मरिया मेजर महागिरजाघर में प्रार्थना करते संत पापा फ्राँसिस मरिया मेजर महागिरजाघर में प्रार्थना करते संत पापा फ्राँसिस 

एशिया की यात्रा के पूर्व संत पापा की माता मरियम से प्रार्थना

संत पापा फ्राँसिस ने अपनी आदत के अनुसार थाईलैंड एवं जापान की यात्रा शुरू करने से पूर्व आज रोम स्थित मरियम मेजर महागिरजाघर जाकर "सालुस पोपुली रोमानी" (रोमी लोगों की मुक्ति) की माता मरियम के दर्शन किये। संत पापा फ्राँसिस आज 19 नवम्बर को रोम समयानुसार संध्या 7.00 बजे रोम के फ्यूमिचिनो हवाई अड्डे से थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के लिए प्रस्थान करेंगे।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

एशिया में अपनी प्रेरितिक यात्रा के पूर्व संत पापा फ्राँसिस ने मंगलवार को रोम के मरियम मेजर महागिरजाघर जाकर, रोमी लोगों की मुक्ति की माता मरियम के सामने प्रार्थना अर्पित की।

संत पापा ने इस महागिरजाघर का दौरा अनेक बार किया है। पहली बार उन्होंने 14 मार्च 2013 को मरियम मेजर महागिरजाघर का दौरा किया था जो अब हर प्रेरितिक यात्रा के पूर्व और अंत में उनकी आदत के समान हो गयी है।

माता मरियम के प्रति श्रद्धांजलि

मरिया मेजर महागिरजाघर में जब कभी वे माता मरियम के सम्मुख उपस्थित होते हैं, वे उन्हें फूलों का एक गुलदस्ता अर्पित करते और उनके सामने प्रार्थना करते हैं। तस्वीर में माता मरियम अपने बेटे येसु को अपनी बाहों में ली हुई हैं। यहाँ संत पापा लोगों के विश्वास को देखते हैं जो सदियों से अपनी जरूरतों में माता मरियम के पास आते और उनसे अर्जी करते हैं क्योंकि जो मनुष्यों के लिए असंभव है वह ईश्वर के लिए असंभव नहीं है।  

सालुस पोपुली रोमानी की तस्वीर पोप एवं येसु समाजियों के लिए प्रिय

माता मरियम की यह पवित्र तस्वीर येसु समाजियों के लिए हमेशा प्रिय रहा है क्योंकि संत इग्नासियुस लोयोला ने अपना प्रथम ख्रीस्तयाग इसी महागिरजाघर में अर्पित किया था। संत पापा पियुस 12वें ने सन् 1950 में जब संत मरियम के स्वर्गोदग्रहण को धर्मसिद्धांत (डोगमा) घोषित किया था तब यहाँ माता मरियम को श्रद्धांजलि अर्पित करने आये थे। तस्वीर को 2000 के अगस्त माह में तोर वेरगाता में विश्व युवा दिवस के अवसर पर प्रस्तुत किया गया था और उसी अवसर पर संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने युवाओं को पवित्र क्रूस एवं माता मरियम की इस तस्वीर को समर्पित किया था ताकि स्पष्ट रूप से प्रकट किया जा सके कि माता मरियम एक अति शक्तिशाली माता है जो हमें ख्रीस्त के पास ले जाती है। संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने माता मरियम के प्रति अपनी गहरी भक्ति के कारण उनके सामने दिन और रात बत्ती प्रज्वलित रखने की इच्छा प्रकट की थी।  

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19 November 2019, 16:26