काथलिक शिक्षा के लिए समर्पित धर्मसमाज की महासभा के प्रतिभागियों के सात पोप काथलिक शिक्षा के लिए समर्पित धर्मसमाज की महासभा के प्रतिभागियों के सात पोप 

अधिक भाईचारापूर्ण मानवता के लिए शिक्षा की ताकत

संत पापा फ्राँसिस ने 20 फरवरी को काथलिक शिक्षा के लिए समर्पित धर्मसमाज की महासभा के प्रतिभागियों को सम्बोधित कर, उनसे अपील की कि वे परिपक्व व्यक्ति के निर्माण हेतु एक व्यापक शैक्षिक गठबंधन में एकजुट हों, जो विभाजन और विरोध पर काबू पाने में सक्षम हो तथा अधिक भाईचारापूर्ण मानवता के लिए रिश्तों का पुनर्निर्माण कर सके।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 20 फरवरी 20 (रेई)˸ संत पापा ने कहा, "शिक्षा एक गतिशील सच्चाई है। यह एक ऐसी क्रिया है जो लोगों को प्रकाश में लाती है।"

महासभा के प्रतिभागियों से संत पापा ने कहा कि शिक्षा एक खास तरह की गतिविधि है जिसकी विशेषता है सतत् विकास, जो व्यक्ति के व्यक्तिगत एवं सामाजिक, हर तरह के विकास की दिशा में अग्रसर होता है।  

पारिस्थितिक आंदोलन

संत पापा ने कहा कि शिक्षा का एक आयाम है पारिस्थितिक आंदोलन। उन्होंने कहा कि शिक्षा के केंद्र में व्यक्ति का पूरा व्यक्तित्व होता है, जिसका उद्देश्य है उसे अपने आमघर, जिसमें वह निवास करता है उसका ज्ञान देना और सबसे बढ़कर भाईचारा के संबंध की खोज करना जो मानवता की बहुसांस्कृतिक संरचना, आपसी समृद्धि के स्रोत का निर्माण करता है।

संत पापा ने इस बात को रेखांकित किया कि शिक्षा का यह आंदोलन ऐसे शिक्षकों की मांग करता है जो एक पारिस्थितिक नैतिकता के शैक्षणिक पुनरावृत्तियों को पुनः स्थापित करने में सक्षम हों, ताकि वे एकात्मता, जिम्मेदारी एवं सहानुभूति की भावनाओं में प्रभावशाली ढंग से बढ़ने में मदद दे सकें।

समावेशी आंदोलन

संत पापा ने शिक्षा को एक समावेशी आंदोलन कहा जो वंचित लोगों के लिए कार्य करता एवं शरणार्थी, मानव तस्करी के शिकार और आप्रवासी लोगों के हित में, लिंग, जाति एवं धर्म का भेदभाव किये बिना कदम उठाता है। उन्होंने कहा कि समावेश कोई आधुनिक खोज नहीं है बल्कि ख्रीस्तीय मुक्ति संदेश का अभिन्न हिस्सा है।

संत पापा ने कहा कि शिक्षा एक शांति निर्माण का आंदोलन है, शांति का वाहक है। यह एक टीम आंदोलन भी है। उन्होंने गौर किया कि टीम आंदोलन कई कारणों से लम्बे समय तक संकट में है।

वैश्विक शैक्षणिक समझौता

उस संकट को मन में रखते हुए संत पापा फ्राँसिस ने अगले 14 मई को वैश्विक शैक्षणिक समझौता दिवस मनाने का प्रोत्साहन दिया, जिसका जिम्मा काथलिक शिक्षा के लिए समर्पित धर्मसंघ को सौंपा जाएगा।  

संत पापा ने इसे उन लोगों के लिए अपील कहा जिनके पास राजनीतिक, प्रशासनिक, धार्मिक एवं शैक्षणिक जिम्मेदारियाँ हैं कि वे शिक्षा के गाँव का पुनर्निर्माण कर सकें। इसका उद्देश्य है युवा पीढ़ी के लिए एवं उनके साथ, अधिक उदार एवं समावेशी शिक्षा के उत्साह को जगाना, धीरज पूर्व सुनने की क्षमता, निर्माणात्मक वार्ता एवं आपसी समझदारी के प्रति प्रतिबद्धता को पुनः जागृत करना। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक समझौता के लिए क्रांति की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि पहले इसकी आवश्यकता कभी नहीं हुई थी कि एक व्यापक शैक्षिक गठबंधन के लिए एक साथ प्रयास किया जाए, जो परिपक्व व्यक्ति का निर्माण कर सके, विखंडन और विरोध पर काबू पाने में सक्षम हो और अधिक भाईचारा पूर्ण रिश्तों का पुनर्निर्माण करे। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए साहस की जरूरत है, उस साहस की जो व्यक्ति को केंद्र में रखता है।

शिक्षा के इस विस्तृत क्षितिज में, संत पापा ने उपस्थित लोगों को प्रोत्साहन दिया कि वे आने वाले वर्षों में भी समझौता को लागू करने का प्रयास जारी रखें, विशेषकर, निर्देशिका तैयार करने एवं एक विश्व पर्यवेक्षण की स्थापना द्वारा।

संत पापा ने अंत में कहा कि अपने समर्पण द्वारा वे समझौता को सुदृढ़ रखने में अधिक मदद कर सकते हैं जैसा कि हमें ईश वचन में सिखलाया गया है।

 

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

20 February 2020, 16:59