आमदर्शन समारोह में धर्मशिक्षा देते संत पापा फ्राँसिस आमदर्शन समारोह में धर्मशिक्षा देते संत पापा फ्राँसिस 

प्रार्थना करें और अपने आपको प्रभु को सौंप दें

संत पापा फ्राँसिस ने बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर, संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में एकत्रित हज़ारों विश्वासियों और तीर्थयात्रियों को सम्बोधित कर, प्रेरित चरित पर अपनी धर्मशिक्षा माला को आगे बढ़ाया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार, 4 दिसम्बर 2019 (रेई)˸ संत पापा ने पौलुस के मिशन पर प्रकाश डालते हुए कहा, "दुनिया में सुसमाचार की यात्रा लगातार बढ़ती है और एफेसुस शहर होते हुए अपनी मुक्तिदायी चिन्ह को प्रकट करती है। पौलुस के द्वारा करीब 12 लोग येसु के नाम पर बपतिस्मा ग्रहण करते और पवित्र आत्मा की शक्ति को महसूस करते हैं जो उन्हें नवीन बना देता है। (प्रे.च. 19,1-7)

एफेसुस में संत पौलुस का मिशन

ईश्वर पौलुस द्वारा असाधारण चमत्कार दिखाते हैं। जब लोग उसके शरीर पर से रूमाल और अंगोछे रोगियों के पास ले जाते थे, तो उनकी बीमारियाँ दूर हो जाती थी और दुष्ट आत्मा निकल जाते थे। (प्रे.च 19,11-12) ऐसा इसलिए सम्भव था क्योंकि शिष्य गुरू के समान होता है। (लूक. 6,40) और पौलुस ने जो नया जीवन प्राप्त किया था वह उसे लोगों को बांटता है।

जादू-टोना ख्रीस्तीय नहीं

ईश्वर की शक्ति जो एफेसुस में प्रकट हुई वह उन लोगों को बेनकाब कर दी जो येसु का नाम लेकर बिना आध्यात्मिक अधिकार के अपदूत निकालने का काम करते थे।(प्रे.च 19: 13-17), उसने जादू की शक्तिहीनता को प्रकट की जिसके कारण एक बड़ी संख्या में लोगों ने उसे छोड़ दिया और ख्रीस्त को अपनाया। (प्रे.च 19: 18-19) एफेसुस के समान बड़ा शहर जो जादू के लिए प्रसिद्ध था, उसमें लूकस जादू और ख्रीस्त पर विश्वास के अंतर को स्पष्ट करते हैं। संत पापा ने कहा यदि आप ख्रीस्त पर विश्वास करते हैं तो जादू के पीछे नहीं जा सकते। विश्वास, अपने आपको ईश्वर के हाथों भरोसे के साथ छोड़ देना है जो अपने को गुप्त अभ्यासों में नहीं बल्कि मुफ्त प्रेम में प्रकट करते हैं।

सावधान रहें

संत पापा ने सचेत करते हुए कहा कि आप में से कुछ कह सकते हैं कि जादू एक पुरानी बात है, आज ख्रीस्तीय सभ्यता में ऐसा नहीं होता। किन्तु सावधान रहें मैं आप से पूछता हूँ कि आप में से कितने लोग राशिफल देखते हैं, भाग्य बतलाने वालों को अपना हाथ दिखलाते हैं? उन्होंने कहा, "आज भी बड़े शहरों में ख्रीस्तीय इन चीजों के पीछे जाते हैं। यदि आप येसु ख्रीस्त में विश्वास करते हैं तो क्या आप जादूगार, राशिफल आदि के पीछे जायेंगे?" संत पापा ने कहा कि जादू-टोना ख्रीस्तीय नहीं है। भविष्य को जानने और जीवन की परिस्थिति में बदलाव लाने के लिए प्रयोग किये जाने वाले ये  तरीके ख्रीस्तीय नहीं हैं। ईश्वर की कृपा सब कुछ प्रदान करने में समर्थ है अतः प्रार्थना करें एवं अपने आपको प्रभु को सौंप दें।

प्रेरिताई की जिम्मेदारी सौंपना

एफेसुस में सुसमाचार के प्रचार ने सुनार के व्यापार को नष्ट कर दिया जिसके कारण एक समस्या उत्पन्न हो गयी। देमेत्रियुस नामक सुनार आरतेमिस देवी के मन्दिर की रुपहली प्रतिमाएँ बनवा कर कारीगरों को बहुत काम दिलाता था। अपने व्यापार में हानि को देखकर वह लोगों को एकत्रित कर पौलुस के विरूद्ध दंगा शुरू कर दिया एवं ख्रीस्तियों पर मन्दिर को अपवित्र करने एवं उनकी देवी की निन्दा करने का आरोप लगाया।

दंगा शान्त होने पर पौलुस ने शिष्यों को बुला भेजा और उन को ढारस बँधाया। पौलुस एफेसुस छोड़ दिया और येरूसालेम के लिए निकल पड़ा एवं मिलेतुस में ठहरा। यहाँ उन्होंने मिलेतुस से एफ़ेसुस की कलीसिया के अध्यक्षों को बुला भेजा और उन्हें प्रेरिताई की जिम्मेदारी सौंप दी। ( प्रे.च. 20: 17-35)

जागते रहें

संत पापा ने कहा कि पौलुस की प्रेरितिक मिशन में हम सबसे अंत में आते हैं। लूकस उनके विदाई भाषण को प्रस्तुत करते हैं कि उनके चले जाने के बाद किस तरह से एफेसुस समुदाय का संचालन करना है। संत पापा ने कहा कि यह प्रेरित चरित का सबसे सुन्दर पृष्ठ है। मैं अनुरोध करता हूँ कि आप बाईबिल के नये व्यवस्थान में प्रेरित चरित के 20वें अध्याय को लें तथा एफेसुस से संत पौलुस की विदाई के पाठ को पढ़ें। यह एक तरीका है जिसके द्वारा पौलुस ने विदाई ली। यह पुरोहितों एवं ख्रीस्तियों के लिए भी सीख देता है कि हमें किस तरह विदाई लेना है। संत पापा ने कहा कि यह सचमुच सुन्दर पृष्ठ है इसे पढ़ना न भूलें।

पौलुस समुदाय के नेताओं को प्रोत्साहन देता है जिन्हें मालूम था कि वे उन्हें अंतिम बार देख रहे हैं और उनसे कहता है, "जागते रहें और झुण्ड की रखवाली करें।"

कलीसिया के चरवाहों का कर्तव्य

संत पापा ने कहा कि इसलिए एक पुरोहित, धर्माध्यक्ष एवं पोप को जागते रहना है। उन्हें अपने झुण्ड की रखवाली करने और अपने आपकी भी रक्षा करने के लिए जागना है। अंतःकरण की जाँच करें और देखें कि हम किस तरह अपने कर्तव्यों को पूरा कर रहे हैं। संत पापा ने धर्माध्यक्षों से कहा कि पवित्र आत्मा ने आपको ईश्वर की कलीसिया के संरक्षक के रूप में चरवाहा नियुक्त किया है। जिसको उनके पुत्र ने अपने रक्त की कीमत पर प्राप्त किया है। धर्माध्यक्षों को अपने लोगों के अधिक से अधिक करीब रहने की जरूरत है जो ख्रीस्त के पावन रक्त से मुक्त किये गये हैं भेड़ियों से उनकी रक्षा करना है। (पद. 29) न कि उनसे अपने आप को दूर रखना है।

एफेसुस के नेताओं को इस जिम्मेदारी को सौंपते हुए पौलुस उन्हें ईश्वर के हाथों सौंप देते हैं, "अब मैं आप लोगों को ईश्वर को सौंपता हूँ तथा उसकी अनुग्रहपूर्ण शिक्षा को, जो आपका निर्माण करने तथा सब सन्तों के साथ आप को विरासत दिलाने में समर्थ है।" (पद. 32) कलीसिया में विकास एवं पवित्रता का रास्ता उन्हें निमंत्रण देता है कि वे अपने हाथों से कार्य करें, पौलुस के समान दूसरों के लिए भार न बनें, दुर्बलों की मदद करें और यह महसूस करें कि "लेने की उपेक्षा देना अधिक सुखद है।'' (पद. 35)

संत पापा ने प्रेरित चरित के 20वें अध्याय का पाठ करने की पुनः याद दिलाते हुए कहा कि यह एक गहना है जो हमें सुन्दर बनायेंगा।

प्रार्थना करें

प्रभु से प्रार्थना करने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा, "प्रिय भाइयो और बहनो, हम प्रभु से प्रार्थना करें कि वे कलीसिया के प्रति हमारे प्रेम को नवीन कर दे, ताकि विश्वास को सुरक्षित रख सकें।" हम सभी को झुण्ड की रक्षा करने के लिए जिम्मेदार बनाये। प्रार्थना के द्वारा हम धर्माध्यक्षों की मदद करें ताकि वे दिव्य चरवाहे (ख्रीस्त) के प्रति दृढ़ता एवं कोमलता प्रदर्शित कर सकें।

इतना कहने के बाद संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा माला समाप्त की और विश्व के विभिन्न देशों से आये सभी तीर्थयात्रियों और विश्वासियों का अभिवादन किया, खासकर, माल्टा, इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर, कनाडा एवं अमरीका के तीर्थयात्रियों का अभिवादन किया। तत्पश्चात् उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति एवं परिवार के लिए प्रार्थना की कि हम क्रिसमस पर नवजात उद्धारकर्ता के आने की तैयारी में, एक पवित्र आगमन काल का अनुभव कर सकें। अंत में, उन्होंने अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

04 December 2019, 15:06