स्पेन के मैडरिड शहर में शांति सम्मेलन के लिये एकत्र लोग-तस्वीरः 19.11.2019 स्पेन के मैडरिड शहर में शांति सम्मेलन के लिये एकत्र लोग-तस्वीरः 19.11.2019  

स्पेन, लोकधर्मियों के राष्ट्रीय सम्मेलन को सन्त पापा का सन्देश

स्पेन के मैडरिड शहर में 14 से 16 फरवरी तक आयोजित लोकधर्मियों के राष्ट्रीय सम्मेलन के उपलक्ष्य में सन्त पापा फ्राँसिस ने मैडरिड के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल रिकार्दो पेरेज़ के नाम एक सन्देश प्रेषित कर लोकधर्मियों की प्रेरिताई के महत्व को प्रकाशित किया।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

मैडरिड, शुक्रवार, 14 फरवरी 2020 (रेई, वाटिकन रेडियो): स्पेन के मैडरिड शहर में 14 से 16 फरवरी तक आयोजित लोकधर्मियों के राष्ट्रीय सम्मेलन के उपलक्ष्य में सन्त पापा फ्राँसिस ने मैडरिड के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल रिकार्दो पेरेज़ के नाम एक सन्देश प्रेषित कर लोकधर्मियों की प्रेरिताई के महत्व को प्रकाशित किया।

स्पेन के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के तत्वाधान में आयोजित लोकधर्मियों के राष्ट्रीय सम्मेलन का विषय है, "नित्य आगे बढ़ती ईश प्रजा"। इस सन्दर्भ में, सन्त पापा ने अपने सन्देश में लिखा, "धर्माध्यक्षों, धर्मसमाजियों, धर्मसंघियो एवं लोकधर्मी काथलिकों से निर्मित कलीसिया ईश प्रजा है जो प्रेरितिक आवेग को और अधिक केंद्रित, उदार और फलदायी बनाने के लिए विवेक, शुद्धि और सुधार की एक निर्धारित प्रक्रिया में प्रवेश करती है।"

दैनिक कार्यों से योगदान

सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि सभी बपतिस्मा प्राप्त विश्वासी कलीसिया के मिशन में आधारभूत भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि लोकधर्मी काथलिक विश्वासी शिक्षा, मीडिया, स्वास्थ्य तथा विशेष रूप से, जनता की राय के निर्माण में मदद प्रदान कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि लोकधर्मी सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक जीवन से संबंधित हर चीज में अपना मूल्यवान योगदान प्रदान कर कलीसिया को विश्व में व्याप्त विभिन्न स्थितियों से अवगत कराते तथा उनका समाना करने के लिये उसे तैयार करते हैं।  

लोकधर्मी सुसमाचार के साक्षी बनें

सन्त पापा ने कहा कि लोकधर्मी विश्वासी अपने दैनिक जीवन में विश्वास का साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिये बुलाये गये हैं, तथापि, उन्होंने कहा, यह साक्ष्य वैयक्तिक न होकर सामुदायिक साक्ष्य होना चाहिये, ताकि विश्व एक साथ तीर्थयात्रा करती ईश प्रजा का साक्षात्कार कर सके।  

सन्त पापा फ्राँसिस ने लिखा, ईश प्रजा इतिहास के एक ठोस दौर से गुज़र रही है, मानों उसे एक खाली पृष्ठ दे दिया गया हो, जिसपर उसे ख़ुद अपना इतिहास लिखना है। इसके लिये, सन्त पापा ने कहा, "आपको आंतरिक स्वतंत्रता की आवश्यकता है जो हमारे समय की वास्तविकता से ख़ुद का स्पर्श करने तथा हर चुनौती का सामना करने के लिये हिम्मत रखने में सक्षम होने की मांग करता है।

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14 February 2020, 11:55