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अक्टूबर माह के लिए संत पापा का वीडियो संदेश अक्टूबर माह के लिए संत पापा का वीडियो संदेश 

अक्टूबर माह में मिशनरियों के लिए प्रार्थना करें, संत पापा

संत पापा फ्रांसिस ने अक्टूबर माह में प्रार्थना की प्रेरिताई में, सभी काथलिकों का आह्वान किया है कि वे मिशनरी जागरूकता लाने के लिए प्रार्थना करें।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 1 अक्तूबर 2019 (रेई)˸ उन्होंने वीडियो संदेश में "येसु और उनकी मृत्यु एवं पुनरूत्थान की घोषणा करने" की मिशनरी जागरूकता को पुनः प्रज्वलित करने तथा चुनौतियों का सामना करने का निमंत्रण दिया है। संत पापा ने अक्टूबर महीने को अतिविशिष्ट प्रेरितिक महीना के रुप में मनाने की घोषणा की है।

अतिविशिष्ट प्रेरितिक महीना घोषित करने का उद्देश्य है राष्ट्रों के लिए मिशन (मिस्सियो एद जेनतेस) की जागरूकता को बढ़ावा देना और नवीकृत उत्साह के साथ कलीसिया के जीवन एवं प्रेरितिक क्रिया-कलापों में मिशनरी परिवर्तन को पुनः लाने का प्रयास करना। परमधर्मपीठीय मिशन सोसाईटी ने संत पापा के शब्दों को दोहराते हुए कहा है कि संत पापा ने अतिविशिष्ट प्रेरितिक महीना के द्वारा यही इच्छा व्यक्त की है कि यह कृपा का एक फलप्रद एवं प्रबल अवसर हो तथा प्रयासों को प्रोत्साहन दिया जा सके सबसे बढ़कर, प्रार्थना को, जो मिशनरी क्रिया-कलाप की आत्मा है।

संत पापा का विडीयो संदेश

मिशनरी पहुँच कलीसिया की सभी गतविधियों की मिसाल है। कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहाँ कलीसिया अभी भी शिशु अवस्था में है और जिसे मदद देने की जरूरत है। वर्तमान में इस तरह के 1,109 क्षेत्र हैं जो अफ्रीका, एशिया, ओस्निया के द्वीप एवं अमरीका में हैं। अनुमानतः विश्वव्यापी कलीसिया का 37 प्रतिशत भाग मिशनरी क्षेत्र में आता है। उन क्षेत्रों में लगातार विकास के कार्य किये जाने होते हैं क्योंकि नये क्षेत्रों के निर्माण के साथ नये सामाजिक, शैक्षणिक और प्रेरितिक संस्थाओं के लिए हर प्रकार की आवश्यकताओं पर ध्यान देना पड़ता है।  

इस वीडियो संदेश में संत पापा फ्राँसिस प्रस्ताव रखते हैं कि हम सुदूर गाँवों तक पहुँचें, उन मानवीय, सांस्कृतिक और धार्मिक पृष्टभूमियों में जो अभी सुसमाचार से अपरिचित हैं। अतः यह बुलावा सभी के लिए है कि हम मिशनरी शिष्यों की तरह सुसमाचार की घोषणा करें। इसका अर्थ बिल्कुल नहीं है कि हम धर्मांतरण के कार्यों को अपनायें बल्कि जीवन का प्रचार करें। "ईश्वर, उनके दिव्य जीवन, उनके करुणावान प्रेम और उनकी पवित्रता का प्रचार करें।"   

पवित्र आत्मा हमें इस मिशन के लिए भेजते हैं, हमारा साथ देते और हमें प्रेरित करते हैं। वे ही मिशन के स्रोत हैं। प्रेरिताई के इस प्रयास की शुरूआत सुसमाचार के आनन्द से होता है। इसका प्रचार लोगों की संस्कृति और परम्परा के प्रति सम्मान के साथ किया जाना चाहिए, इस चेतना के साथ कि प्रार्थना ही प्रेरिताई की आत्मा है।

संत पापा के विश्वव्यापी प्रार्थना की प्रेरिताई के अंतरराष्ट्रीय निदेशक फादर फ्रेडरिक फोरनोस एस. जे. ने इस बात पर जोर दिया है कि "हम मिशन की सेवा में बहुत सारी चीजें और शक्ति खर्च कर सकते हैं किन्तु प्रार्थना के बिना इसका कोई फल प्राप्त नहीं होगा और सब कुछ एक भारी काम की तरह हो जाएगा। हम पवित्र आत्मा के प्रति उदार होने के बदले अपनी शक्ति और इच्छा पर भरोसा करने लगेंगे।

अनुभव सिखलाता है कि प्रार्थना ईश्वर के साथ व्यक्तिगत मुलाकात है जो विश्व में पड़ोसियों और लोगों के प्रति हममें सेवा की भावना जागृत करती है। उन्होंने कहा कि मिशन वास्तव में कोई कर्तव्य अथवा भार नहीं है बल्कि आनन्दमय आज्ञापालन है जो हमारे बपतिस्मा से उत्पन्न होता है, ख्रीस्त में हमारे नये जीवन से, जिसको हम बांटे बिना नहीं रह सकते।"  

विशिष्ट प्रेरितिक महीना शुरू करते हुए संत पापा प्रार्थना करते हैं कि "पवित्र आत्मा बपतिस्मा प्राप्त एवं ख्रीस्त द्वारा कलीसिया के मिशन में भेजे गये सभी लोगों में एक नया मिशनरी झरना उत्पन्न करे।"      

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01 October 2019, 16:18