ट्रिपल डिजास्टर पीड़ितों को संत पापा की सहानुभूति, वीडियो न्यूज़

जापान में अपनी प्रेरितिक यात्रा के तीसरे दिन संत पापा फ्राँसिस ने 2011 में हुए भुकम्प, सुनामी और फुकुशिमा परमाणु दुर्घटना के शिकार लोगों से मुलाकात की। उन्होंने स्मरण दिलाया कि सभी लोग एक ही परिवार के सदस्य हैं और जब एक पीड़ित होता है तो सभी पीड़ा महसूस करते हैं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संत पापा फ्राँसिस ने "ट्रिपल डिजास्टर" के शिकार लोगों से अपनी मार्मिक मुलाकात में मातसुकी कामोशिता का आलिंगन किया। मातसूकी 2011 में 8 साल का था जब जापान भुकम्प, सुनामी और फुकुशिमा परमाणु आपदा से हिल गया था। आज वह 16 साल का है और एक विस्थापित व्यक्ति की तरह जी रहा है।  

उसने टोक्यो के बेल्लेसाल्ले हानजोमोन स्टेडियम में साक्ष्य देते हुए बतलाया कि आपदा का शिकार होने के लिए उसे धौंस का सामना करना पड़ता है। शिकायत की कि आपदा के शिकार लोगों से ध्यान हटा लिया गया है। फुकुशिमा दुर्घटना के 8 साल बाद भी लोग रेडियोधर्मी प्रदुषण के दुष्प्रभाव का सामना कर रहे हैं। मातसुकी ने संत पापा से आग्रह किया कि जो सत्ता में हैं वे कोई दूसरा रास्ता अपनाने का साहस करें।  

अपना संदेश देने के पूर्व संत पापा ने उपस्थित लोगों से मौन प्रार्थना करने का आह्वान किया ताकि 18,000 से अधिक लोग, जिन्होंने अपना जीवन खो दिया उनके लिए हमारा पहला शब्द हो प्रार्थना।  

"ट्रिपल डिजास्टर" के आठ साल बाद जापान ने दिखलाया है कि लोग किस तरह एकात्मता, धैर्य, सहनशीलता और लचीलापन द्वारा एकजुट हो सकते हैं। पूर्ण खोज का रास्ता लम्बा हो सकता है किन्तु इसपर हमेशा आगे बढ़ा जा सकता है यदि लोग एक दूसरे को मदद करने की भावना से प्रेरित हों।  

एक सबसे बड़ी बीमारी है उदासीनता की संस्कृति। हमें उस जागृति को लाने के लिए एक साथ काम करें ताकि यदि हमारे परिवार का एक व्यक्ति भी अगर पीड़ित हो तो हम सभी पीड़ित महसूस कर सकें। हम सभी एक-दूसरे से जुड़े हैं।

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25 November 2019, 16:32