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संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस 

संत स्तेफन से सीखें, अपनी नजरें येसु पर लगायें, संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने 26 दिसम्बर को, संत स्तेफन के पर्व दिवस के उपलक्ष्य में, संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में उपस्थित विश्वासियों के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 26 दिसम्बर 2019 (रेई)˸ संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार 26 दिसम्बर को, संत स्तेफन के पर्व दिवस के उपलक्ष्य में, संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में उपस्थित विश्वासियों के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा,

अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।

आज हम प्रथम शहीद, संत स्तेफन का पर्व मना रहे हैं। प्रेरित चरित उनके बारे बतलाता है (प्रे.च. 6˸ 7) और आज की धर्मविधि में उनके जीवन के अंतिम समय को प्रस्तुत किया गया है, जब उनकी गिरफ्तारी की गयी तथा उनको पत्थरों से मार डाला गया। (प्रे.च.6,12; 7,54-60)

संत पापा ने क्रिसमस के माहौल में स्तेफन की शहादत को अर्थपूर्ण बतलाते हुए कहा, "ख्रीस्त जयन्ती के आनन्दमय माहौल में, विश्वास के लिए प्रथम शहीद की याद करना बेमौक़ा लग सकता है। फिर भी, खासकर, विश्वास के दृष्टिकोण से आज का पर्व ख्रीस्त जयन्ती के सच्चे अर्थ के अनुरूप है।" उन्होंने कहा, "स्तेफन के शहादत में, वास्तव में, हिंसा को प्रेम और मृत्यु को जीवन द्वारा उस महान साक्ष्य के माध्यम से जीता गया है जिसमें वे स्वर्ग को खुला देखते एवं अपने अत्याचारी को क्षमा कर देते हैं।" (प्रे.च.7. 60)

सुसमाचार का यह युवा सेवक, पवित्र आत्मा से पूर्ण होकर येसु के बारे बतलाता है और सबसे बढ़कर वह अपने जीवन से उनका साक्ष्य देता है। उन्हें देखकर, हम येसु को देख सकते हैं कि उन्होंने शिष्यों को जो बातें कही थीं वे पूरी हुईं, "जब वे तुम्हें अदालत के हवाले कर रहे हों, तो यह चिंता नहीं करोगे कि हम कैसे बोलेंगे और क्या कहेंगे। समय आने पर तुम्हें बोलने को शब्द दिये जायेंगे क्योंकि बोलने वाले तुम नहीं हो, बल्कि पिता का आत्मा है जो तुम्हारे द्वारा बोलता है। (मती. 10,19-20) संत स्तेफन जो अपने जीवन एवं मृत्यु दोनों से अपने गुरू येसु के समान बन गये, उनके समान हम भी येसु की ओर अपनी नजर डालें जो पिता के निष्ठावान साक्षी हैं। हम सीखें कि स्वर्ग की महिमा जो अंनन्त जीवन तक बना रहेगा, वह धन और सामर्थ्य से नहीं  बल्कि प्रेम और देने से बना है।   

हमें अपनी नजर को येसु पर लगाये रखना है जो हमारे विश्वास के "प्रवर्तक हैं और उसे पूर्णता तक पहुँचाते हैं।"(इब्रा. 12,2) ताकि जो लोग आपकी आशा के आधार के विषय में आप से प्रश्न करते हैं उन्हें विनम्रता एवं आदर के साथ उत्तर देने के लिए सदा तैयार रहें।" (1पीटर 3:15)

संत पापा ने कहा, "हम ख्रीस्तियों के लिए, स्वर्ग दूर नहीं है यह पृथ्वी से अलग नहीं है। येसु में स्वर्ग पृथ्वी पर उतर आता है और उनके द्वारा प्रदान किये गये पवित्र आत्मा के सामर्थ्य से हम सब कुछ को मानवीय रूप से स्वीकार कर स्वर्ग की ओर अग्रसर हो सकते हैं। अतः पहला साक्ष्य निश्चय ही, हमारा मानवीय होना है, येसु के अनुरूप जीवन शैली अपनाना, सौम्य और साहसी, विनम्र एवं सज्जन बनना तथा अहिंसा को अपनाना है।"

स्तेफन एक उपयाजक थे। वे कलीसिया के पहले सात उपयाजकों में से एक थे। (प्रे.च. 6: 1-6) वे हमें भाईचारा के भाव एवं सुसमाचारी उदारता द्वारा ख्रीस्त की घोषणा करना सिखलाते हैं। उनके साक्ष्य की चरमसीमा है शहादत, जो हमारे ख्रीस्तीय समुदाय के नवीनीकरण के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह मिशनरी बनने के लिए बुलाया गया है। उसे सुसमाचार सुनाना है, सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले लोगों तक पहुँचना है, जहाँ लोग आशा और मुक्ति के प्यासे हैं। यह समुदाय दुनियावी तर्क का अनुसरण नहीं करता, न अपने आप पर ध्यान केंद्रित करता और न ही अपनी छवि का विशेष ख्याल रखता है किन्तु केवल ईश्वर की महिमा एवं लोगों की भलाई को ध्यान में रखता है विशेषकर, निम्न एवं गरीब लोगों के प्रति।   

संत पापा ने इन दिनों के शहीदों की याद दिलाते हुए कहा, "प्रथम शहीद स्तेफन का पर्व, हमें कल और आज के बहुत सारे शहीदों की याद दिलाता है कि हम उनके साथ एक महसूस करें तथा येसु के नाम को अपने हृदय और होठों पर रखकर, उनके लिए जीने और मरने की कृपा के लिए प्रार्थना करें।

धन्य कुँवारी मरियम, मुक्तिदाता की माता, हमें इस क्रिसमस काल में अपने नजरें येसु में लगाते हुए हर दिन उनके समान बनने के प्रयास में हमारी सहायता करे।

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सबी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया। 

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26 December 2019, 16:18