नागासाकी के निशिजाका पहाड़ी पर स्थापित शहीद स्मारक को श्रद्धांजलि अर्पित करते एवं संदेश देते संत पापा नागासाकी के निशिजाका पहाड़ी पर स्थापित शहीद स्मारक को श्रद्धांजलि अर्पित करते एवं संदेश देते संत पापा 

शहीद स्मारक पर संत पापा का संदेश

जापान की प्रेरितिक यात्रा के पहले दिन 23 नवम्बर को संत पापा फ्राँसिस ने नागासाकी के निशिजाका पहाड़ी पर स्थापित शहीद स्मारक को श्रद्धांजलि अर्पित की।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

जापान, रविवार, 24 नवम्बर 2019 (रेई)˸ इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा, "मैंने इस पल का बहुत इंतजार किया है। मैं यहाँ एक तीर्थयात्री के 

रूप में प्रार्थना करने आया हूँ, आपके विश्वास को सुदृढ़ करने और उन भाई बहनों के विश्वास से पुष्ट होने जिन्होंने अपने साक्ष्य और भक्ति से हमारी राह पर दीपक जलाया है। आप सभी के स्वागत के लिए धन्यवाद।"


केवल शहीदों का नहीं, आशीर्वचन का पर्वत

यह तीर्थस्थल उन तस्वीरों और नामों को धारण करता है जो कई सालों पहले शहीद हो गये थे जिसकी शुरूआत 5 फरवरी 1597 को पौल मिकी और उनके साथियों तथा अन्य शहीदों के द्वारा हुई थी, जिन्होंने इस भूमि को अपनी पीड़ा एवं मृत्यु से पवित्र किया।

निशिजाका पहाड़ी पर स्थापित शहीद स्मारक
निशिजाका पहाड़ी पर स्थापित शहीद स्मारक

फिर भी, यह तीर्थस्थल मृत्यु से परे बोलता है। यह मृत्यु पर विजय की बात करता है। संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने इस स्थल को न केवल शहीदों के पर्वत के रूप में किन्तु आशीर्वचन के एक सच्चे पर्वत के रूप में देखा, जहाँ हमारा हृदय लोगों के साक्ष्य से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता जो पवित्र आत्मा से पूर्ण; स्वार्थ, आत्मसंतुष्टि और अहंकार से मुक्त थे, क्योंकि यहीं सुसमाचार की ज्योति प्रेम से प्रज्वलित हुई जिसने अत्याचार एवं तलवार पर विजय पायी।

तीर्थस्थल पास्का का स्मारक

यह तीर्थस्थल सबसे बढ़कर पास्का का स्मारक है क्योंकि यह घोषित करता है कि विपक्ष के सभी सबूतों के बावजूद अंतिम शब्द मृत्यु नहीं वरन् जीवन है। हमारा अंतिम लक्ष्य मृत्यु नहीं जीवन की परिपूर्णता है। इसी संदेश की घोषणा शहीदों ने की। जी हाँ, यहीं हम मौत के अंधेरे एवं शहादत किन्तु पुनरूत्थान के प्रकाश को भी देखते हैं। शहीदों का खून नये जीवन का बीज बन गया जिसको येसु हमें प्रदान करना चाहते हैं। उनका साक्ष्य हमें विश्वास में सुदृढ़ करता तथा उस मिशनरी शिष्यता में हमारे समर्पण एवं प्रतिबद्धता को नवीकृत करने में मदद देता है जो एक ऐसी संस्कृति का निर्माण करने चाहते हैं जिसमें मौन सेवा के दैनिक शहादत द्वारा सभी के जीवन को बढ़ावा मिले एवं उसकी रक्षा हो सके, विशेषकर, जो सबसे अधिक जरूरतमंद हैं।

नागासाकी का शहीद स्थल जहाँ 26 ख्रीस्तीय शहीद हो गये थे
नागासाकी का शहीद स्थल जहाँ 26 ख्रीस्तीय शहीद हो गये थे

शहीदों की कहानी से प्रेरणा

संत पापा ने कहा, "मैं शहीदों के इस स्मारक पर आया हूँ ताकि उन पवित्र जनों को श्रद्धांजलि अर्पित कर सकूँ। किन्तु मैं विनम्रता पूर्वक इसलिए भी आया हूँ कि एक युवा जेस्विट के रूप में मैंने पृथ्वी के दूसरे छोर से आरम्भिक मिशनरियों एवं जापानी शहीदों की कहानी से प्रभावशाली प्रेरणा पायी थी। हम उनके साहसिक बलिदान को कभी न भूलें। यह अतीत का गौरवपूर्ण अवशेष बनकर न रह जाए, जिन्हें संग्रहालयों में सम्मान देने के लिए न रखा जाए बल्कि यह एक जीवित याद बनकर रहे। यह इस भूमि पर प्रेरिताई कार्यों एवं सुसमाचार के नवीनीकरण के लिए प्रेरणा प्रदान करे।" संत पापा ने कामना की कि जापान की कलीसिया आज हर प्रकार की कठिनाइयों के बीच आशा का चिन्ह बने एवं संत पौल मिकी द्वारा क्रूस पर से घोषणा संदेश को हरेक दिन नवीकृत करने के लिए बुलाया गया महसूस कर सके। इस प्रकार वह सभी लोगों के साथ सुसमाचार के आनन्द एवं सुन्दरता को बांट सके जो सत्य और जीवन का मार्ग है। (यो. 14:6) आइये, हम अपने आप को उन सभी चीजों से मुक्त करें जो हमें बोझिल बनाते, और हम दीनता, स्वतंत्रता एवं उदारता के साथ चल सकें।

हमारे समय में विश्वास के कारण शहादत झेल रहे ख्रीस्तियों के साथ

प्रिय भाइयो एवं बहनो, इस स्थान पर हम दुनियाभर के उन ख्रीस्तियों के साथ भी संयुक्त होते हैं जो हमारे समय में विश्वास के कारण शहादत झेल रहे हैं। वे 21वीं सदी के शहीद हैं और उनकी शहादत हमें धन्यता के रास्ते पर साहस के साथ बाहर निकलने का आह्वान करती है। आइये, हम उनके साथ और उनके लिए प्रार्थना करें। आइये, हम आवाज लगायें और जोर दें ताकि विश्व के हर भाग में, चरमपंथ और विभाजन की नीतियों से धार्मिक स्वतंत्रता की गारांटी मिले। असंयमित लाभ प्रणाली या घृणास्पद वैचारिक प्रवृत्ति से मुक्ति मिले जो लोगों के कार्यों एवं भविष्य में हेरफेर करते हैं।

आइये, हम हमारी माता मरियम शहीदों की रानी, संत पौल मिकी और उनके सभी साथियों से प्रार्थना करें, जिन्होंने पूरे इतिहास में प्रभु के अनोखे कार्यों को अपने जीवन द्वारा घोषणा की है, आपके देश एवं पूरी कलीसिया के लिए प्रार्थना करें। उनका साक्ष्य हम सभी में आनन्द एवं मिशन को जागृत एवं पुष्ट करे।

नागासाकी के शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करते संत पापा फ्राँसिस

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24 November 2019, 14:35