नागासाकी के एटोमिक बम हाईपो सेन्टर पार्क में सन्त पापा फ्राँसिस - 24.11.2019 नागासाकी के एटोमिक बम हाईपो सेन्टर पार्क में सन्त पापा फ्राँसिस - 24.11.2019 

परमाणु हथियारों के उन्मूलन का सन्त पापा ने किया आह्वान

जापानी शहर नागासाकी के एटोमिक बम हाईपो सेन्टर पार्क से रविवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने परमाणु हथियारों के उन्मूलन की ज़ोरदार अपील की...

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

नागासाकी, रविवार, 24 नवम्बर 2019 (रेई,वाटिकन रेडियो): जापानी शहर नागासाकी के एटोमिक बम हाईपो सेन्टर पार्क से रविवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने परमाणु हथियारों के उन्मूलन की ज़ोरदार अपील करते हुए कहा कि इन विनाशक उपकरणों का अस्तित्व भ्रष्ट, विकारग्रस्त एवं अरक्षणीय है जो केवल अकथनीय आतंक और हिंसा फैलाने के सिवाय और कुछ नहीं कर सकते।

श्रद्धान्जलि  

थायलैण्ड तथा जापान में अपनी सात दिवसीय प्रेरितिक यात्रा के दूसरे चरण में सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा फ्राँसिस शनिवार को जापान पहुँचे थे। रविवार का दिन वे जापान के नागासाकी तथा हिरोशिमा में व्यतीत कर रहे हैं जो, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान परमाणु बम हमलों और उसके परिणामस्वरूप हुए नरसंहार का रंगमंच बने थे। सन् 1981 में सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय द्वारा सम्पन्न जापान की यात्रा के 38 वर्ष बाद काथलिक कलीसिया के परमाध्यक्ष सन्त पापा फ्राँसिस जापान की यात्रा कर रहे हैं। जापान में उनकी यह  पहली तथा इटली से बाहर 32 वीं प्रेरितिक यात्रा है।

रविवार को सन्त पापा ने नागासाकी के परमाणु बम हाईपो सेन्टर पार्क के स्मारक पर पुष्पार्पण किये तथा 1945 ई. के बम विस्फोट में मारे गये समस्त लोगों के प्रति श्रद्धान्जलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने इस तथ्य की पुष्टि की परमाणु हथियारों के बिना भी विश्व सम्भव है किन्तु इसके लिये सबका सहयोग, विश्वास, परस्पर सम्वाद तथा सतत् प्रार्थना की नितान्त आवश्यकता है।

विश्व के लिये एक शक्तिशाली सन्देश

नागासाकी के नगराध्यक्ष तोमिहिसा ताए का कहना है कि सन्त पापा फ्राँसिस की जापान यात्रा तथा परमाणु हमले में पूरी तरह तबाह हुए स्थल से उनके द्वारा परमाणु हथियारों की निन्दा सम्पूर्ण विश्व के लिये एक शक्तिशाली सन्देश है। अमरीका द्वारा नागासाकी एवं हिरोशिमा पर गिराये गये एटम बमों से ये दो जापानी शहर पूरी तरह तबाह हो गये थे।  लगभग 80,000 लोग मौक़े पर ही मारे गये थे तथा तीन लाख से अधिक लोग, कुछ समय बाद, रेडिएशन से उत्पन्न घातक रोगों से मर गये थे।  

सन्त पापा ने कहा, "सुरक्षा, शांति एवं स्थायित्व मानव मन की सबसे गहरी लालसा हुआ करती है किन्तु परमाणु एवं सामूहिक विनाश के अन्य हथियारों पर कब्ज़ा इस अभिलाषा का जवाब नहीं है।" उन्होंने कहा, "हमारा विश्व एक भ्रष्ट विरोधाभास से चिह्नित है जो भय और अविश्वास की मानसिकता से उत्पन्न, सुरक्षा की झूठी भावना के माध्यम से, स्थिरता और शांति को सुनिश्चित करने का ढोंग रचता है।"

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24 November 2019, 11:36