पापुआ न्यू गिनी  के कार्डिनल जॉन रिबाट पापुआ न्यू गिनी के कार्डिनल जॉन रिबाट 

अमाजोन की कहानी, हमारी कहानी, कार्डिनल रिबाट

जैसा कि पान-अमाजोन क्षेत्र के लिए धर्माध्यक्षों की धर्मसभा समाप्त हो गयी, पापुआ न्यू गिनी (पीएनजी) के कार्डिनल जॉन रिबाट का कहना है कि धर्मसभा में चर्चा की गई अधिकांश समस्याओं को वे अपने देश में भी पाते हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 30 अक्टूबर 2019 (वाटिकन न्यूज) : पापुआ न्यू गिनी के कार्डिनल जॉन रिबाट ने वाटिकन न्यूज के संवाददाता फादर पॉल सामासूमो के साथ साक्षात्कार में बताया कि अमाजोन क्षेत्र और पापुआ न्यू गिनी के बीच बहुत सारी समानताएँ हैं।

पोर्ट मोरेस्बी के महाधर्माध्यक्ष ने बताया कि अमाजोन के लोग वहाँ अपनी भूमि में हो रहे विकास कार्यों के कारण कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, एक ऐसी स्थिति जहां उन्हें मान्यता प्राप्त नहीं है। उन्हें विकास के हिस्से के रूप में नहीं देखा जा रहा है और कभी-कभी उन्हें अपमानित भी किया जाता है। कलीसिया के अलावा लोगों की कोई भी बात सुनी नहीं जाती है।

कार्डिनल रिबाट के अनुसार धर्मसभा ने आश्वस्त किया कि आदिवासी लोग जहाँ कहीं भी हैं, दुनिया को उनपर और उनकी संस्कृतियों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

कार्डिनल ने कहा कि, "लोग मान्यता और समर्थन के लिए कलीसिया को अपनी एकमात्र आशा के रूप में देखते हैं।"

कार्डिनल रिबाट के लिए, यह धर्मसभा न केवल अमाजोन क्षेत्र के लोगों के लिए बल्कि दुनिया के अन्य हिस्सों, जैसे प्रशांत द्वीप समूह के लोगों के लिए भी प्रेरणादायक थी।

अस्थित्व पर सवाल

कार्डिनल रिबाट ने कहा, "प्रशांत और पापुआ न्यू गिनी में बहुत से द्वीप छोटे होते जा रहे हैं, हम समुद्र से घिरे हुए हैं और हम तूफान और बढ़ते समुद्र के स्तर के दौरान हमारे आस-पास जो कुछ भी हो रहा है, उससे भ्रमित हैं... इस तरह की स्थिति हमारे जीवन को जोखिम में डालती है और हम खुद से सवाल पूछ रहे हैं कि इन सभी द्वीपों के डूब जाने के बाद हम कहां होंगे?”  

प्रशांत के द्वीपों के पास अन्य महाद्वीपों के समान विस्तृत भूमि नहीं है और इसीलिए उनकी थोड़ी भूमि उनके लिए बहुत कीमती है।

उन्होंने कहा, “भूमि लोगों के लिए जीवन है, भूमि सब कुछ है, इसलिए जब आप इसे दूर ले जाते हैं, तो आप लोगों को उनके जीवन से वंचित करते हैं। कोई भी व्यक्ति जमीन का मालिक नहीं है, यह जमीन पूरे समुदाय का है... इसलिए जब आप उनसे छीन लेते हैं, तो पूरा समुदाय परेशान होता है, पूरा समुदाय प्रतिक्रिया करता है और पूरा समुदाय प्रभावित होता है। उन्होंने दोहराया कि लोगों को सुनने और उनकी जरूरतों को प्राथमिकता देने की सबसे ज्यादा जरूरत है।

विश्वास हमारा हथियार

कार्डिनल रिबाट ने कहा कि पापुआ न्यू गिनी में कलीसिया गरीबों और कमजोरों के अधिकारों की रक्षा के प्रति अपनी बात कहना जारी रखेगा।

“हमारे पास हथियार नहीं हैं, हमारा हथियार विश्वास है। हमारा विश्वास प्रभु में हमारी आशा है और हमारी आशा है कि लोगों के लिए उचित न्याय होना चाहिए।” कार्डिनल ने संत पापा फ्राँसिस के प्रेरितिक उद्बोधन ‘लौदातो सी’ का उल्लेख किया है जो उन्हें और पापुआ न्यू गिनी के लोगों को पृथ्वी और पर्यावरण की देखभाल करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

कार्बन उत्सर्जन कम करने की अपील

अमाजोन पर धर्मसभा के बारे में बात करते हुए, कार्डिनल रिबाट ने सरकारों से कलीसिया की आवाज़ सुनने की अपील की। विशेष रूप से, उन्होंने विकसित राष्ट्रों से उत्सर्जित कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को कम करने का आह्वान किया।

कार्डिनल ने कहा, "मैं घर वापस जाकर हमारे लोगों को यह समझने के लिए प्रोत्साहित करूंगा कि अमाजोन क्षेत्र के लोगों के समान, हम एक ही स्थिति का सामना कर रहे हैं। उनके साथ जो हो रहा है वह हमारी कहानी भी है। मैं प्रशांत द्वीप समूह के लोगों से कहूँगा कि हम मिलकर प्रार्थना करें और अपने जीवन के तरीके को बेहतर बनाने की दिशा में काम करें। मैं अपने राजनीतिक नेताओं से बात करने के लिए तैयार हूँ ताकि हम पापुआ न्यू गिनी को प्रगति की ओर आगे बढ़ा सकें। ”

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30 October 2019, 15:54