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वियतनाम के युवाओं को संदेश देते हुए संत पापा वियतनाम के युवाओं को संदेश देते हुए संत पापा 

वियतनाम के युवाओं को संत पापा फ्राँसिस का संदेश

संत पापा फ्रांसिस ने युवा दिवस मनाने के लिए एकत्रित वियतनाम के काथलिक "युवाओं" को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वे एक जीवित और आनंदपूर्ण कलीसिया का निर्माण करें। साथ ही इंग्लैंड में मारे गए 39 वियतनामी प्रवासियों के लिए संत पापा ने प्रार्थना की।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 20 नवम्बर 2019 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने वियतनाम के उत्तरी धर्मप्रांतों में युवा दिवस मना रहे युवाओं के लिए एक वीडियो संदेश भेजा। वे आज बुधवार 20 नवम्बर को युवा दिवस मना रहे हैं जिसका विषय है, "अपने लोगों के पास, अपने घर जाओ।(मारकुस, 5:19)" संत पापा ने युवाओं को वियतनामी शहीदों की विरासत की पेशकश की और उन्हें एक ईमानदार, जिम्मेदार और आशा के गवाह बनने को कहा।

संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि “वियतनामी संस्कृति में”, कोई भी शब्द “घर” शब्द की तरह अद्भुत नहीं है। इसमें वह सब कुछ शामिल है जो किसी व्यक्ति के लिए सबसे अधिक मूल्यवान है: “न केवल परिवार और पितृत्व, बल्कि जन्मभूमि और मातृभूमि।”

दूसरे घर, कलीसिया के वारिस

आप जहां भी जाते हैं, आप अपने "घर" को अपने साथ ले जाते हैं। उन्होंने कहा, “अपने घर जाओ” का मतलब है, ऐसी यात्रा पर जाना जो आपको आपके मूल में वापस लाए और आपकी पारंपरिक और सांस्कृतिक विरासत को गहरा करे।”

आगे संत पापा ने कहा, “बपतिस्मा के माध्यम से, आप दूसरे बड़े घर कलीसिया के उत्तराधिकारी हैं। कलीसिया एक घर है, "आपका घर"। यह एक घर है जहाँ आप ईश्वर की पुकार पर आधारित "शक्ति और प्रेरणा" प्राप्त करते हैं।”

संत पापा फ्राँसिस ने वियतनामी शहीदों को याद करते हुए कहा, “उदार और उत्साही शहीदों के द्वारा वियतनामी कलीसिया का जन्म हुआ है। ये शहीद पूर्वज "आपका मार्गदर्शन करें" और "उनके प्रति आपका आभार हमेशा एक मिशनरी उत्साह का स्रोत बने।”

ईमानदारी, जिम्मेदारी और आशावान

संत पापा ने युवाओं से कहा, "यह अब आप पर निर्भर करता है", कि आप अपनी कलसिया को "युवा और आनंदमय, जीवन और भाईचारे से भरा बनायें। इसके लिए तीन बातों की आवश्यकता है, "ईमानदारी, जिम्मेदारी और आशावाद"  संत पापा ने स्पष्ट किया कि इस समाज में,खुद की पहचान के लिए वफादार होना मुश्किल है और आत्म-चिंतन की क्षमता के बिना विश्वास करना कठिन है।”

उन्होंने स्वीकार किया कि ईमानदारी अक्सर नुकसान का कारण बन सकती है, जिम्मेदारी की भावना असुविधा का कारण बन सकती है और यह आशावाद "समाज की भ्रष्ट वास्तविकताओं के सामने" अजीब लग सकता है। हालांकि, उन्होंने कहा, "ये मूल्य आपके समाज के हैं और आपकी कलीसिया भी आपसे अपेक्षा करती है।

अंत में, संत पापा फ्राँसिस ने वियतनाम में युवाओं से आग्रह किया कि वे अपनी "सुंदर काथलिक पहचान" को प्रदर्शित करने और आगे ले चलने से न डरें और प्रभु सेवक कार्डिनल वान थुआन उन्हें अपने लोगों और देश को प्यार करने में सहयोग दे। 

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20 November 2019, 15:46