थायलैण्ड से विदा लेते हुए सन्त पापा फ्राँसिस- 23.11.2019 थायलैण्ड से विदा लेते हुए सन्त पापा फ्राँसिस- 23.11.2019 

परमाणु विरोधी सन्देश लिये जापान की ओर प्रस्थान

थायलैण्ड में अपनी तीन दिवसीय प्रेरितिक यात्रा सम्पन्न कर, शनिवार को, सन्त पापा फ्राँसिस ने जापान के लिये प्रस्थान किया। शनिवार को थाय समयानुसार प्रातः साढ़े नौ बजे सन्त पापा एवं उनकी टीम थाय एयरवेज़ इन्टरनेशनल विमान द्वारा बैंककॉक से टोकियो के लिये रवाना हो गये।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

बैंककॉक, शनिवार, 23 नवम्बर 2019 (रेई,वाटिकन रेडियो): थायलैण्ड में अपनी तीन दिवसीय प्रेरितिक यात्रा सम्पन्न कर, शनिवार को, सन्त पापा फ्राँसिस ने जापान के लिये प्रस्थान किया। शनिवार को थाय समयानुसार प्रातः साढ़े नौ बजे सन्त पापा एवं उनकी टीम थाय एयरवेज़ इन्टरनेशनल विमान द्वारा बैंककॉक से टोकियो के लिये रवाना हो गये।  

सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा फ्राँसिस ने 19 नवम्बर को थायलैण्ड तथा जापान में सात दिवसीय प्रेरितिक यात्रा के लिये रोम से प्रस्थान किया था। यात्रा के प्रथम तीन दिन थायलैण्ड में व्यतीत कर शनिवार को उन्होंने जापान का रुख किया है। थायलैण्ड तथा जापान में सन्त पापा फ्राँसिस की यह पहली तथा इटली से बाहर उनकी 32 वीं विदेश यात्रा है। इससे पूर्व सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय ने सन् 1981 में जापान की प्रेरितिक यात्रा की थी।

परमाणु हथियार जीवन के विरुद्ध   

परमाणु हथियारों के विरुद्ध अपने अभियान के तहत सन्त पापा फ्राँसिस राजधानी टोकियो के अतिरिक्त, जापान के हिरोशिमा एवं नागासाकी शहरों का भी दौरा भी कर रहे हैं जो, दवितीय विश्व युद्ध के दौरान क्रूर परमाणु आक्रमणों का शिकार बने थे।  

जापान ने 07 दिसंबर, 1941 को प्रशांत महासागर स्थित अमरिकी नौसैनिक अड्डे "पर्ल हार्बर" पर बमबारी कर अमरिका को चुनौती दे दी थी। 1945 में हिटलर की पराजय के बाद जब जापान बिलाशर्त समर्पण के तैयार नहीं हुआ तब, 6 अगस्त 1945 की सुबह अमरिकी वायु सेना ने जापान के हिरोशिमा पर परमाणु बम "लिटिल बॉय" तथा इसके तीन दिन बाद नागासाकी शहर पर "फ़ैट मैन" परमाणु बम गिराया था। इन परमाणु आक्रमणों में जापान ये दो शहर पूरी तरह तबाह हो गये थे। साथ ही, लगभग 80,000 लोग मौक़े पर ही मारे गये थे तथा लगभग तीन लाख से अधिक लोग, कुछ समय बाद, रेडिएशन से उत्पन्न घातक रोगों से मरते रहे थे।   

नागासाकी में सन्त पापा फ्राँसिस 1945 के घातक आक्रमण से बच निकले कुछ लोगों से मुलाकात कर उनके संग प्रार्थना करेंगे तथा बम उपकेन्द्र पर परमाणु हथियार विरोधी एक सन्देश पढ़ेंगे। तदोपरान्त, हिरोशिमा में वे 1945 के बम आक्रमणों में मारे गये लोगों के स्मारक स्थल पीस मेमोरियल पार्क पर श्रद्धार्पण कर प्रार्थना अर्पित करेंगे।   

इसी बीच, जापान की राजधानी टोकियो में सन्त पापा फ्राँसिस 2011 की फूकीशिमा परमाणु दुर्घटना से बच निकले लोगों से मुलाकात कर उन्हें अपना आशीर्वाद प्रदान करेंगे।  

सन्त पापा फ्राँसिस परमाणु हथियारों पर पूर्ण प्रतिबन्ध चाहते हैं। इस विषय पर वे अपने पूर्ववर्तियों से भी आगे हैं। सन् 2017 में उन्होंने कहा था कि विश्व के राष्ट्रों को परमाणु हथियारों का भण्डारण नहीं करना चाहिये, भले ही उनका लक्ष्य निवारक नीति ही क्यों न हो।

जापान विश्व का एकमात्र देश है जिसने परमाणु बम के दुखद परिणाम देखे हैं और इसीलिये वह निरस्त्रीकरण की वकालत करता रहा है, हालांकि, वह भी एक विस्तृत निवारक रूप में अपनी रक्षा के लिये अमरीका की परमाणु छत्रछाया पर भरोसा रखता है।

जापान में मिशनरी होने की मंशा   

अपने पुरोहिताभिषेक के बाद से ही कई बार सन्त पापा फ्राँसिस जापान में मिशनरी कार्य की मंशा व्यक्त करते रहे थे। अपनी तीन दिवसीय जापानी यात्रा के दौरान "प्रच्छन्न ईसाईयों" से भी मुलाकात करेंगे जो ख्रीस्तीय धर्म पर लगे प्रतिबन्ध के अन्धकारपूर्ण काल में भी गुप्त रूप से अपने विश्वास का पालन करते रहे थे। सन् 1873 में ही यह प्रतिबन्ध हटाया जा सका था। इससे पूर्व जापान के ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों को नाना प्रकार उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था। जापान में ख्रीस्तीय धर्म का सूत्रपात सन्त फ्रांसिस ज़ेवियर द्वारा 15 वीं शताब्दी में किया गया था।

जापान के अधिकांश लोग बौद्ध एवं शिन्तो धर्मों के अनुयायी हैं। 12 करोड़ साठ लाख की कुल आबादी में ख्रीस्तीय लोग एक प्रतिशत से भी कम हैं, काथलिकों की संख्या 536,000 है।  

यह जानना भी रुचिकर होगा कि ख्रीस्तीय लोग जापान के अभिजात वर्ग के बीच असमान रूप से मौजूद हैं, जिनमें से कुछ ने धर्म को अपनाए बिना ख्रीस्तीय निजी स्कूलों में भी अपनी पढ़ाई की है। जापान के दो पूर्व प्रधान मंत्री भी काथलिक धर्मानुयायी थे: सन् 1918 से 1921 तक ताकाशी हारा प्रधान मंत्री थे तथा 2008 से 2009 तक तारो आसो जापान के प्रधान मंत्री थे।

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23 November 2019, 11:40