संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस 

क्रिसमस का मतलब पवित्रता के उपहार को स्वीकार करना, संत पापा

साल के पहले रविवार को देवदूत प्रार्थना में, संत पापा फ्राँसिस ने क्रिसमस पर अपने चिंतन को जारी रखते हुए कहा, येसु का जन्म हमें प्यार में संत बनने का आग्रह करता है।

माग्रेट सुनीता मिंज–वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 6 जनवरी 2020 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने ख्रीस्त जयन्ती काल के दूसरे रविवार को संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में देवदूत प्रार्थना से पहले पुनः येसु के जन्म के अर्थ पर चिंतन किया।  

हालांकि अमेरिका और कुछ देश 5 जनवरी रविवार को प्रभुप्रकाश का उत्सव मनाया, परंतु इटली और वाटिकन सिटी अपनी परंपरा के अनुसार प्रभु प्रकाश का त्योहार 6 जनवरी को मनाती है।

शब्द का देह-धारण

संत पापा ने कहा कि संत योहन के सुसमाचार की प्रस्तावना हमें दिखाते हैं कि शाश्वत शब्द - ईश्वर का पुत्र - "मनुष्य बन गया"। मानव पुत्र "न केवल लोगों के बीच रहने के लिए आये, लेकिन वे लोगों में से एक, हम में से एक बन गये!"

संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि शब्द देह-धारण का मतलब है कि ईश्वर का वचन कानून या संस्था जैसे अमूर्त सिद्धांत का पालन करने के लिए नहीं अपितु हमारी तरह शरीर को धारण किया जिससे कि हम अब एक दिव्य व्यक्ति के बाद हमारे जीवन को आदर्श बनाने में सक्षम हो सकें।

हमें ईश्वर की संतान बनाना

संत पापा ने कहा कि संत पौलुस येसु मसीह में अपने प्यार की योजना को प्रकट कराने और महसूस कराने के लिए ईश्वर को धन्यवाद दिया।

संत पापा ने कहा, “इस योजना में हम में से प्रत्येक अपने मौलिक बुलाहट को पाता है: हम येसु मसीह के माध्यम से ईश्वर के बच्चे होने के लिए पूर्वनिर्धारित हैं। परमेश्वर का पुत्र, हमें, पुरुषों और महिलाओं को, ईश्वर के पुत्र-पुत्रियाँ बनाने के लिए मनुष्य बन गया।”

संत पापा ने कहा,“ गौशाले का दृश्य के साथ  हम हमारे स्वर्गीय पिता और अपने रिश्ते पर भी चिंतन करते हैं। आज की धर्मविधि हमें आश्वस्त करता है, कि मसीह का सुसमाचार "मानवता के लिए ईश्वर की योजना का पूर्ण रहस्योद्घाटन" है, न कि कुछ "कल्पित या मिथक कथा का संपादन।"

प्रेम में पवित्र होना

संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि हमें एक सवाल का सामना करना पड़ रहा है: "ईश्वर ने मुझे किस ठोस परियोजना को पूरा करने के लिए इस दुनिया में रखा है, क्योंकि वे अपने जन्म को हमारे बीच मौजूद रखते है?"

उन्होंने कहा कि संत पौलुस हमें क्रिसमस के अर्थ को बताते हैं, "ईश्वर ने हमें अपनी उदारता में पवित्र और शुद्ध बनने के लिए चुना है।" "अगर प्रभु हमारे बीच आते हैं और हमें अपने वचन का उपहार देते हैं, तो हम में से प्रत्येक को उनके उपहार का बदला प्यार में संत बन कर देना है।”

पड़ोसी की भलाई

 संत पापा फ्राँसिस ने अपना सबोधन समाप्त करते हुए कहा, “पवित्रता का अर्थ है, ईश्वर को अपनाना, उनके साथ अपनी सहभागिता दिखाना और उनकी असीम अच्छाई को प्रकट करना।”

उन्होंने कहा, "जो कोई भी अनुग्रह के उपहार के रूप में पवित्रता को स्वीकार करता है,वह अपने दैनिक जीवन के ठोस कार्यों द्वारा इसे दूसरों के साथ साझा करता है।”

प्यार हमें "बेदाग" बनाता है, संत पापा ने कहा कि उसका यह अर्थ नहीं है कि मैं एक दाग हटा दूं। “बेदाग” इस अर्थ में कि ईश्वर हमारे अंदर प्रवेश करते हैं। ईश्वर का अनमोल उपहार हमारे अंदर प्रवेश करता है और हम इसकी देखभाल करते हैं और दूसरों के साथ साझा करते हैं।”

अंत में संत पापा फ्राँसिस ने कुवांरी माँ मरियम से "येसु मसीह में प्रकट की गई प्रेम की दिव्य योजना को खुशी और कृतज्ञता के साथ स्वागत करने में हमारी मदद करने हेतु आग्रह किया।”

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06 January 2020, 16:50