संत पापा लेसबोस के शरणार्थियों का स्वागत करेंगे
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, मंगलवार, 3 दिसम्बर 2019 (रेई)˸ संत पापा फ्राँसिस की इच्छा एवं नवीन "ह्यूमानिटेरियन कोरिडोर" की सहायता से बुधवार को "राजनीतिक शरण खोजने वाले 33 शरणार्थी" ग्रीस के लेसबोस से इटली पहुँचेंगे। संत पापा के अनुदान विभाग ने एक विज्ञप्ति जारी कर बतलाया कि कार्डिनल क्राजेवोस्की जो सोमवार को लेसबोस के लिए प्रस्थान किये, वे 4 दिसम्बर को 33 शरणार्थियों के साथ रोम लौटेंगे। कार्डिनल के साथ इजिदियो समुदाय के कुछ नेता भी हैं। अन्य 10 शरणार्थियों को इस साल के अंत में लाया जाएगा।
संत पापा फ्राँसिस की यात्रा
संत पापा के प्रतिनिधि के रूप में कार्डिनल कोनराड विगत मई महीने में लेसबोस गये हुए थे। इसके पूर्व 16 अप्रैल 2016 को संत पापा फ्राँसिस ने लेसबोस की यात्रा कर मोरिया शरणार्थी शिविर का दौरा किया था। जिसके बाद वे सीरिया के तीन परिवारों के साथ रोम लौटे थे।
एकात्मता का दूसरा चिन्ह
मई महीने में अनुदान विभाग के अध्यक्ष को लेसबोस द्वीप भेजने के द्वारा संत पापा फ्राँसिस ग्रीक वासियों एवं शरणार्थियों के प्रति अपने सामीप्य को नवीकृत करना चाहते थे और साथ ही साथ, अफगानिस्तान, कमेरून एवं तोगो के कुछ युवा शरणार्थियों एवं परिवारों का स्वागत करने के द्वारा अपनी एकात्मता के भाव को आगे बढ़ाना चाहते थे। प्रासंगिक निकायों के बीच यात्रा पर गहन आधिकारिक बातचीत के बाद इटली के अंतरिम मंत्री ने कार्य को आगे बढ़ाने की अंतिम मंजूरी दी। इन शरणार्थियों का स्वागत भी परमधर्मपीठ के प्रेरितिक अनुदान विभाग एवं संत इजिदियो समुदाय के खर्च पर किया जाएगा।
लक्ष्मबर्ग में दो परिवार
लक्ष्मबर्ग महाधर्मप्रांत के कार्डिनल जॉन क्लौदे होल्लेरिक ने भी विगत मई माह में कार्डिनल क्राजेवॉस्की के साथ मिशन में भाग लिया था। 19 नवम्बर को लक्ष्मबर्ग महाधर्मप्रांत ने भी नये कार्डिनल जॉन क्लौदे होल्लेरिक की अगुवाई में ग्रीक द्वीप के दो शरणार्थी परिवारों के लिए अपना द्वार खोला है। उन दो परिवारों में से एक कुवैत का एवं दूसरा सीरिया का है।
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