अंतरराष्ट्रीय सभा के प्रतिभागियों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस अंतरराष्ट्रीय सभा के प्रतिभागियों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस 

हमें मुक्त और सहज कलीसिया की जरूरत है, संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार को "एवंजेली गौदियुम ˸ स्वागत और परिप्रेक्ष्य" "कलीसिया जो बाहर निकलती है" पर अंतरराष्ट्रीय सभा के प्रतिभागियों से मुलाकात की। रोम में आयोजित तीन दिवसीय सभा में विश्वभर के धर्माध्यक्षों, धर्मसमाजियों एवं लोकधर्मियों ने भाग लिया तथा संत पापा के प्रेरितिक प्रबोधन के प्रकाशन के छः वर्ष पूरा होने पर विचार-विमर्श किया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 30 नवम्बर 2019 (रेई)˸ संत पापा ने कहा, "मैं बहुत सरल शब्दों में कहना चाहूँगा कि सुसमाचार का आनन्द येसु के साथ मुलाकात से प्रस्फूटित होती है।"

नवीन सुसमाचार प्रचार को प्रोत्साहन देने हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति के तत्वधान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सभा के प्रतिभागियों से उन्होंने कहा, "हमें एक मुक्त एवं सरल कलीसिया की जरूरत है जो अच्छा दिखाने, आराम और अंदर रहने की चिंता नहीं करती, बल्कि बाहर निकलती है।"

सुसमाचार प्रचार करने की आवश्यकता स्वतः उठती है

उन्होंने कहा, "जब हम प्रभु से मुलाकात करते हैं तब हम उस प्रेम से सराबोर होते हैं जिसके लिए सिर्फ वे ही सामर्थ्य हैं।" इसी विन्दु पर सुसमाचार प्रचार की आवश्यकता स्वतः उत्पन्न होती है और अनिवार्य बन जाती है।"

"पास्का सुबह को इसी तरह मरिया मगदलेना के द्वारा सुसमाचार प्रचार शुरू हुआ जिसने पुनर्जीवित प्रभु से मुलाकात करने के बाद, प्रेरितों को सुसमाचार सुनाया।""मगदला की मरियम के उस अनुभव से आज अनेक लोगों का अनुभव अलग नहीं है। ईश्वर को पाने की चाह, उनके असीम एवं सच्चे प्रेम की चाह हरेक व्यक्ति के हृदय में अंकित है।"

संत पापा ने जोर दिया कि जीने के लिए हमें ईश्वर के प्रेम की आवश्यकता है। यदि वह प्रेम लगातार हमारे हृदयों में है तब हम उदासीन सांस नहीं लेंगे अथवा उपभोग की संस्कृति से अपने आपको नहीं ढकेंगे। जो लोग सुसमाचार का प्रचार करते हैं वे कभी नहीं भूल सकते कि वे हमेशा रास्ते पर हैं और दूसरों के साथ खोज कर रहे हैं।

नये रास्ते पर चलना

संत पापा ने नये रास्ते पर चलने का प्रोत्साहन देते हुए कहा कि नये रास्ते पर चलने के लिए गलती करने के डर से पीछे नहीं हटना चाहिए।"हमारी कमजोरियाँ बाधाएँ नहीं हैं बल्कि बहुमूल्य साधन हैं क्योंकि ईश्वर की कृपा कमजोर लोगों में प्रकट होती है।"

संत पापा ने याद दिलाया कि आरम्भिक ख्रीस्तीय जिनके विरूद्ध सभी हो गये थे और जिन्हें अपने विश्वास के लिए अत्याचार सहना पड़ा, वे हमारा मार्गदर्शन करें।हम उन चीजों के लिए उदास नहीं होना चाहिए जो परिश्रम अथवा नसमझदारी के कारण सही ढंग से नहीं हो पा रहे हैं। वे हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त के ज्ञान के सामने बिलकुल नगन्य हैं।  

"आइए, हम अपने आप को उस हार से संक्रमित होने की अनुमति न दें जिसके अनुसार सब कुछ गलत हो जाता है बल्कि इसके प्रवर्तक पवित्र आत्मा का आह्वान हर दिन करें, जो ईश्वर के साथ जीवन को एक प्रेम कहानी बनाते हैं।"

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

30 November 2019, 17:25