विश्व दयालुता दिवस ˸सच्चा ख्रीस्तीय दूसरों पर दया करता है
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 14 नवम्बर (रेई)˸ "आपकी दयालुता ही मेरा आश्रय और स्थान है जहाँ में सुरक्षित महसूस करता हूँ।" यह बात ससम्मान सेवानिवृत संत पापा बेनेडिक्ट 16वें ने अपने पुरोहिताभिषेक के 65वें सालगिराह पर कही थी।
संत पापा फ्राँसिस अपनी दयालुता अपने दैनिक जीवन में प्रकट करते हैं। एक धर्माध्यक्ष के रूप में वे बोयनोस आइरेस की गलियों में घूमते थे तथा आवासहीन लोगों को भोजन खिलाते थे और संत पापा के रूप में वे गरीबों को भोजन के लिए निमंत्रित करते हैं।
अपने पूरे परमाध्यक्षीय काल में संत पापा फ्राँसिस ने गरीबों, बीमारों, बुजूर्गों, विस्थापितों, शर्णार्थियों और हर प्रकार के जरूरतमंद लोगों के अधिकारों की रक्षा करने की कोशिश की है।
"दियोस करितास एस्त" में संत पापा बेनेडिक्स 16वें ने कहा है कि ईश्वर प्रेम हैं। प्रेम शब्द का प्रयोग सभी लोगों के प्रति ईश्वर की करुणा को प्रकट करने के लिए किया गया है।
संत पापा फ्राँसिस ने कहा है कि एक सच्चा ख्रीस्तीय एक-दूसरे के प्रति दयालु होता है। वह जरूरतमंद लोगों के प्रति सीमा रहित, निःस्वार्थ, प्रेमी और दयालु होता तथा ईश्वर के स्वभाव को धारण करता है।
उन्होंने कहा है कि ईश्वर बड़ी चीजों में केवल अपना प्रेम प्रकट नहीं करते किन्तु दया के छोटे-छोटे कार्यों द्वारा प्रकट करते हैं।
संत पापा बेनेडिक्ट 16वें के अनुसार "सच्चाई" और "प्रेम" ही व्यक्ति को पवित्र बनाता है।
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