संत पापा फ्राँसिस भावी परमधर्मपीठीय राजनायिकों के संग संत पापा फ्राँसिस भावी परमधर्मपीठीय राजनायिकों के संग 

भावी परमधर्मपीठ राजनायिकों का प्रशिक्षण

परमधर्मपीठीय कलीसियाई अकादमी में राजनायिक सेवा देने वालों को धर्मप्रांत में एक साल का प्रेरितिक कार्य करना होगा।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन रेडियो, सोमवार, 17 फरवरी 2020 (रेई) संत पापा फ्रांसिस ने परमधर्मपीठीय कलीयिसाई अकादमी के नये अध्यक्ष, धर्माध्यक्ष जोसेफ मरिनो को प्रेषित 11 फरवरी के पत्र में इस बात हेतु निर्देश दिया है कि परमधर्मपीठीय कलीसियाई अकादमी में राजनीयिक सेवा हेतु प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों को धर्मप्रांत में एक साल की प्रेरितिक सेवा देनी होगी।

संत पापा ने कहा, “मुझे विश्वास है इस तरह के अनुभव युवाओं के लिए फयादेमंद साबित होंगे,विशेष कर उनके लिए जो भविष्य में परमधर्मपीठीय सेवारत प्रतिनिधि के संग हाथ बांटने हेतु बुलाये जायेंगे, जिन्हें संत पापा अपने प्रेरितिक राजदूत की भांति विशिष्ट कलीसियाओं हेतु प्रेषित करेंगे।”

संत पापा फ्रांसिस ने सन् 2015 को परमधर्मपीठीय कलीसियाई अकादमी को दिये गये अपने संबोधन में कहा था, “प्रेरितिक कार्य आप को एक दिन दुनिया के हर कोने में ले जायेंगे। यूरोप को अपने में जागने की जरुरत है, अफ्रीका अपने में मेल-मिलाप हेतु प्यासी है, लातीनी अमेरीका को पोषण और आंतरिकता की जरुरत है, उत्तरी अमेरीका अपने जड़ों की खोज में हैं जिसे वह अपने बहिष्कारण के कारण परिभाषित करने को असक्षम है, एशिय़ा और ओशिनिया को अपनी पैतृक संस्कृतियों की विशालता के संग वार्ता की एक बड़ी चुनौती है”। अपने पत्र के अंत में संत पापा इस बात पर जोर देते हैं, “कलीसिया में बढ़ती इन सारी चुनौतियों का सामना करने और दुनिया को साकारत्मक दृष्टि से देखने हेतु परमधर्मपीठ को उन पुरोहितों की आवश्यकता है जो पुरोहिताई और प्रशिक्षण में दक्षता प्राप्त करने के साथ-साथ अपने धर्मप्रांत के बाहर प्रेरिताई कार्य करने का अनुभव प्राप्त हो, जिससे वे सुसमाचार की सेवा में खरा उतर सकें”।   

इस संदर्भ में संत पापा ने धर्माध्यक्ष मरिनो को वैश्विक कलीसिया की सेवा हेतु अपने विचारों से अवगत कराया और इसे पुरोहिताई प्रशिक्षण का एक अभिन्न अंग बनाने की मांग की जो नये सत्र 2020-2021 से शुरू की जायेगी।

इस प्रशिक्षण को और गहराई तक ले जाने के संबंध में सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया के धर्मगुरू ने कहा, “यह हमें परमधर्मपीठ से सहयोग करने की मांग करता है, विशेष रुप से वाटिकन के विभिन्न राजनायिक धर्मपीठीय विभाग के अलावे परमधर्मपीठीय प्रतिनिधियों से जो निश्चित रुप से आप को मूल्यवान सहायता प्रदान करेंगे जिससे आप स्थानीय कलीसियाओं से संग अपने को संयुक्त कर सकें जो विद्यार्थियों के रुप में आपका स्वागत करने हेतु सदा तैयार हैं।”

संत पापा ने कहा कि मैं आशा करता हूँ कि यह वैश्विक कलीसिया के अन्य पुरोहितों को प्रोत्साहन प्रदान करेगा जिससे वे कलीसिया के कार्यों को दूसरे धर्मप्रांतों में आगे बढ़ाने हेतु अपने को समर्पित करेंगे।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

17 February 2020, 16:05