जापान के वरिष्ठ अधिकारियों को सम्बोधित करते संत पापा जापान के वरिष्ठ अधिकारियों को सम्बोधित करते संत पापा 

जापान के अधिकारियों से पोप, आपकी धरोहर समृद्ध व नैतिकता उच्च है

जापान की प्रेरितिक यात्रा में 25 नवम्बर को संत पापा फ्राँसिस ने कानतेई में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे, वहाँ के वरिष्ठ अधिकारियों एवं कूटनीतिकज्ञों से मुलाकात की।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

जापान, सोमवार, 25 नवम्बर 2019 (रेई)˸संत पापा ने उनके स्वागत के लिए धन्यवाद देते हुए शांति निर्माण हेतु उनके कार्यों के सराहना की। उन्होंने कहा, "आप प्रत्येक अपने-अपने तरीके से इस महान राष्ट्र की शांति एवं लोगों की समृद्धि के लिए कार्य कर रहे हैं।" संत पापा ने जापान के सम्राठ नारूहितो के प्रति भी अपना विशेष आभार प्रकट किया जिनके साथ उनकी मुलाकात आज सुबह हुई थी। उन्होंने उन्हें शुभकानाएँ देते हुए शाही परिवार तथा जापान के सभी लोगों पर ईश्वर की आशीष की कामना की।

जापान एवं परमधर्मपीठ के बीच संबंध  

संत पापा ने जापान एवं परमधर्मपीठ के बीच संबंध की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा, "परमधर्मपीठ एवं जापान के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध लम्बे समय से रहा है और यह इस भूमि के प्रथम मिशनरियों की प्रशंसा एवं प्रशस्ति पर आधारित है। हमें जेस्विट अलेस्सांद्रो वालिंगानो के शब्द याद हैं जिन्होंने 1579 में लिखा था, "जो कोई यह देखना चाहे कि प्रभु ने मनुष्यों को क्या प्रदान किये हैं तो उसे देखने के लिए उन्हें जापान आना चाहिए।"

ऐतिहासिक रूप से, कई सम्पर्क और सांस्कृतिक एवं कूटनीतिक मिशन ने इस संबंध को बढ़ावा दिया तथा तनाव एवं कठिनाई की घड़ी में ऊपर उठने में मदद दी। इन सम्पर्कों ने दोनों पक्षों के हितों के लिए धीरे-धीरे संस्थागत रूप लिया।

जापान में संत पापा की यात्रा का मकसद

मैं यहाँ आया हूँ ताकि जापान के काथलिकों के विश्वास को सुदृढ़ कर सकूँ, जरूरतमंद लोगों के प्रति परोपकारी कार्यों एवं देश जिसके वे स्वाभिमानी नागरिक हैं उसकी सेवा को बल प्रदान कर सकूँ। एक देश के रूप में जापान उन लोगों का विशेष ख्याल रखता है जो कम भाग्यशाली हैं, विकलांग और अपाहिज हैं। मेरी प्रेरितिक यात्रा का आदर्श वाक्य है, "हर जीवन की रक्षा करना", जिसका अर्थ है हमारे हर प्रकार के भाई बहनों की अनुल्लंघनीय प्रतिष्ठा को पहचानना तथा उनके प्रति एकात्मता एवं सहयोग को महत्व देना।

संत पापा ने कहा, "मेरे पूर्वाधिकारी के पदचिन्हों पर, मैं ईश्वर से प्रार्थना करने एवं भली इच्छा रखने वाले लोगों को निमंत्रण देने आया हूँ कि वे उन चर्चाओं को प्रोत्साहित करें एवं बढ़ावा दें कि हिरोशिमा और नागासाकी में परमाणु बम से जो विनाश हुआ वह मानव इतिहास में फिर कभी न हो। इतिहास सिखलाती है कि लोगों के बीच संघर्ष एवं गलतफहमी का हल केवल वार्ता में मिल सकता है जो लोगों के बीच स्थायी शांति लाने का एक योग्य हथियार है। मैं बहुपक्षीय स्तर पर परमाणु प्रश्न से निपटने की आवश्यकता के बारे, एक व्यापक अंतरराष्ट्रीय सहमति और कार्रवाई करने में सक्षम राजनीतिक और संस्थागत प्रक्रिया को बढ़ावा देने पर आश्वस्त हूँI"

जापान के प्रधानमंत्री शिन्जो आबे के साथ संत पापा फ्रांसिस
जापान के प्रधानमंत्री शिन्जो आबे के साथ संत पापा फ्रांसिस

न्याय एवं भाईचारा पूर्ण विश्व का निर्माण

एक अधिक न्याय एवं भाईचारा पूर्ण विश्व के निर्माण हेतु मुलाकात एवं वार्ता की संस्कृति की आवश्यकता है जिसमें विवेकपूर्ण, अंतर्दृष्टि और व्यापक दृष्टिकोण हो। जापान ने शिक्षा, संस्कृति, खेल और पर्यटन के क्षेत्र में व्यक्तिगत सम्पर्क को बढ़ावा देने के महत्व को मान्यता दी है यह मानते हुए कि यह सौहार्द, न्याय, एकजुटता एवं मेल-मिलाप लाने में मदद देगा जो शांति के वाहक हैं। हम ऑलम्पिक भावना में इसका उत्कृष्ट उदाहरण देखते हैं जो विश्वभर के खिलाड़ियों को उत्कृष्टता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक साथ लाता है। हमें पूर्ण विश्वास है कि ऑलम्पिक एवं पैरालंपिक खेल जिसे अगले साल जापान में आयोजित किया जाएगा, एकात्मता की भावना का प्रेरक बने जो राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय सीमाओं को पार करता तथा हमारे समस्त मानव परिवार की अच्छाई खोजता है।

जापान की सांस्कृतिक धरोहर

संत पापा ने जापान की सांस्कृतिक धरोहर की सराहना करते हुए कहा कि जापान ने कई शताब्दियों से अपने इतिहास में सांस्कृतिक धरोहर को विकसित किया एवं सुरक्षित रखा है। इस धार्मिक संस्कृति की विशेषता है गहरी धार्मिकता और नैतिक मूल्य। विभिन्न धर्मावलम्बियों के बीच अच्छे संबंध न केवल शांति के भविष्य के लिए आवश्यक है किन्तु वर्तमान एवं भावी पीढ़ी को प्रशिक्षित करने के भी है ताकि नैतिक सिद्धांतों का पालन किया जा सके, जो न्यायपूर्ण एवं मानवीय समाज के आधार हैं।

मानव बंधुत्व के दस्तावेज के शब्दों में, जिसपर फरवरी माह में अल अजहर के ग्रैंड ईमाम के साथ मैंने हस्ताक्षर किया है, मानव परिवार के भविषय के प्रति हमारी साझा चिंता, हमें प्रेरित करती है कि हम वार्ता एवं आपसी सहयोग के रास्ते को आचार नियमावली के रूप में एवं परस्पर समझदारी को विधि तथा मानक के रूप में अपनायें।

जापान में चेरी फूल
जापान में चेरी फूल

प्राकृतिक सौंदर्य, मानव परिवार की दुर्बलता

जापान की यात्रा करने वाला कोई भी पर्यटक इस देश की प्राकृतिक सौंदर्य से आकर्षित हुए बिना नहीं रह सकता। फिर भी, चेरी फूल की अत्यधिक नाजुकता हमें मानव परिवार की दुर्बलता की याद दिलाती है जो प्राकृतिक आपदा के साथ-साथ मानव हाथों के लालच, शोषण और विनाश की शिकार है। सृष्टि की देखभाल हेतु इसके समर्पण को सम्मान देने में जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय संघर्ष कर रहा है, युवा लगातार हमसे साहसी  निर्णय की मांग कर रहे हैं। वे हमें चुनौती दे रहे हैं कि विश्व ऐसी सम्पति नहीं है जिसका अपव्याय किया जाए बल्कि एक बहुमूल्य धरोहर है जिसको हस्तांतरित किया जाना चाहिए। हमारे लिए आवश्यक है कि हम उन्हें सही उत्तर दें न कि खाली शब्दों को रखें; कार्य करें न कि उन्हें भ्रम में डालें।

इस संबंध में, हमारे सामान्य घर की सुरक्षा के लिए एक अभिन्न दृष्टिकोण को भी अपने मानव पारिस्थितिकी पर विचार करना चाहिए। संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता का अर्थ है, वैश्विक आर्थिक प्रणाली में अमीर और गरीब के बीच बढ़ती खाई का सामना करना, जो कुछ चुनिंदा लोगों को ही सक्षम बना रहा है, जबकि दुनिया की अधिकांश आबादी गरीबी में जी रही है।

जापान सरकार की प्रतिबद्धता

संत पापा ने कहा कि मैं इस संबंध में विभिन्न कार्यक्रमों को बढ़ावा देने की जापान की सरकार चिंता के प्रति सचेत हूँ तथा दुनिया के देशों के बीच सह-जिम्मेदारी के प्रति बढ़ती जागरूकता को आकार देने के लिए प्रोत्साहन देता हूँ।

मानव प्रतिष्ठा को सभी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्रिया-कलापों के केंद्र में होना चाहिए। अंतरपीढ़ी एकात्मता को बढ़ावा दिया जाना एवं हर प्रकार के सामुदायिक जीवन के प्रति चिंता व्यक्त की जानी चाहिए, खासकर, उन लोगों के लिए जो भूला दिये गये हैं और बहिष्कृत हैं। मैं विशेष रूप से युवाओं की याद करता हूँ जो विकसित होते हुए बहुधा कई चुनौतियों का सामना करते हैं तथा बुजूर्ग जो अकेलापन से परेशान रहते हैं। हम जानते हैं कि अंत में सभी देशों की सभ्यता, उसकी आर्थिक शक्ति से नहीं बल्कि जरूरतमंदों पर ध्यान देने तथा जीवन को बढ़ावा देने एवं फलप्रद बनाने के द्वारा मापी जाएगी।

जापान के अधिकारियों के साथ संत पापा
जापान के अधिकारियों के साथ संत पापा

संत पापा का आभार

संत पापा ने कहा कि जापान की यात्रा के अंतिम पड़ाव पर, मैं आपके निमंत्रण, विनीत आतिथ्य सत्कार एवं इसे सफलता पूर्वक सम्पन्न करने में उदारतापूर्ण सहयोग देने वाले सभी लोगों को धन्यवाद देता हूँ। मैं आपको अपने सामाजिक परिवार के प्रत्येक सदस्य की गरिमा और अधिकारों के प्रति अधिक सम्मानपूर्ण जीवन के लिए एक सामाजिक व्यवस्था को आकार देने के आपके प्रयासों को प्रोत्साहन देता हूँ।

अंत में, संत पापा ने उपस्थित सभी अधिकारियों, उनके परिवारों एवं जिनकी सेवा वे करते हैं सभी पर ईश्वर के प्रचुर आशीष की कामना की।  

जापान के अधिकारियों से संत पापा की मुलाकात का लाईव वीडियो
जीवन का मूल्य

 

                                  

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25 November 2019, 14:01