संत पौल धर्मसमाज की धर्मबहनों को संदेश संत पापा संत पौल धर्मसमाज की धर्मबहनों को संदेश संत पापा 

ईश वचन से पहले स्वयं आलोकित हों, संत पापा

संत पापा फ्रांसिस ने संत पौल धर्मसमाज की धर्मबहनों को अपने संदेश में कहा कि कलीसिया और धर्मसमाज की पतझड़ स्थिति अपने में बंजर और मृत्यु का समय नहीं है वरन यह हमें अपने जीवन के मूलभूत चुनाव को मुढ़कर देखने का अवसर देती है।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 04 अक्टूबर 2019 (रेई) संत पापा फ्रांसिस ने संत पौल धर्मसमाज की धर्मबहनों से मुलाकात करते हुए उन्होंने प्रेरिताई कार्य में समर्पित बने रहने का संदेश दिया।

उन्होंने कहा कि आप ने अपने धर्मसभा की विषयवस्तु “उठो और अपनी यात्रा में आगे बढ़ो” चुना है। यह धर्मग्रंथ की वह विषयवस्तु है जो हमें ईश्वर की प्रतिज्ञा पर विश्वास दिया लाती है जहाँ हम अब्राहम, मूसा और ईश प्रजा के अनुभवों से अपने को रुबरु होता पाते हैं। मुक्ति व्यक्तिगत और समुदाय के दोनो रुपों में हमारी उपलब्धता पर निहित है जहां हम ईश्वर द्वारा की गई प्रतिज्ञा के अनुरूप अपने को उनके हाथों में सौंपते हुए जीवन में आगे बढ़ते हैं। यह ईश्वरीय कृपा की अनुभूति है जो हमें येसु ख्रीस्त में मिला है जैसे कि संत पौलुस हमें कहते हैं, “तुमने मुझे नहीं चुना बल्कि मैंने तुम्हें चुना है।” (यो.15.16) यह हमें केवल वर्तमान स्थिति का हवाला नहीं देता बल्कि भविष्य के लिए भी आश्वासन देता है, “मेरे बिना तुम कुछ नहीं कर सकते।” (यो.15.5)

समाज की शुष्कता हमारी सहायता

संत पापा ने कहा कि इस तरह की “नाजुक और विकट” परिस्थिति में हमारे लिए विश्वास की और भी जरुरत है।(प्रेरितिक उद्बोधन भिता कोनसाक्ता13) हममें से कई अपने में कहते हैं कि समर्पित जीवन पतझड़ के समान चल रहा है। हमें ऐसी अनुभव होती है क्योंकि उम्र के साथ हम कमजोरी का शिकार होते जहाँ हमारे कार्य निष्ठा पहले के समान नहीं रह जाते हैं। जीवन के ऐसे पड़ाव में हमें पतझड़ रूपी चुनौती का समान करना है जिसे हम पुनः खिलते हुए अपने में फल ला सकें। समाज की शुष्कता हमें कई बार अपनी जड़ों की ओर जाने हेतु मदद करती है यह हमें सहायता प्रदान करती है। कलीसिया और धर्मसमाज की पतझड़ स्थिति अपने में बंजर और मृत्यु का समय नहीं है वरन यह हमें अपने जीवन के मूलभूत चुनाव को मुढ़कर देखने का अवसर होता है। आप अपने लिए धर्मसमाज के प्रेरिताई कार्य की जड़ों की पुनः खोज करें।

ईश वचन, डीएनए

संत पापा ने कहा कि आप का डीएनए ईश वचनों से उत्पन्न होता है जहाँ आप येसु ख्रीस्त के सुसमाचार को सभों के बीच प्रसारित करने हेतु बुलाये गये हैं। अपने में इस सत्य का एहसास करते हुए कि सुसमाचार की प्रेरिताई के नायक पवित्र आत्मा हैं आप अपने निष्ठापूर्ण कार्य में कमी न आने दें। मैं आशा करता हूँ कि धर्मसमाज की इस आमसभा में आप इस बात पर चिंतन करेंगे कि कैसे हम अपने बुलाहीय जीवन के वर्तमान समय में सुसमाचार के वाहक बन सकते हैं।

यह आज के समय की नर-नारियों के जीवन को विचारपूर्ण निगाहों से निहारते हुए दुनिया की राह में निकले की मांग करता है, जो सुसमाचार के भूखें हैं। वर्तमान हालात सुसमाचार प्रचार हेतु आप सभों के लिए एक चुनौती बनें और जिस परिवेश में आप रहते हैं वहाँ की वास्तविक स्थिति आप को विचलित करे। आप एक दूसरे की निकटता का एहसास करें और अपने हृदय में करूणा के भाव धारण करते हुए जरूरतमदों की सहायता करें। आप अपने जीवन के द्वारा येसु ख्रीस्त का साक्ष्य दें विशेष रुप से आपके संपादकीय कार्य, डिजिटल और मल्टीमीडिया के उत्पादन कार्य, संचार माध्यों का उचित उपयोग और बाइबिल एनीमेशन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रशिक्षण और बढ़ावा।

संत पापा ने कहा कि विश्वास के बिना ये सारे कार्य असंभव हैं- अब्राहम से विश्वास किया और सभी आशओं के विपरीत आशावान बना रहा” (रोम.4.18) मरियम का विश्वास, जो अपने जीवन में होने वाली बातों को नहीं समझने के बावजूद विश्वासी बनी रही। “आप का कथन मुझ में पूरा हो जाये” (लूका. 1.38) पेत्रुस का विश्वास,“प्रभु हम किसके पास जायेंॽ आप के पास अनंत जीवन है।” (यो.6.68)

ईश वचन से स्वयं को आलोकित करें

अपनी थकान और निराशा के समय में ईश्वर नबी एलियस से कहते हैं, “उठो और खाओ” (1 राजा 19.5)। यह कथन हमें भी आज कहा जाता है। आप अपने जीवन में थकान से पीछे न हटें। आप जिस राह में चल रहे हैं वह लम्बा और फलदायक है। आप को और आगे चलना है। ईश्वर के वचनों से पोषित आप अपने जीवन में आगे बढ़ें, जीवन के उस धूप-छांव में आप ईश्वर के वचनों को बोयें। इसकी शुरूआत पर अपने आत्म-चिंतन करते हुए ईश्वर में विश्वास के साथ करें। आप स्वयं को पहले ईश वचनों से आलोकित करें, यह आपके व्यक्तिगत और सामुदायिक जीवन का केन्द्रविन्दु बने।

“उठो और चलो” यह “उठो” शब्द ईब्रानी भाषा में पुनरूत्थान से संबंधित है। यह पास्का की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करता है। यह मिलन की शब्दावली है जो सलोमोन के प्रेम गीत में उपयुक्त हुआ है।(2,10-13) उठना और “निकल पड़ना” हमें मरियम मगदलेना के जीवन को देखने में मदद करता है जो पुनरूत्थान के दिन बड़े सबेरे क्रब के पास पहुँची। (यो.20. 1-2) यह हमें पेत्रुस और दूसरे शिष्य के बारे कहता जो क्रब की ओर दौड़कर आये। (यो.20.3-4) और उससे भी पहले यह माता मरियम के लिए आता है जो एलिजाबेथ की भेंट हेतु गई।(लूक.1.39) आप अपनी राह में पवित्र आत्मा से प्रेरित कुंवारी मरियम और संत पौलुस की तरह शीघ्रता से निकलें जिससे आप भी अपने जीवन और कार्य के द्वारा येसु ख्रीस्त के सुसमाचार को लोगों तक पहुँचा सकें। संत पापा ने कहा कि हमारे पास समय बर्बाद करने को नहीं है। “धिक्कार मुझे यदि मैं सुसमाचार का प्रचार न करूँ।”

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04 October 2019, 17:15