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विवाहित दम्पति की संकटपूर्ण स्थिति में कलीसिया पीड़ित

संत पापा फ्राँसिस शनिवार को विवाह की रक्षा एवं संकट में पड़े दम्पतियों की प्रेरितिक देखभाल, के प्रशिक्षण कोर्स में भाग लेने वाले प्रतिभागियों से मुलाकात की। कोर्स का आयोजन वाटिकन के "रोता रोमाना" द्वारा किया गया था। उन्होंने उनसे कहा कि कलीसिया हमेशा विवाह की समस्याओं का सामना कर रहे दम्पतियों की अच्छाई की खोज करती है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 30 नवम्बर 2019 (रेई)˸ 30 नवम्बर को कोर्स के प्रतिभागियों का अभिवदन करते हुए संत पापा ने कोर्स की विषयवस्तु पर प्रकाश डाला। कोर्स की विषयवस्तु थी, "विवाह की रक्षा एवं संकट में पड़े दम्पतियों की प्रेरितिक देखभाल।"

उन्होंने कहा, "आज कई कारणों से विवाह की कठिनाईयाँ उत्पन्न हो रही हैं, मनोवैज्ञानिक, शारीरिक, पर्यावरणीय, सांस्कृतिक आदि। कई बार ये समस्याएँ प्रेम करने  में मानव हृदय के बंद होने के कारण उत्पन्न होती हैं पाप हम सभी को प्रभावित करता है।"

संत पापा ने कहा कि यही कारण है कि कलीसिया जब ऐसे दम्पतियों से मुलाकात करती है तब वह सबसे पहले उनके साथ रोती एवं दुखित होती है।

संत पापा ने गौर किया कि कलीसिया, जीवन की ऐसी दुखद एवं पीड़ा भरी कहानियों के सामने कभी उदासीन नहीं होती। यही कारण है कि वह अपने कानूनी और न्यायिक प्रक्रियाओं में विवाह में समस्याओं का सामना कर रहे दम्पतियों की अच्छाई की खोज करती है।  

उन्होंने सलाह दी कि जब कभी कलीसिया किसी पीड़ित दम्पति से मिले तो उसे अपने आपको पवित्र आत्मा को समर्पित कर देना चाहिए ताकि उसके द्वारा संचालित होकर वह सही उपाय पा सकें और उनकी जाँच, परख और न्याय कर सकें।   

विवाह संस्कार कभी भी तात्कालिक नहीं होनी चाहिए

संत पापा ने कहा कि ख्रीस्तीय दम्पति जो विवाह की तैयारी कर रहे हैं वे इस बात से पोषित हों और धीरे-धीरे उनमें यह बात जागे कि वे आदर्श ख्रीस्तीय दम्पति बनने के लिए बुलाये गये हैं।   

धर्माध्यक्ष एवं पुरोहित जो दम्पतियों को विवाह के संस्कार के लिए तैयार करते हैं वे उन्हें पल्ली समुदाय के जीवित एवं प्रेरितिक ईकाई बनने में मदद दें।

संत पापा ने याद दिलाया की कि संत पौलुस के सहयोगी विवाहित संत अक्वीला एवं संत प्रिसिल्ला, दाम्पत्य प्रेरिताई की बुलाहट के सुन्दर उदाहरण हैं।

कलीसिया में पल्ली जो परिवारों का एक ठोस समुदाय है संत अक्वीला एवं प्रिसिल्ला के समान अपने क्षेत्र में सुसमाचार का साक्ष्य देने के लिए बुलायी जाती है।

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30 November 2019, 17:12