बुजुर्ग कर्मचारियों के राष्ट्रीय संघ के सदस्यों के साथ संत पापा बुजुर्ग कर्मचारियों के राष्ट्रीय संघ के सदस्यों के साथ संत पापा  

समाज को बुजुर्गों के साथ कदम से कदम मिलाने की जरूरत है,संत पापा

संत पापा फ्राँसिस इटली के बुजुर्ग कार्यकर्ताओं के राष्ट्रीय संघ के सदस्यों से मुलाकात की और इस बात की पुष्टि की, कि दुनिया के सभी लोगों के अधिकारों का सम्मान करने के लिए हमें वृद्धों के ज्ञान और अनुभव की आवश्यकता है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 16, दिसम्बर 2019 (रेई) : संत पापा फाँसिस ने सोमवार 16 दिसम्बर को वाटिकन के संत क्लेमेंटीन सभागार में इटली के बुजुर्ग कार्यकर्ताओं के राष्ट्रीय संघ के करीब 180 सदस्यों का अभिवादन किया जो अपने संध की स्थापना के 70वीं वर्षगाठ के अवसर पर संत पापा से मुलाकात करने और उनका आशीर्वाद लेने आये हुए हैं।

बहुमूल्य योगदान

संत पापा ने परिचय भाषण के लिए अध्यक्ष को धन्यवाद देते हुए संघ की स्थापना के 70 वर्षीय समारोह में भाग लेने की खुशी जाहिर की। संत पापा ने कहा कि सामाजिक स्तर पर बुजुर्ग लोगों को एक बोझ के रूप में नहीं माना जाना चाहिए, लेकिन वे वास्तव में  वे समाज के संसाधन और धन हैं। यह स्वैच्छिक गतिविधियों में अनके बहुमूल्य योगदान द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।  अच्छे स्वास्थ्य वाले वृद्ध लोग अपने समय के कुछ घंटों को दूसरों, जरुरत मंद लोगों की मदद में दे सकते हैं। स्वयंसेवक के रुप में अपनी सेवा देना खुद के लिए और दूसरों के लिए अच्छा है। वास्तव में, स्वयंसेवक बुजुर्ग, अकेलेपन की धारणा का मुकाबला करने, संज्ञानात्मक प्रदर्शन में सुधार और मानसिक कल्याण में वृद्धि करने में सक्षम है। दूसरे शब्दों में, स्वयंसेवा में संलग्न होना यह दर्शाता है कि वे अपने जीवन की गुणवत्ता को सक्रीय रुप से जी सकते हैं क्योंकि अब वे माता-पिता की भूमिका या काम काज की भूमिका को निभा चुके होते हैं।

संघ के 70 साल

संत पापा ने कहा कि हाल के वर्षों में स्वयंसेवा कार्यों में और संघों में बुजुर्गों की प्रतिबद्धता का विस्तार हुआ है, एक समुदाय की एकजुटता के निर्माण में बुजुर्गों का नेतृत्व और सक्रियता बहुत मायने रखती है। “आपके संघ के 70 साल इस बात का सबूत हैं कि बुजुर्ग खुद को कैसे व्यवस्थित कर सकते हैं और भाग ले सकते हैं। आने वाले वर्षों में समाज के सामने सबसे बड़ी चुनौती समुदाय के भीतर बुजुर्गों के मानव संसाधनों को और अधिक प्रभावी ढंग से बढ़ावा देना है। इस क्षेत्र में नेटवर्क को सक्रिय करने की आवश्यकता है जो बुजुर्गों को सक्रिय नायक के रूप में संदर्भित करता है। इसलिए यह महत्वपूर्ण होगा कि बुजुर्गों को न केवल जरूरतों के वाहक माना जाए, बल्कि उनके पास सपना स्मृति से भरा हुआ है। यह कुछ विज्ञापनों की तरह खाली, व्यर्थ नहीं लेकिन  बुजुर्गों के स्मृति युवा लोगों की यात्रा के मौलिक आधार हैं।

वृद्धावस्था अनुग्रह का समय

संत पापा ने कहा कि बुढ़ापे का दूसरा पहलू वार्तालाप है। लोगों का भविष्य आवश्यक रूप से एक संवाद और बुजुर्गों तथा युवाओं के बीच एक न्यायपूर्ण,सुंदर, सहायक और ख्रीस्तीय समाज के निर्माण के लिए एक मुलाकात है। युवा लोगों की यात्रा का बल एवं आधार है और बुजुर्ग इस बल को स्मृति और ज्ञान के साथ मजबूत करते हैं। वृद्धावस्था अनुग्रह का समय है, जिसमें प्रभु अपनी पुकार हमारे पास पहुंचाता है: वह हमें विश्वास को बनाए रखने और दूसरों का बांटने और दूसरों के लिए प्रार्थना करने के लिए कहते हैं। ईश्वर हमें जरूरतमंद लोगों के करीब रहने के लिए कहते हैं। बुजुर्गों, दादा-दादी में समस्याग्रस्त स्थितियों को समझने की एक अनोखी और विशेष क्षमता है और जब वे इन स्थितियों के लिए प्रार्थना करते हैं, तो उनकी प्रार्थना मजबूत होती है, शक्तिशाली होती है! दादा-दादियों को अपने नाती-पोतों को देखने का आशीर्वाद प्राप्त है (भजन 128: 6)। उन्हें जीवन तथा परिवार का अनुभव और समुदाय, की कहानी को साझा करने का महान कार्य सौंपा गया है।

समावेशी समाज

संत पापा ने कहा बहुधा समाज में बुजुर्गों को बेकार, बीमार, दूसरों पर आश्रित और घर के एक कोने में रहने के लिए छोड़ दिया जाता है। दुर्भाग्य से, कई बार युवा लोगों को छोड़ दिया जाता है, क्योंकि उनके पास कोई काम नहीं होता है, और बुजुर्गों को एक "संतुलित" आर्थिक प्रणाली बनाए रखने के ढोंग के साथ त्याग दिया जाता है, जिसके केंद्र में मानव व्यक्ति नहीं है, लेकिन पैसा है। कचरे की इस जहरीली संस्कृति का मुकाबला करने के लिए हम सभी को बुलाये जाते हैं। हमें दृढ़ता से एक अलग, अधिक स्वागत करने वाला, अधिक मानवीय, अधिक समावेशी समाज बनाना है, जो शरीर और मन में कमजोर लोगों को त्यागने की आवश्यकता नहीं है, वास्तव में, एक ऐसा समाज जो इन लोगों पर अपना आधार पाता है।

संत पापा ने बुजुर्ग लोगों को बढ़ावा देने के क्षेत्र में उनके कार्यों के लिए पुनः धन्यवाद दिया और उनहें खुशी मन से कार्य करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा,“ एक ऐसी दुनिया के निर्माण में बुजुर्गों के ज्ञान और अनुभव की आवश्यकता करना जहाँ हर किसी के अधिकारों का अधिक सम्मान मिले। अपने अनमोल गवाह को उन विभिन्न वातावरणों में लाना जारी रखें जिनमें आप काम करते हैं।”

अंत में संत पापा ने उनके नेक कार्यों के आगे बढ़ने हेतु अपनी प्रार्थना का आश्वासन दिया और ईश्वरीय आशीष की कामना की।

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16 December 2019, 16:41