संत पापा फ्राँसिस संग्रहालय में अमाजोन की कला-कृतियो के सामने संत पापा फ्राँसिस संग्रहालय में अमाजोन की कला-कृतियो के सामने 

संग्रहालय एक सजीव “घर”

वाटिकन संग्रहालय अपने में एक सजीव “घर” बने जहाँ सभी अपने लिए एक स्थान पायें।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 18 अक्टूबर 2019 (रेई) संत पापा फ्रांसिस ने आनीमा मुंदी संग्रहालय के उद्घाटन और वाटिकन संग्रहालय में अमाजोन पर एक प्रदर्शनी के दौरान अपने विचारों को व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक संग्रहालय मात्र नहीं वरन पांरपरिक मूलभूत विचार है जिसका हमने उचित नामकरण आनीमा मुंदी-विश्व की आत्मा किया है।

संग्रहालय एक सजीव “घर”

उन्होंने कहा कि वाटिकन संग्रहालय का बुलावा अपने में एक सजीव “घर” बनने हेतु हुआ है जिसका द्वार सारी दुनिया के लोगों हेतु खुल हो। यह वह स्थान बने जहाँ सभी को अपने प्रतिनिधत्व का एहसास हो जहाँ कलीसिया की नजरें किसी का निषेध न करती हों।

जो कोई यहाँ प्रवेश करें उसे इस बात का एहसास हो कि इस घर में उसके लिए, उसके लोगों और उसके रीति-रिवाजों, संस्कृति हेतु भी एक स्थान है- यूरोपीयन के रुप में भारतीय, चीनी लोगों के रुप में अमाजोन या कोंगो के जंगल, अलास्का या आस्ट्रेलिया की मरूभूमि या प्रंशात महासागर। हम यहाँ सभों को संत पेत्रुस के गुंबद की छत्र-छाया में, कलीसिया के हृदय और संत पापा के निकट पाते हैं।

यहाँ हम कला-कृतियों के मूल्य और उनकी देख-रेख को पाते हैं जैसे कि पुनर्जागरण की उत्कृष्ट कृतियों या अमिट ग्रीक और रोमन मूर्तियों जो अति विशिष्ट रुप में सुरक्षित रखी गई हैं जो हर साल लाखों लोगों को आकर्षित करती हैं। संत पापा ने कहा कि यह एक विशेष स्थल है जहाँ हम वार्ता, दूसरों के लिए खुला रहने और उनसे मिलने हेतु अपने लिए एक स्थान पाते हैं।

पारदर्शित कलीसिया का विशेष गुण

संत पापा ने कला-कृतियों के निर्माता, क्यूरेटर, आर्किटेक्ट, इंजीनियर और श्रमिक के प्रति अपनी कृतज्ञता के भाव प्रकट किये जो पारदर्शिता के संकेतों को प्रकट करते हैं। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता विशेषकर कलीसिया का एक महत्वपूर्ण गुण है। हमें सदा इसकी आवश्यकता होती है। आने वाले सालों में यहाँ विश्व के हजारों रुप प्रदर्शित किये जायेंगे। इस तरह निर्माण हमें एक-दूसरे से वार्ता में प्रवेश करने हेतु प्रेरित करती है। कला के कार्य चूंकि लोगों की आत्मा की अभिव्यक्ति है जो हमें यही संदेश देती है कि हमें एक-दूसरे की संस्कृति को खुले मन और परोपकार की निगाहों से देखने की जरुरत है।

सुन्दरता में एकता

संत पापा ने कहा कि सुन्दरता हमें एकता में लाती है। यह मानव के रुप में हमें भ्रातृत्व में जीने का निमंत्रण देती है जहाँ हम दूसरे संस्कृति के प्रति घृणा, रंगभेद, राष्ट्रवाद से ऊपर उठने हेतु बुलाये जाते हैं।

संत पापा फ्रांसिस ने आनीमा मुंदी संग्रहालय के मूल्यवान कार्यों की देख-रेख करने वाले सभी कार्यकर्ताओं के प्रति अपने हृदय के उद्गार प्रकट किये। उन्होंने अमाजोन प्रांत में कार्यरत विभिन्न धर्मसंघी समुदायों का धन्यवाद किया जिन्होंने इस धर्ससभा के दौरान वहाँ की कला-कृतियों को वाटिकन संग्रहालय तक लाने में मदद की है।  

उन्होंने कहा कि यह जातीय संग्रहालय समय के साथ अपनी विशिष्ट पहचान बनाये और लोगों तथा राष्ट्रों के बीच सद्भाव और शांति के मूल्य की याद दिलाये। कला का यह संग्रहालय यहाँ आने वालों को ईश्वरीय ध्वनि को सुनने में मदद करे। 

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18 October 2019, 17:44