2020.01.19 Angelus 2020.01.19 Angelus 

ईश्वर के प्रेम से विस्मित होते रहें, देवदूत प्रार्थना में पोप

रविवार 19 जनवरी को संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित किया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार, 20 जनवरी 2020 (रेई)˸ वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 19 जनवरी को संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।

सामान्य काल का यह दूसरा रविवार प्रभु प्रकाश से येसु के बपतिस्मा महापर्व की निरंतरता को प्रस्तुत करता है। सुसमाचार पाठ (योहन 1,29-34) फिर एक बार येसु के प्रकट होने के बारे बतलाता है। यर्दन नदी में बपतिस्मा प्राप्त करने के बाद, वे पवित्र आत्मा से अभिषिक्त हुए जो उनपर उतरा और स्वर्गीय पिता की आवाज में, वे ईश्वर के पुत्र घोषित किये गये। (मती. 3,16-17)

योहन बपतिस्ता का साक्ष्य

संत पापा ने कहा कि अन्य तीन सुसमाचार लेखकों की तरह संत योहन घटना का वर्णन नहीं करते बल्कि योहन बपतिस्ता के साक्ष्य को प्रस्तुत करते हैं। यह ख्रीस्त का पहला साक्ष्य है। ईश्वर ने उन्हें इसी के लिए बुलाया एवं तैयार किया था। योहन बपतिस्ता येसु का साक्ष्य देने की इस तीव्र अभिलाषा को रोक नहीं सका और घोषित की, ‘मैंने जो कुछ देखा और सुना है, उसी का साक्ष्य देता हूँ।’ (पद. 32)

संत पापा ने कहा कि योहन ने कुछ परेशान करनेवाली बात देखी, अर्थात् ईश्वर के प्रिय पुत्र का पापियों के साथ सहानुभूति रखना। पवित्र आत्मा के द्वारा वे उन बातों को भी समझने लगे जिनको नहीं समझ सकते थे, यह सचमुच अनोखा था। वास्तव में, हर धर्म में लोग ईश्वर को कुछ न कुछ बलिदान अवश्य चढ़ाते हैं, इस घटना में येसु जो ईश्वर हैं मानव की मुक्ति के लिए स्वयं को बलि चढ़ाते हैं। योहन, येसु के द्वारा लाये गये इस संदेश को अपने विस्मय एवं सहमति के साथ साक्ष्य देते हैं जिसको हम हर मिस्सा बलिदान में दुहराते हैं, "देखो ईश्वर का मेमना जो संसार के पाप हर लेता है।"    

विश्वास की यात्रा को पुनः शुरू करने का निमंत्रण

योहन बपतिस्ता का साक्ष्य निमंत्रण देता है कि हम फिर से अपने विश्वास की यात्रा को शुरू करें, येसु ख्रीस्त से पुनः शुरू करें जो करुणा से पूर्ण मेमने हैं और जिनको पिता ने हमारे लिए दिया है। संत पापा ने विश्वासियों का आह्वान करते हुए कहा, "ईश्वर का हम पापियों के प्रति सहानुभूति रखने और दुनिया को बुराई से बचाने के इस चुनाव से विस्मित हों।"

योहन बपतिस्ता से सीखें और इस भ्रम में न रहें कि हम येसु को जानते हैं, उनके बारे सब कुछ से परिचित हैं। संत पापा ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता। अतः हम सुसमाचार पर रूक जाएँ, येसु की तस्वीर, उनके पवित्र चेहरे पर चिंतन करें। अपनी आँखों से उन्हें देखें और अपने हृदय से भी देखने का प्रयास करें। पवित्र आत्मा को संचालित करने दें जो अंदर से हमें आवाज देता है, स्वयं ईश्वर के पुत्र मेमना बन गये और प्रेम के खातिर अपने प्राँणों की आहुति दी। उन्होंने दुःख सहा और हम सभी के पापों के लिए, दुनिया और मेरे पापों के लिए भी प्रायश्चित किया। उन्होंने उसे अपने ऊपर ले लिया और हमसे दूर कर दिया। इस तरह हम मुक्त हो गये हैं, हम बुराई के गुलाम नहीं हैं। हम कमजोर पापी अभी भी हैं किन्तु हम गुलाम नहीं, हम ईश्वर के बेटे-बेटियाँ बन गये हैं।   

कुँवारी मरियम से प्रार्थना

संत पापा ने माता मरियम से प्रार्थना की कि "कुँवारी मरियम अपने पुत्र येसु का साक्ष्य देने हेतु शक्ति प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करें ताकि हम बुराई से मुक्त जीवन द्वारा, आनन्द के साथ, विस्मयकारी विश्वास एवं कृतज्ञ के शब्द से उनकी घोषणा कर सकें।

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

लीबिया संकट

देवदूत प्रार्थना के उपरांत संत पापा ने बर्लिन में आयोजित सम्मेलन की याद की जिसको लीबिया संकट पर विचार करने के लिए आयोजित किया गया था। उन्होंने उम्मीद जतायी कि यह सम्मेलन हिंसा के अंत के लिए एक रास्ता शुरू करेगा तथा एक ऐसी वार्ता का नेतृत्व करेगा जो शांति की ओर अग्रसर हो।

तत्पश्चात् संत पापा ने सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया, विशेषकर, उन्होंने स्पेन के भाईचारा संगठन के सदस्यों, पोलैंड के विश्वाससियों और अमरीका एवं पुर्तगाल के विद्यार्थियों का अभिवादन किया।

संत पापा ने स्कनदीची एवं क्वार्तो दअलतिनो, त्रिओनफाले के संत जोसेफ एवं रोम के संत मेलक्याद के पल्ली दलों, साथ ही साथ, कोर्वा के मंत्री कोनकोरदिया पोरदेनोन धर्मप्रांत और उनके परिवारों की भी याद की।

अंतरराष्ट्रीय नर्स और प्रसाविका साल

संत पापा ने साल 2020 को अंतरराष्ट्रीय नर्स और प्रसाविका साल घोषित किये जाने पर खुशी व्यक्त की और कहा, "नर्स ही सबसे अधिक संख्या में और सबसे नजदीक रह कर बीमार लोगों की सेवा करते हैं दाई शायद पेशे में सबसे महान हैं।" संत पापा ने सभी नर्सों एवं दाईयों के लिए प्रार्थना करने का आह्वान किया ताकि वे अपने इस बहुमूल्य काम को अच्छी तरह कर सकें।

अंत में उन्होंने प्रार्थना का आग्रह करते हुए सभी को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।  

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20 January 2020, 14:53