देवदूत प्रार्थना के उपरांत आशीष देते संत पापा देवदूत प्रार्थना के उपरांत आशीष देते संत पापा 

हर बपतिस्मा प्राप्त व्यक्ति सुसमाचार प्रचार का सहभागी है, पोप

आज की धर्मविधि का दूसरा पाठ संत पौलुस के सम्बोधन को प्रस्तुत करता है जिसमें वे अपने विश्वस्त सहयोगी तिमथी से अनुरोध करते हैं, "सुसमाचार सुनाओ, समय-असमय लोगों से आग्रह करते रहो। बड़े धैर्य से तथा शिक्षा देने के उद्देश्य से लोगों को समझाओ, डाँटो और ढारस बँधाओ।"

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार, 21 अक्टूबर 2019 (रेई)˸ वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 20 अक्टूबर को विश्व मिशन दिवस के अवसर पर संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया, देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।

आज की धर्मविधि का दूसरा पाठ संत पौलुस के सम्बोधन को प्रस्तुत करता है जिसमें वे अपने विश्वस्त सहयोगी तिमथी से अनुरोध करते हैं, "सुसमाचार सुनाओ, समय-असमय लोगों से आग्रह करते रहो। बड़े धैर्य से तथा शिक्षा देने के उद्देश्य से लोगों को समझाओ, डाँटो और ढारस बँधाओ।" (2 तिम. 4,2) संत पापा ने कहा कि संत पौलुस की यह बात हृदय से निकल रही है ताकि तिमथी सुसमाचार प्रचार की जिम्मेदारी को अनुभव कर सके।

एक नई प्रेरणा

संत पापा ने विश्व मिशन दिवस की याद करते हुए कहा, "विश्व मिशन दिवस जिसको आज मनाया जा रहा है यह एक सुन्दर अवसर है कि सभी बपतिस्मा प्राप्त व्यक्ति नवीकृत प्रतिबद्धता के साथ, सुसमाचार एवं स्वर्ग के राज्य की घोषणा करने के लिए सहयोग देने की आवश्यकता के प्रति जागरूक हो सकें। संत पापा बेनेडिक्ट 15वें ने सौ साल पहले, समस्त कलीसिया को मिशनरी जिम्मेदारी की एक नई प्रेरणा देने के लिए प्रेरितिक पत्र मैक्सिमुम इल्लुद  प्रकाशित किया था।" उन्होंने विश्व में मिशन को बढ़ावा दिये जाने की आवश्यकता महसूस की थी, ताकि यह हर प्रकार की औपनिवेशिक झुकाव से शुद्ध हो सके तथा यूरोपीय देशों के विस्तारवादी नीतियों की शर्तों से मुक्त हो सके।

ख्रीस्त हमारी शांति

आज के बदलते परिवेश में भी, संत पापा बेनेडिक्ट 15वें का संदेश जारी है तथा अपने आप में बंद होने के हर प्रलोभन से बाहर निकलने हेतु प्रेरित करता है। यह हर प्रकार की प्रेरितिक निराशा से बचाता और सुसमाचार के आनन्दमय संदेश के लिए खोलता है। हमारा यह समय, जो वैश्वीकरण से प्रभावित है, लोगों के लिए सहयोगी एवं सम्मानपूर्ण हो। यह जो अस्वीकृति एवं सत्ता के लिए पुराने संघर्ष से पीड़ित है जिससे युद्ध और ग्रह के विनाश को ईंधन प्राप्त होता है, विश्वासी एक नयी प्रेरणा के साथ सभी ओर बुलाये जाते हैं, उस सुसमाचार के साथ कि येसु में करुणा के द्वारा पाप से मुक्ति मिल सकती है, आशा भय से मुक्त करती और भाईचारा विद्रोह की भावना से मुक्त करता है। ख्रीस्त हमारी शांति हैं और उनके द्वारा हर प्रकार के विभाजन से छुटकारा मिल सकता है और उन्हीं में सभी लोगों की मुक्ति है।  

मिशन के लिए प्रार्थना एक अनिवार्य शर्त    

मिशन को पूर्णतः जीने के लिए एक अनिवार्य शर्त है, प्रार्थना। एक उत्कट और निरंतर प्रार्थना। येसु की शिक्षा अनुसार आज के सुसमाचार पाठ में भी कहा गया है जहाँ वे "नित्य प्रार्थना करनी चाहिए और कभी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए" (लूक. 18.1) पर एक दृष्टांत सुनाते हैं।

संत पापा ने कहा कि यह ईश प्रजा की ओर से मिशनरियों के लिए पहली मदद है। उन लोगों के लिए प्रकाश एवं कृपा की घोषणा करने के कठिन कार्य के लिए स्नेह और कृतज्ञता है, जिन्होंने सुसमाचार को अभी तक ग्रहण नहीं कर पाया है। आज हमारे लिए यह भी सुन्दर अवसर है कि हम अपने आप से पूछें, क्या मैं मिशनरियों के लिए प्रार्थना करता हूँ? हम इसपर चिंतन करें।

माता मरियम से प्रार्थना

संत पापा ने माता मरियम से प्रार्थना की कि सभी लोगों की माता मरियम, सुसमाचार के मिशनरियों को हर दिन साथ दे और उनकी रक्षा करे।

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

21 October 2019, 15:07