बच्चे इस साल गरीबी से जुड़ी समस्याओं के कारण मौत के शिकार होंगे।

संत पापा ने कहा कि आय में असामानता में वृद्धि ने लाखों लोगों को जबरन मजदूरी, वैश्यवृति और मानव अंग तस्करी का शिकार बनाया है।  

समाधान संभव

ये वास्तविकताएँ हमें कदम उठाने हेतु प्रेरित करें, न कि निराशा में डालें। ये हल किये जाने वाली समस्याएँ हैं और इसके लिए वैश्विक असमानता को दोष नहीं दिया जा सकता है।

संत पापा ने कहा, "गरीबी से ऊपर उठा जा सकता है यदि अर्थव्यवस्था को उस स्थान पर रखा जाए जहाँ समाज के पिछड़े लोगों को खिलाया, ख्याल रखा एवं पहनाया जाता है।

उन्होंने कहा, "हमें चुनना चाहिए कि क्या और किसको प्राथमिकता दी जानी चाहिए। हमारा चुनाव या तो सामाजिक अन्याय और हिंसा को बढ़ावा दे सकता है, अथवा सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था का मानवीयकरण कर सकता है।"

पाप की संरचना

संत पापा ने कहा कि हमारे पूरे मानव इतिहास में अत्यधिक धनी लोगों के साथ-साथ अत्यधिक गरीबी भी देखी गयी है।

इस समय करीब 50 सबसे धनी लोगों के पास 2.2 त्रिलियन डॉलर है जो टैक्स या लोकोपकार के माध्यम से विश्व के गरीब बच्चों को स्वास्थ्य सुविधा एवं शिक्षा प्रदान कर, हरेक साल लाखों बच्चों की जान बचा सकते हैं किन्तु संत पापा ने धनी लोगों की चालाकी को "पाप की संरचना" कहा जो कई बार टैक्स से बचने के लिए विदेशी खातों में पैसा जमा करते हैं।

सह-जिम्मेदारी एवं भाईचारा

समाधान की बात करते हुए संत पापा ने विश्व के वित्त मंत्रियों से अपील की कि वे सह-जिम्मेदारी, भाईचारा और विश्वास की खोज करें।

उन्होंने कहा कि बैंक एवं आर्थिक संस्थान वंचित लोगों की मदद करें तथा देश में एक निश्चित स्तर पर विकास लायें।

उन्होंने कहा, "सामाजिक सुरक्षा, एक मौलिक आय, सभी के लिए स्वास्थ्य सुविधा एवं सर्वव्यापी शिक्षा ये सभी आर्थिक अधिकार हैं जो मानव एकात्मता का आधार निर्मित करते हैं।"

बहिष्कृत लोगों के लिए लाभ

अंततः संत पापा ने कार्याशाला के प्रतिभागियों को निमंत्रण दिया कि वे अपने अधिकार के इस पद का प्रयोग, वंचित लोगों के विकास को बढ़ावा, संघर्षरत राष्ट्रों के लिए कर्ज राहत और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए करें।

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06 February 2020, 16:29