फिनलैण्ड की लूथरन कलीसिया के प्रतिनिधिमण्डल के साथ - 17.01.2020 फिनलैण्ड की लूथरन कलीसिया के प्रतिनिधिमण्डल के साथ - 17.01.2020 

फिनलैण्ड की लूथरन कलीसिया से सन्त पापा फ्राँसिस

लूथरन कलीसिया के प्रतिनिधिमण्डल को सम्बोधित शब्दों में सन्त पापा फ्राँसिस ने काथलिक-लूथरन वार्ता की प्रगति के प्रति ध्यान आकर्षित कराया और कहा कि प्रभु येसु ख्रीस्त के शिष्य होने के नाते हम सब विश्व में भाईचारे एवं शांति में योगदान प्रदान करने के लिये बुलाये गये हैं।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 17 जनवरी 2020 (रेई,वाटिकन रेडियो): फिनलैण्ड की लूथरन ख्रीस्तीय कलीसिया के, धर्माध्यक्ष टीमू के नेतृत्व में रोम आये, प्रतिनिधिमण्डल ने शुक्रवार को वाटिकन में सन्त पापा फ्राँसिस से मुलाकात कर उनका सन्देश सुना। फिनलैण्ड का लूथरन प्रतिनिधिमण्डल सन्त हेनरिक के पर्व के उपलक्ष्य में रोम की तीर्थयात्रा कर रहा है।  

पूर्ण सहभागिता के लक्ष्य की ओर

लूथरन कलीसिया के प्रतिनिधिमण्डल को सम्बोधित शब्दों में सन्त पापा फ्राँसिस ने काथलिक-लूथरन वार्ता की प्रगति के प्रति ध्यान आकर्षित कराया और कहा कि प्रभु येसु ख्रीस्त के शिष्य होने के नाते हम सब विश्व में भाईचारे एवं शांति में योगदान प्रदान करने के लिये बुलाये गये हैं। उन्होंने कहा, "हमारी ही तरह आप भी एक साथ मिलकर विश्वास में पूर्ण सहभागिता की ओर तीर्थयात्रा में लगे हैं, ताकि हम ख्रीस्तीय शिष्यता में एक दूसरे को प्रोत्साहित एवं सुदृढ़ कर सकें।"

बपतिस्मा पवित्रता की बुलाहट

प्रभु के बपतिस्मा को समर्पित विगत रविवार पर सन्त पापा फ्राँसिस ने ध्यान आकर्षित कराया और कहा कि ख्रीस्तीय व्यक्ति एक ऐसा व्यक्ति है जो अपने बपतिस्मा के लिये धन्यवाद ज्ञापित कर सकता है, और यह धन्यवाद ज्ञापन समस्त बपतिस्मा प्राप्त व्यक्तियों के समुदाय में एकता को प्रोत्साहित करता है।

सन्त पापा ने कहा, "कलीसियाई जीवन में औचित्य शीर्षक से स्वीडन एवं फिनलैण्ड के लिये प्रकाशित काथलिक-लूथरन वार्ता रिपोर्ट उचित ही इस तथ्य के प्रति हमारा ध्यान आकर्षित कराती है कि जो व्यक्ति बपतिस्मा प्राप्त कर चुके हैं वे अपने भाइयों एवं बहनों के साथ मिलकर, ख्रीस्त में अपने समान औचित्य द्वारा पवित्रता हेतु अपने अवसरों को विकसित कर सकते हैं।"

दैनिक जीवन में सुसमाचार का साक्ष्य  

सन्त पापा ने कहा, ख्रीस्त के रहस्यमय शरीर के अंग होने के नाते ख्रीस्तानुयायी एक दूसरे के साथ परस्पर जुड़े हैं, इसलिये उन्हें एक दूसरे के बोझ को ढोने के लिये सदैव तैयार रहना चाहिये। उन्होंने कहा, "चूँकि प्रभु ख्रीस्त ने सम्पूर्ण विश्व की मुक्ति के लिये इस धरा पर देहधारण किया, इसलिये सम्पूर्ण कलीसिया तथा प्रत्येक ख्रीस्तानुयायी का यह मिशन है कि वह अपने दैनिक जीवन में सुसमाचार का साक्ष्य प्रस्तुत करे।"

18 जनवरी को आरम्भ होनेवाले ख्रीस्तीय एकता सप्ताह के सन्दर्भ में सन्त पापा ने सभी से विश्व के ख्रीस्तीयों के बीच एकता और एकात्मता का आह्वान किया और कहा कि ज़रूरतमन्दों की मदद, न्याय एवं शांति स्थापना के लिये यह नितान्त आवश्यक है कि पहले हमारे अपने परिवार, एवं समुदाय में एकता स्थापित हो।    

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17 January 2020, 12:09