समुद्र से प्लास्टिक हटाने में, पोप ने की इताली मछुआरों की सराहना
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शनिवार, 18 जनवरी 2020 (रेई)˸ संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि उनका विश्वास एक कीमती निधि से प्रेरित है। यह निधि लोकप्रिय धार्मिकता है जो ईश्वर पर भरोसा में, प्रार्थना के मनोभाव में और बच्चों को ख्रीस्तीय शिक्षा प्रदान करने में प्रकट होता है। यह परिवार के लिए सम्मान है, एकात्मता की भावना है जिसके द्वारा वे एक-दूसरे की मदद करते और आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं।
उत्साह और त्याग
संत पापा ने कहा, "आप मार्के तट से अच्छे और बुरे मौसम में, अत्याधिक उत्साह एवं त्याग के साथ, खतरा मोलते हुए समुद्र पर जाते हैं जो जीने के लिए आवश्यक है। आपके प्रियजन आपकी कठिनाइयों एवं अनिश्चितताओं में शामिल होते हैं।"
ट्रोंटो के संत बेनेडिक्ट के मछुआरों के साथ, उनकी आध्यात्मिक मदद करने वाले पुरोहित एवं धर्माध्यक्ष भी उपस्थित थे। संत पापा ने उन्हें उनकी आध्यात्मिक यात्रा में साथ देने के लिए धन्यवाद दिया।
असुविधाओं एवं अनिश्चितताओं के सामने हिम्मत न हारें
मछुआरों को सम्बोधित कर संत पापा ने कहा, "आप अपने क्षेत्र के सामाजिक जीवन में एक महत्वपूर्ण श्रेणी हैं। आधुनिक समाज जिसकी विशेषता विकास है इसमें मछुआरों को कभी-कभी सूखी भूमि पर सुरक्षित कार्य करने की चाह हो सकती है। फिर भी, जिसने समुद्र में जन्म लिया हो, वह समुद्र को अपने हृदय से कभी दूर नहीं कर सकता।" संत पापा ने उन्हें असुविधाओं एवं अनिश्चितताओं के सामने हिम्मत नहीं हारने और साहसी बने रहने की सलाह दी। साथ ही, उन्होंने कहा कि उनके अधिकारों एवं वैध आकांक्षाएँ को मूल्य दिये जाने की आवश्यकता है।
प्लास्टिक हटाना
संत पापा ने समुद्र तल बचाव कार्य के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने कहा, "यह पहल अत्यन्त महत्वपूर्ण है, अत्याधिक मात्रा में कचरे, जिसमें, खासकर, प्लास्टिक, जिसको हटाने की कोशिश की जा रही है।" संत पापा ने इसे इटली के अन्य जगहों और पूरे विश्व के लिए आदर्श कहा। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक हटाने का काम जिसको वे स्वेच्छा से कर रहे हैं स्थानीय समाज के लोग भी उनसे सीख सकते हैं और इस वैश्विक समस्या का सामना करने में अपना सहयोग दे सकते हैं।
येसु के प्रथम शिष्य
संत पापा ने मछुआओं को याद दिलाया कि उनका पेशा पुराना है। मछुआओं के जीवन एवं उनसे जुड़ी घटनाओं को हम बाईबिल में भी पढ़ते हैं। उन्होंने कहा, "येसु के प्रथम शिष्य आपके सहकर्मी थे जिनको गलीलिया झील के तट पर, उन्होंने अपना अनुसरण करने के लिए बुलाया था। मैं आज भी सोचता हूँ कि आप में से कितने लोग अपने करीब प्रभु के आध्यात्मिक उपस्थिति का एहसास करते हैं। आपका विश्वास एक कीमती निधि से प्रेरित है। यह निधि लोकप्रिय धार्मिकता है जो ईश्वर पर भरोसा में, प्रार्थना के मनोभाव में और बच्चों को ख्रीस्तीय शिक्षा प्रदान करने में प्रकट होता है। यह परिवार के लिए सम्मान है, एकात्मता की भावना है जिसके द्वारा वे एक-दूसरे की मदद करते और आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं। इस निधि को न खोयें।"
संत पापा ने उन्हें कुँवारी मरियम एवं संरक्षक संत फ्रंचेस्को दी पावलो को समर्पित करते हुए उनपर ईश्वर की आशीष की कामना की।
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here